बांसवाड़ा. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. जिला प्रशासन ने किसानों के दर्द को समझते हुए कृषि विभाग को रबी सीजन के दौरान मक्का की बुवाई के तथ्यात्मक आंकड़े जुटाने के निर्देश दिए हैं. प्रशासन इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है. जिससे किसानों को अगले साल से खरीद केंद्र शुरू होने की उम्मीद जरूर बंध गई है.
ईटीवी भारत ने बांसवाड़ा के मक्का काश्तकारों की परेशानी को प्रमुखता से चलाया था. 29 मई को 'मक्का प्रोसेस इकाइयों पर कोरोना की मार, व्यापारियों के भरोसे काश्तकार' शीर्षक से ईटीवी भारत ने इस मामले को उठाते हुए जिला प्रशासन को किसानों की परेशानी से अवगत करवाया. जिला कलेक्टर का ध्यान आकर्षित करवाया गया कि किसानों से मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीद कितनी आवश्यक है. रबी सीजन के दौरान जिले में करीब 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की खेती की जाती है. माही डैम की बदौलत इस सीजन में खरीद से भी ज्यादा पैदावारी होने से किसान लगातार मक्का की खेती के प्रति रुचि दिखा रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से आज तक रबी सीजन की मक्का बुवाई को राजस्व विभाग द्वारा रिकॉर्ड में नहीं लिया गया.
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नियमानुसार राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी में मक्का की बुवाई का उल्लेख किया जाना चाहिए था लेकिन प्रशासनिक अमले की इस मामले में लापरवाही स्पष्ट तौर पर उभरकर आई.इस मामले को भारतीय किसान संघ के संभागीय अध्यक्ष रणछोड़ पाटीदार ने जिला कलेक्टर के समक्ष भी उठाया और किसानों ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर मक्का काश्तकारों की इस पीड़ा को उठाया.
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जिसके बाद जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कृषि उपनिदेशक बीएल पाटीदार से रबी सीजन के दौरान मक्का की होने वाली बुवाई की तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की. रिपोर्ट में रबी सीजन के दौरान बांसवाड़ा में करीब 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई होने का उल्लेख किया गया है. इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के मार्फत केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. इसे देखते हुए अगले साल से मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए केंद्र शुरू होने की उम्मीद जगी है.