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बांसवाड़ा: लॉकडाउन के बीच एक बार फिर से गरीब को घरों में गैस पर खाना बनाने का मिला मौका

लॉकडाउन ने एक बार फिर से गरीब के घर में गैस पर खाना बनाने का मौका दिया. हर गरीब की रसोई को गैस कनेक्शन से जोड़ने वाली केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत घाटोल क्षेत्र में 24,290 कनेक्शन दिए गए है. लेकिन महंगे गैस रिफिल के कारणों दोबारा गैस भरवाना अभी भी गरीबों के लिए बेहद मुश्किल है.

बांसवाड़ा की खबर, lockdown 3.0
उज्ज्वला योजना के तहत घाटोल क्षेत्र में दिए गए गैस कनेक्शन
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Published : May 8, 2020, 9:18 PM IST

घाटोल (बांसवाड़ा). कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने एक बार फिर से गरीब के घरों में गैस पर खाना बनाने का मौका दिया. हर गरीब की रसोई को गैस कनेक्शन से जोड़ने वाली केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत घाटोल क्षेत्र में 24,290 कनेक्शन दिए गए है.

लेकिन, ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि इसमें से 25 से 30 फीसदी कनेक्शन ऐसे है, जो की कनेक्शन के साथ में मिले सिलेंडर की गैस खत्म होने के बाद आज तक कभी दोबारा रिफिल नहीं हुए थे. ग्रामीणों ने बताया कि जो पहले गैस सिलेंडर की सब्सिडी काटकर कर पैसा देना पड़ता था. जिससे गैस सिलेंडर 350 से 400 रुपये में उपलब्ध हो जाता था.

लेकिन, अब सारा पैसा पहले देना पड़ता और सब्सिडी बाद में खाते में जमा होती है. जिस कारण गैस का सिलेंडर का 700 रुपये एक साथ देने पड़ते है जो कि गरीब परिवार के लिए असम्भव है. अब लॉकडाउन में गरीब कल्याण योजना ने एक बार फिर गरीब के घर में गैस चूल्हे पर खाना बनाने का दिया मौका दिया.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उज्जवला योजना कनेक्शन के लाभार्थियों को तीन माह तक तीन गैस सिलेंडर रिफिल कराने का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में जाम करवा रही है.

जिसके बाद उज्जवला योजना के कई गैस कनेक्शन जो कि 2 से 3 साल में कभी रिफिल नही ऐसे उपभोक्ताओं के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी साबित हो रही है. घाटोल में इंडियन गैस एजेंसी संचालक को बताया कि पहले घाटोल प्रतिदिन दो सौ से ढाई सौ सिलेंडर रिफिल हो जाते हैं.

पढ़ें: कोरोना के खिलाफ रामायण के पात्रों के किरदार में लोगों को जागरूक कर रहे ये बच्चे

लेकिन, लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उज्वला योजना के लाभार्थियों के खाते में गैस सिलेंडर रिफिल कराने की राशि जमा होने के बाद प्रतिदिन 600 से 700 सिलेंडर सप्लाई हो रहा है. यही स्थिति पूरे जनजाति क्षेत्र बांसवाड़ा-डूंगरपुर में है.

घाटोल (बांसवाड़ा). कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने एक बार फिर से गरीब के घरों में गैस पर खाना बनाने का मौका दिया. हर गरीब की रसोई को गैस कनेक्शन से जोड़ने वाली केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत घाटोल क्षेत्र में 24,290 कनेक्शन दिए गए है.

लेकिन, ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि इसमें से 25 से 30 फीसदी कनेक्शन ऐसे है, जो की कनेक्शन के साथ में मिले सिलेंडर की गैस खत्म होने के बाद आज तक कभी दोबारा रिफिल नहीं हुए थे. ग्रामीणों ने बताया कि जो पहले गैस सिलेंडर की सब्सिडी काटकर कर पैसा देना पड़ता था. जिससे गैस सिलेंडर 350 से 400 रुपये में उपलब्ध हो जाता था.

लेकिन, अब सारा पैसा पहले देना पड़ता और सब्सिडी बाद में खाते में जमा होती है. जिस कारण गैस का सिलेंडर का 700 रुपये एक साथ देने पड़ते है जो कि गरीब परिवार के लिए असम्भव है. अब लॉकडाउन में गरीब कल्याण योजना ने एक बार फिर गरीब के घर में गैस चूल्हे पर खाना बनाने का दिया मौका दिया.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उज्जवला योजना कनेक्शन के लाभार्थियों को तीन माह तक तीन गैस सिलेंडर रिफिल कराने का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में जाम करवा रही है.

जिसके बाद उज्जवला योजना के कई गैस कनेक्शन जो कि 2 से 3 साल में कभी रिफिल नही ऐसे उपभोक्ताओं के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी साबित हो रही है. घाटोल में इंडियन गैस एजेंसी संचालक को बताया कि पहले घाटोल प्रतिदिन दो सौ से ढाई सौ सिलेंडर रिफिल हो जाते हैं.

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लेकिन, लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उज्वला योजना के लाभार्थियों के खाते में गैस सिलेंडर रिफिल कराने की राशि जमा होने के बाद प्रतिदिन 600 से 700 सिलेंडर सप्लाई हो रहा है. यही स्थिति पूरे जनजाति क्षेत्र बांसवाड़ा-डूंगरपुर में है.

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