बांसवाड़ा. जिले में अब सहकारिता विभाग ने फलों के रूप में आम को घर-घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया गया है. इसके लिए विभिन्न प्रकार के आमों की कीमत अलग-अलग तय की गई है. आम के फलों के वाहन को कलेक्ट्रेट से शनिवार को कलेक्टर अंकित कुमार, एसीईओ राजकुमार शर्मा और अन्य अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. सहकारिता विभाग का दावा है कि बाजार की दर से 20% कम पर आम उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके लिए बांसवाड़ा शहर का कोई व्यक्ति कम से कम 5 किलो आम के आर्डर देगा, तो उन्हें घर पर उपलब्ध करा दिया जाएगा.
पूरे राजस्थान का 26% आम बांसवाड़ा में
बांसवाड़ा जिले में 30 से ज्यादा प्रकार के आम की फसलें किस्म पैदा होती है. इनमें लंगड़ा, दशहरी, तोतापुरी, केसर, मुंबई, ग्रीन मल्लिका, चौसा, कलमी और अन्य शामिल है. पूरे प्रदेश में जितनी आम की फसल पैदा होती है, उसका 26% आम अकेले बांसवाड़ा में पैदा होता है. इस कारण से यहां पर आम की बहुत बड़ी पैदावार होती है और यहां का आम दिल्ली-एनसीआर की मंडियों में बहुत लोकप्रिय है.
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बीते दिनों तो तौकते तूफान आने के बाद किसानों की स्थिति बिगड़ गई है. समय से पूर्व हुई बारिश ने आम की फसल को खराब किया, दूसरा आंधी तूफान के कारण बड़ी मात्रा में आम पेड़ों से गिर गए. इसके साथ ही इस समय लॉकडाउन लगा हुआ है. इस कारण यहां का आम बाहर नहीं जा पा रहा है. इसलिए किसानों के सामने एक बड़ी समस्या आ गई कि वे फसल को कैसे और कहां पर बेचे.