बांसवाड़ा. जिले के कुशलगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में उपखंड अधिकारी सुमन मीणा की देखरेख में शराब की दुकान पर मारे गए छापे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. दुकान से बरामद रजिस्टर में सीआई से लेकर डीवाईएसपी तक ना केवल फ्री में शराब पहुंचाई जा रही थी बल्कि नगदी भी दी जा रही थी. इस खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक ने स्पेशल जांच कराने की बात कही है.
दरअसल, 3 दिन पहले एमआरपी से अधिक राशि वसूली की एक शिकायत पर कुशलगढ़ एसडीएम सुमन मीणा ने आबकारी विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में कुशलगढ़ में लाइसेंसी विकास टांक रतलाम की अंग्रेजी शराब की दुकान पर अचानक छापा मारा. वहां पर 20 लीटर की केन बरामद हुई. जिसमें केमिकल नेम आफ कोई पदार्थ था.
संभवत दुकान में नकली शराब बनाई जा रहा थी. विक्री रजिस्टर कई महीनों से अपडेट नहीं पाया गया वहीं एक अन्य रजिस्टर में सर्कल इंस्पेक्टर से लेकर डिप्टी एसपी कथा 20 फरवरी से लेकर चौकी प्रभारी और पुलिस के ड्राइवर तक मंथली दिए जाने का उल्लेख पाया गया है.
इस रजिस्टर में अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 की मंथली के अंतर्गत शराब की बोतलों के अलावा पुलिस अधिकारियों को उनकी पोस्ट के अनुरूप नगदी राशि दिए जाने का भी हवाला मिला है. मौके से सेल्स मेन को गिरफ्तार कर लिया गया वहीं तीन अन्य सेल्स मैन की तलाश की जा रही है.
पेटी कांटेक्ट पर चल रही थी दुकान-
बताया जाता है कि शराब की दुकान रतलाम निवासी विकास टाक के नाम से खुली थी जो लंबे समय से पेटी कांटेक्ट पर चलाई जा रही थी. यह दुकान डूंगरपुर के किसी व्यक्ति द्वारा चलाए जाने की बात सामने आई है. पुलिस विभाग के अधिकारियों की मंथली का हवाला मिलने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि हालांकि रजिस्टर में कोई भी व्यक्ति कुछ भी लिख सकता है हम उसका वेरिफिकेशन करवा कर यदि को सत्यता पाई जाती है. संबंधित आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. उधर जिला आबकारी अधिकारी हरफूल चंदोलिया ने बताया कि हमने दुकान का सारा माल जप्त कर लिया है, जो केन पाई गई थी उसमें ट्रांसपोर्टेशन के दौरान टूटी हुई बोतलों की शराब कलेक्ट की गई थी. कोई नकली शराब जैसा मामला नहीं था.
दुकान लाइसेंस निरस्त करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. दुकानदार के खिलाफ अवैध शराब रखने तथा लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने सहित आबकारी अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है. एक सेल्स मेन को गिरफ्तार किया गया है.
यूं हुआ खुलासा-
बताया जा रहा है कि कार्रवाई से 2 दिन पहले एक युवक इस दुकान पर पहुंचा था जहां पर एमआरपी से अधिक राशि वसूली गई. उसके विरोध पर सेल्स मेन द्वारा एक रजिस्टर बताया गया जिसमें पुलिस अधिकारियों को मंथली दिए जाने का हवाला था. इस युवक ने गोपनीय तरीके से रजिस्टर का वीडियो बना लिया साथ ही एमआरपी से अधिक दाम वसूली को भी कैद कर लिया. बाद में यह वीडियो उपखंड अधिकारी के पास पहुंचा. इस पर उपखंड अधिकारी ने आबकारी विभाग बांसवाड़ा से अधिकारियों को बुलाकर अचानक कार्रवाई के आदेश दिए.