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कोरोना काल में गहलोत सरकार की नीतियों पर अब बांसवाड़ा में बीजेपी नेता हकरू मईडा ने साधा निशाना - Corona period in Banswara

कोरोना काल में गहलोत सरकार की नीतियों पर अब बीजेपी नेता हकरू मईडा ने निशाना साधा है. बांसवाड़ा में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में राज्य सरकार किसी भी परिवार को भूखा नहीं मरने देने का दावा कर रही है. लेकिन, हकीकत कुछ और ही है. भामाशाह द्वारा जिला प्रशासन और नगर परिषद को दी जा रही सहायता राशि के जरिए ही खाद्य सामग्री और भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं.

बांसवाड़ा में बीजेपी नेता, Banswara News
बांसवाड़ा में बीजेपी नेता हकरू मईडा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
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Published : Apr 24, 2020, 4:02 PM IST

बांसवाड़ा. कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार की व्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को बांसवाड़ा में किए जा रहे प्रबंधों को लेकर भाजपा कार्यालय में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हकरू मईडा ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने जरूरतमंदों के लिए सरकारी स्तर पर किए जा रहे प्रबंध को ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया.

बांसवाड़ा में बीजेपी नेता हकरू मईडा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
पार्षद महावीर बोरा द्वारा प्रेस वार्ता का विषय बताने के बाद हकरू मईडा ने कहा कि संकट के इस दौर में राज्य सरकार किसी भी परिवार को भूखा नहीं मरने देने का दावा कर रही है. लेकिन, हकीकत कुछ और ही है. खुद जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने 11 हजार 700 परिवारों को खाद्यान्न पैकेट पहुंचाने की बात कही है, जबकि जिले की आबादी ही 20 लाख से ज्यादा है. ऐसे में कितने लोगों की मदद हो पाएगी, इसका बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए अलग से कोई फंड जारी नहीं किया गया है. भामाशाह द्वारा जिला प्रशासन और नगर परिषद को दी जा रही सहायता राशि के जरिए ही खाद्य सामग्री और भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं.पढ़ें: PM पर रघु शर्मा के बयान की वसुंधरा राजे ने की निंदा...कहा- झूठा आरोप


वहीं, एक सवाल पर उन्होंने माना कि जनजाति वर्ग के बड़ी संख्या में लोग गुजरात, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में फंसे हुए हैं. ऐस में उन्होंने कहा कि शहर विधायक बामणिया खुद जनजाति मंत्रालय संभाल रहे हैं, ऐसे में जनजाति विभाग के जरिए अन्य राज्यों में फंसे क्षेत्र के लोगों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही कहा कि एक ओर गहलोत सरकार अन्य राज्यों से अपने लोगों को ले जाने की अपील कर रही है. वहीं, वागड़ अंचल के छात्र-छात्राओं और लोगों को लाने की दिशा में गहलोत सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. लेकिन, भारतीय जनता पार्टी उन लोगों के साथ खड़ी है और अपने स्तर पर केंद्रीय मंत्रियों तक संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है. बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद कनक मल कटारा अपने स्तर पर ऐसे लोगों का आंकड़ा एकत्र कर उनकी घर वापसी की दिशा में केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं.

बांसवाड़ा. कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार की व्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को बांसवाड़ा में किए जा रहे प्रबंधों को लेकर भाजपा कार्यालय में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हकरू मईडा ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने जरूरतमंदों के लिए सरकारी स्तर पर किए जा रहे प्रबंध को ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया.

बांसवाड़ा में बीजेपी नेता हकरू मईडा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
पार्षद महावीर बोरा द्वारा प्रेस वार्ता का विषय बताने के बाद हकरू मईडा ने कहा कि संकट के इस दौर में राज्य सरकार किसी भी परिवार को भूखा नहीं मरने देने का दावा कर रही है. लेकिन, हकीकत कुछ और ही है. खुद जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने 11 हजार 700 परिवारों को खाद्यान्न पैकेट पहुंचाने की बात कही है, जबकि जिले की आबादी ही 20 लाख से ज्यादा है. ऐसे में कितने लोगों की मदद हो पाएगी, इसका बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए अलग से कोई फंड जारी नहीं किया गया है. भामाशाह द्वारा जिला प्रशासन और नगर परिषद को दी जा रही सहायता राशि के जरिए ही खाद्य सामग्री और भोजन के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं.पढ़ें: PM पर रघु शर्मा के बयान की वसुंधरा राजे ने की निंदा...कहा- झूठा आरोप


वहीं, एक सवाल पर उन्होंने माना कि जनजाति वर्ग के बड़ी संख्या में लोग गुजरात, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में फंसे हुए हैं. ऐस में उन्होंने कहा कि शहर विधायक बामणिया खुद जनजाति मंत्रालय संभाल रहे हैं, ऐसे में जनजाति विभाग के जरिए अन्य राज्यों में फंसे क्षेत्र के लोगों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही कहा कि एक ओर गहलोत सरकार अन्य राज्यों से अपने लोगों को ले जाने की अपील कर रही है. वहीं, वागड़ अंचल के छात्र-छात्राओं और लोगों को लाने की दिशा में गहलोत सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. लेकिन, भारतीय जनता पार्टी उन लोगों के साथ खड़ी है और अपने स्तर पर केंद्रीय मंत्रियों तक संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है. बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद कनक मल कटारा अपने स्तर पर ऐसे लोगों का आंकड़ा एकत्र कर उनकी घर वापसी की दिशा में केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं.

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