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खेमराज समिति की रिपोर्ट के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर कर्मचारियों का प्रदर्शन, रिपोर्ट की प्रतियां जलाई - EMPLOYEES DEMONSTRATION

खेमराज समिति की रिपोर्ट के​ खिलाफ कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और समिति की रिपोर्ट की प्रतियां जलाई.

Employees demonstration
खेमराज समिति की रिपोर्ट के विरोध में प्रदर्शन करते कर्मचारी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 7, 2025, 4:24 PM IST

जयपुर: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर शुक्रवार को महासंघ की जिला शाखाओं की ओर से 11 सूत्रीय मांग पत्र के समर्थन और खेमराज समिति की रिपोर्ट के विरोध में प्रदर्शन किया गया. जयपुर में कलेक्ट्रेट पर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके नारेबाजी की और रिपोर्ट की प्रतियां जलाई.

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा ने इस मौके पर कहा कि महासंघ का 11 सूत्रीय मांग पत्र लंबे समय से सरकार के पास विचाराधीन है, लेकिन इन मांगों पर सरकार की संवादहीनता आश्चर्यजनक है. खेमराज चैधरी समिति की रिपोर्ट में अधीनस्थ सेवाओं के 8 लाख कर्मचारियों की वित्तीय एवं प्रशासनिक हितों की उपेक्षा की गई है, इससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने आरोप लगाया कि समिति की रिपोर्ट सरकार के इशारों पर बनाई गई है. रिपोर्ट में राज्य सेवा के उन अधिकारियों को लाभांवित किया गया है जो ज्ञापन देने भी नहीं गए एवं जिन कर्मचारी संगठनों ने सम्पूर्ण तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखा उनकी एक भी मांग स्वीकार नहीं की गई, इसलिए महासंघ खेमराज समिति की रिपोर्ट की प्रतियां जलाने को विवश हुआ है. खेमराज समिति की रिपोर्ट में प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों में से मुश्किल से एक प्रतिशत कर्मचारियों को ही कुछ राहत दी गई है.

कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: खेमराज समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक किए बिना लागू होने पर कर्मचारियों में आक्रोश, सीएम से रखी ये मांग

पदोन्नति में भेदभाव: शर्मा ने कहा कि खेमराज समिति रिपोर्ट में वेतन विसंगतियों को दूर नहीं किया गया. पदोन्नति के अवसरों में भेदभाव किया गया है. कार्यालयों में बैठने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति के अवसर 60 से 70% है, जबकि फील्ड में रहने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति के अवसर मात्र 10 से 15 फीसदी ही है. उन्होंने चार पदोन्नति के वेतनमान देने की मांग की. महावीर शर्मा ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई कि बजट से पूर्व मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों से दो बार संवाद किया, लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों ने उनसे एक बार भी वार्ता नहीं की. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

एनपीएस की राशि जीपीएफ में जमा कराएं: महासंघ के प्रदेश महामंत्री महावीर सिहाग ने कहा कि मुख्य मांग पीएफआरडीए बिल रद्द करना, एनपीएस में काटे गए 53 हजार करोड़ रुपए जीपीएफ खातों में जमा कराना, अधीनस्थ सेवा के कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध करवाना, 9, 18, 27 वर्ष की सेवा पर चयनित वेतनमान के स्थान पर 8, 16, 24 एवं 32 वर्ष की सेवा पर चयनित वेतनमान उपलब्ध करवाना और न्यूनतम वेतनमान 26 हजार रुपए करना है, ये सभी मांगे लंबित हैं. महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता भगवती प्रसाद ने बताया कि जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर कर्मचारी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए और जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया.

जयपुर: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर शुक्रवार को महासंघ की जिला शाखाओं की ओर से 11 सूत्रीय मांग पत्र के समर्थन और खेमराज समिति की रिपोर्ट के विरोध में प्रदर्शन किया गया. जयपुर में कलेक्ट्रेट पर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके नारेबाजी की और रिपोर्ट की प्रतियां जलाई.

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा ने इस मौके पर कहा कि महासंघ का 11 सूत्रीय मांग पत्र लंबे समय से सरकार के पास विचाराधीन है, लेकिन इन मांगों पर सरकार की संवादहीनता आश्चर्यजनक है. खेमराज चैधरी समिति की रिपोर्ट में अधीनस्थ सेवाओं के 8 लाख कर्मचारियों की वित्तीय एवं प्रशासनिक हितों की उपेक्षा की गई है, इससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने आरोप लगाया कि समिति की रिपोर्ट सरकार के इशारों पर बनाई गई है. रिपोर्ट में राज्य सेवा के उन अधिकारियों को लाभांवित किया गया है जो ज्ञापन देने भी नहीं गए एवं जिन कर्मचारी संगठनों ने सम्पूर्ण तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखा उनकी एक भी मांग स्वीकार नहीं की गई, इसलिए महासंघ खेमराज समिति की रिपोर्ट की प्रतियां जलाने को विवश हुआ है. खेमराज समिति की रिपोर्ट में प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों में से मुश्किल से एक प्रतिशत कर्मचारियों को ही कुछ राहत दी गई है.

कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat Jaipur)

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पदोन्नति में भेदभाव: शर्मा ने कहा कि खेमराज समिति रिपोर्ट में वेतन विसंगतियों को दूर नहीं किया गया. पदोन्नति के अवसरों में भेदभाव किया गया है. कार्यालयों में बैठने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति के अवसर 60 से 70% है, जबकि फील्ड में रहने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति के अवसर मात्र 10 से 15 फीसदी ही है. उन्होंने चार पदोन्नति के वेतनमान देने की मांग की. महावीर शर्मा ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई कि बजट से पूर्व मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों से दो बार संवाद किया, लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों ने उनसे एक बार भी वार्ता नहीं की. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

एनपीएस की राशि जीपीएफ में जमा कराएं: महासंघ के प्रदेश महामंत्री महावीर सिहाग ने कहा कि मुख्य मांग पीएफआरडीए बिल रद्द करना, एनपीएस में काटे गए 53 हजार करोड़ रुपए जीपीएफ खातों में जमा कराना, अधीनस्थ सेवा के कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध करवाना, 9, 18, 27 वर्ष की सेवा पर चयनित वेतनमान के स्थान पर 8, 16, 24 एवं 32 वर्ष की सेवा पर चयनित वेतनमान उपलब्ध करवाना और न्यूनतम वेतनमान 26 हजार रुपए करना है, ये सभी मांगे लंबित हैं. महासंघ के प्रदेश प्रवक्ता भगवती प्रसाद ने बताया कि जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर कर्मचारी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए और जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया.

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