बांसवाड़ा. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए बांसवाड़ा के MG Hospital ने बच्चों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. अगर कोरोना बच्चों को अपने चपेट में ले और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़े तो ऐसे में बच्चों के अंदर डर अपने आप ही बढ़ जाता है. ऊपर से कोविड-19 व्यक्ति के साथ किसी को रख भी नहीं सकते. रंगों और तस्वीरों की दुनिया से हमेशा जुड़े रहने वाले बच्चे ऐसे में और ज्यादा घबरा जाते हैं.
ऐसी ही तमाम समस्याओं का समाधान जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बांसवाड़ा के एमजी अस्पताल में खोज निकाला है. यहां महात्मा गांधी अस्पताल (Mahatma Gandhi Hospital) में चीकू नाम से बच्चों का वार्ड बनाया गया है. इस वार्ड में 50 बेड की व्यवस्था है. बेड के ऊपर कोई न कोई एक तस्वीर जरूर उकेरी गई है.
छोटा भीम से लेकर डोरेमोन तक
कक्ष के अंदर की तस्वीरों को देखा जाए तो पता चलता है कि दिवारों पर तमाम कार्टून करेक्टर की तस्वीरें बनाई गई है, जोकि अक्सर बच्चे घरों में टीवी पर देखते हैं. यहां पर छुटकी, गणेश के साथ ही कई पशु पक्षियों के चित्र भी बनाए गए हैं. इसके पीछे का तर्क यह है कि जब बच्चे इमरजेंसी में इस वार्ड में भर्ती होंगे तो वह इन्हें देखकर अपने आप में आनंदित महसूस करेंगे.
अस्पताल में कुल 100 बेड बच्चों के लिए आरक्षित
महात्मा गांधी अस्पताल में बच्चों के लिए कुल 100 बेड आरक्षित किए गए हैं. इसमें पीकू नाम से एक वार्ड बनाया गया है जिसमें क्रिटिकल स्थिति वाले बच्चों को रखा जा सकेगा इसमें 20 बेड हैं. इसके बाद चीकू वार्ड है जिसमें 50 बेड हैं. अस्पताल की दूसरी मंजिल पर कुछ स्पेशलिटी को मिलाकर के 30 वार्ड अलग से लगाए गए हैं. इनको भी 2 वार्ड में बांटा गया है.