घाटोल (बांसवाड़ा). घाटोल उपखण्ड के कुवानिया ग्राम पंचायत जाने के लिए सेनावासा नेशनल हाईवे 113 से कुवानिया तक आजादी के 7 दशक में पहली बार डामर सड़क का निर्माण हुआ. सड़क निर्माण के दौरान इस गांव के लोगों मे काफी खुशी थी. लेकिन ग्रामीणों कि खुशी ठेकेदार की मोटी कमाई के फेर में ज्यादा दिन नही टिक पाई.
लाखों की लागत से बनी यह सड़क, निर्माण के एक माह के भीतर ही अपना जवाब दे गई. यह सड़क निर्माण के एक माह के भीतर ही टूट गई. वर्तमान में इस सड़क पर डामर कम और गिट्टी ज्यादा नजर आ रही है. निर्माण के एक माह में ही सड़क टूटने के बाद भी पीडब्लयूडी विभाग की तरफ से सम्बंधित ठेकेदार के खिलाफ न तो कोई एक्शन लिया और न कोई कार्रवाई की गई. ऐसे में पीडब्लयूडी विभाग और ठेकेदारों की मिलीभगत का मामला जाहिर हो रहा है.
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ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य भी ठेकेदार की तरफ से देरी से शुरू किया गया था. जिसके बाद ठेकेदार ने आधा अधूरा कार्य कर, निर्माण कार्य बंद कर दिया. वर्तमान में सड़क का निर्माण कार्य भी पूरा नही हुआ और सड़क पूरी तरह टूट गई है. ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.