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बांसवाड़ा: बाल संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

बांसवाड़ा के घाटोल में शुक्रवार को बाल संरक्षण विषय पर सरपंच और ग्राम विकास अधिकारियों का एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन हुआ. जिसमें अधिकारियों ने बच्चों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने और बाल मैत्री वातावरण निर्माण कर ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प व्यक्त किया.

banswara news, बांसवाड़ा न्यूज
बाल संरक्षण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन
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Published : Aug 14, 2020, 10:01 PM IST

घाटोल (बांसवाड़ा). जिले के घाटोल में चाइल्ड राइट्स फॉर चेंज परियोजना के अंतर्गत वाग्धारा संस्था, सेव द चिल्ड्रन और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में बाल सरंक्षण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण रखा गया था, जो शुक्रवार को घाटोल पंचायत समिति के प्रशिक्षण के साथ समपन्न हुआ. जिसमें घाटोल पंचायत समिति की समस्त ग्राम पंचायतों से सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने बच्चों के हितो को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने और बाल मैत्री वातावरण निर्माण कर ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प व्यक्त किया.

पढ़ें- Exclusive: ICU और कोविड-19 वार्ड के बीच कॉमन लैट-बाथ, गंभीर रोगियों पर मंडरा रहा कोरोना का खतरा

जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य मधुसुदन व्यास ने मुख्य वक्ता के रूप में उक्त विषय पर अपनी बात रखी. प्रशिक्षण की अध्यक्षता विकास अधिकारी हरिकेश मीणा ने की. वाग्धारा से बाल अधिकार कार्यक्रम अधिकारी सैम जैकब ने पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के ढांचे, समिति के उत्तरदायित्व और जिम्मेदारियां और समिति को कार्यशील बनाने पर पॉवर पॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से चर्चा की.

जिला बाल कल्याण समिति सदस्य मधुसुदन व्यास ने प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित सहभागियों से निवेदन किया की अगर हमको महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करना है तो सबसे पहले हम सबको बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए उनके संरक्षण को सुनिश्चित किया जाना अत्यंत जरुरी है.

विकास अधिकारी हरिकेश मीणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि पूरी पंचायत समिति को बाल मित्र बनाने के लिए हर ग्राम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समितियों का गठन वाग्धारा संस्था के सहयोग से किया जा चूका है और नियमित मासिक बैठकों के माध्यम से उनको क्रियाशील बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसीलिए जब तक समिति के सदस्य स्वयं बच्चों की वर्तमान स्थिति को आत्मसात कर दिल से उनके संरक्षण के बारे में नहीं सोचेंगे तब तक समेकित बाल संरक्षण योजना का प्रभावी क्रियान्वयन जमीनी स्तर तक नहीं हो पाएगा. इसलिए हम सभी जिम्मेदार लोगों को बच्चों के प्रति संवेदनशील होकर इन समितियों में अपनी जिम्मेदारी पूरी इमानदारी के साथ निभानी होगी ताकि आने वाले समय में पुरे जिले में घाटोल पंचायत समिति एक आदर्श बाल मित्र पंचायत समिति के रूप में अपनी पहचान साबित करें.

पढ़ें- बांसवाड़ा: महेंद्र की मौत के मामले में कलाल समाज पुलिस जांच से असंतुष्ट, निकाली रैली

संस्था सचिव जयेश जोशी ने बताया की पुरे जिले को बाल मित्र बनाने के उद्देश्य से समस्त सरपंच, ग्राम विकास अधिकारीयों, ब्लॉक और जिला स्तरीय अधिकारीयों के साथ नियमित संवाद किए जाने की महत्ती आवश्यकता है, इसलिए संस्था की ओर से इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए एक वाट्सअप ग्रुप बनाया जाएगा. जिसमें बाल संरक्षण विषय पर नियमित संवाद की एक कड़ी का आयोजन किया जाएगा ताकि आने वाले समय में पूरे जिले में बाल संरक्षण समितियों को कार्यशील बनाकर बाल मित्र वातावरण का निर्माण किया जा सके.

घाटोल (बांसवाड़ा). जिले के घाटोल में चाइल्ड राइट्स फॉर चेंज परियोजना के अंतर्गत वाग्धारा संस्था, सेव द चिल्ड्रन और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में बाल सरंक्षण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण रखा गया था, जो शुक्रवार को घाटोल पंचायत समिति के प्रशिक्षण के साथ समपन्न हुआ. जिसमें घाटोल पंचायत समिति की समस्त ग्राम पंचायतों से सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने बच्चों के हितो को सर्वोच्च प्राथमिकता दिए जाने और बाल मैत्री वातावरण निर्माण कर ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने का संकल्प व्यक्त किया.

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जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य मधुसुदन व्यास ने मुख्य वक्ता के रूप में उक्त विषय पर अपनी बात रखी. प्रशिक्षण की अध्यक्षता विकास अधिकारी हरिकेश मीणा ने की. वाग्धारा से बाल अधिकार कार्यक्रम अधिकारी सैम जैकब ने पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के ढांचे, समिति के उत्तरदायित्व और जिम्मेदारियां और समिति को कार्यशील बनाने पर पॉवर पॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से चर्चा की.

जिला बाल कल्याण समिति सदस्य मधुसुदन व्यास ने प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित सहभागियों से निवेदन किया की अगर हमको महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करना है तो सबसे पहले हम सबको बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए उनके संरक्षण को सुनिश्चित किया जाना अत्यंत जरुरी है.

विकास अधिकारी हरिकेश मीणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि पूरी पंचायत समिति को बाल मित्र बनाने के लिए हर ग्राम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समितियों का गठन वाग्धारा संस्था के सहयोग से किया जा चूका है और नियमित मासिक बैठकों के माध्यम से उनको क्रियाशील बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसीलिए जब तक समिति के सदस्य स्वयं बच्चों की वर्तमान स्थिति को आत्मसात कर दिल से उनके संरक्षण के बारे में नहीं सोचेंगे तब तक समेकित बाल संरक्षण योजना का प्रभावी क्रियान्वयन जमीनी स्तर तक नहीं हो पाएगा. इसलिए हम सभी जिम्मेदार लोगों को बच्चों के प्रति संवेदनशील होकर इन समितियों में अपनी जिम्मेदारी पूरी इमानदारी के साथ निभानी होगी ताकि आने वाले समय में पुरे जिले में घाटोल पंचायत समिति एक आदर्श बाल मित्र पंचायत समिति के रूप में अपनी पहचान साबित करें.

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संस्था सचिव जयेश जोशी ने बताया की पुरे जिले को बाल मित्र बनाने के उद्देश्य से समस्त सरपंच, ग्राम विकास अधिकारीयों, ब्लॉक और जिला स्तरीय अधिकारीयों के साथ नियमित संवाद किए जाने की महत्ती आवश्यकता है, इसलिए संस्था की ओर से इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए एक वाट्सअप ग्रुप बनाया जाएगा. जिसमें बाल संरक्षण विषय पर नियमित संवाद की एक कड़ी का आयोजन किया जाएगा ताकि आने वाले समय में पूरे जिले में बाल संरक्षण समितियों को कार्यशील बनाकर बाल मित्र वातावरण का निर्माण किया जा सके.

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