बांसवाड़ा. दरअसल मामला जयपुर रोड स्थित बाल संप्रेषण गृह में रविवार रात का है. लेकिन संप्रेषण गृह प्रभारी की ओर से मामले को दबाए रखा गया और चुपचाप कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट दे दी गई.
यह है मामला
पता चला है कि पूरा घटनाक्रम रात करीब 11 बजे के आस-पास का है. भागने वालों में तीन अपचारी शामिल थे. लेकिन एक को सुरक्षाकर्मियों ने दबोच लिया. सुरक्षा व्यवस्था पर लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपचारी खिड़की तोड़कर भागे जोकि प्री प्लानिंग के बिना संभव नहीं है.
पढ़ें- बारां: मालगाड़ी की चपेट में आने से युवक की मौत
खिड़की तोड़ने का काम भी 1 दिन का नहीं हो सकता लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि 16 बाल अपचारी और 31 बच्चों की निगरानी की व्यवस्था देख रहे संप्रेषण गृह प्रबंधन को भनक तक नहीं लगी.
हैरत की बात यह है कि प्रबंधन की ओर से मामले को अपने स्तर पर ही रखते हुए इसकी किसी को जानकारी नहीं दी और 2 कर्मचारियों को तलाश में लगा दिया. लेकिन जब मामला सिर से पार हो गया तो अंततः कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट दी गई.
पढ़ें- हथियारों के रख-रखाव के मामले में प्रतापगढ़ जिला न्यायाधीश की राज्य सरकार से नाराजगी
प्रभारी ने साधी चुप्पी
इस पूरे मामले में बाल संप्रेषण गृह प्रभारी असीन शर्मा चुप्पी साधे रहे. ईटीवी भारत की ओर से जब उनसे संपर्क किया गया तो मामले में जानकारी देने की बजाय बहानेबाजी करते रहे कि यह बड़ा सेंसेटिव मामला है. शर्मा कैमरे के सामने आना तो दूर अपनी लापरवाही सामने आने के डर से मामले के बारे में कुछ भी जानकारी देने से कन्नी काटते नजर आए.
एक चोरी तो दूसरा दुष्कर्म का आरोपी
आपको बता दें कि भागने वाले बाल अपचारी में से एक गत दिनों 21 अगस्त की रात आनंदपुरी कस्बे में चोरी की नियत से घूमते हुए ग्रामीणों के हत्थे चढ़ा था. पूछताछ में उसने चोरी की वारदात कबूल की और अंतर राज्य चोर गिरोह का सदस्य निकला. वही दूसरा आरोपी नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पुलिस की ओर से डिटेन किया गया था.