बांसवाड़ा. प्रदेश में आबकारी ठेकों के प्रबंधन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए सरकार ने ठेकेदारों से आवेदन पत्र मांगे हैं. आवेदन पत्रों की प्रक्रिया के बाद अब शराब समूहों के लिए लॉटरी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
लेकिन आवेदन पत्र प्रक्रिया पर नजर डालें तो सरकार को 'हींग लगे न फिटकरी' की तर्ज पर अब तक जिले से ही सरकारी खजाने को करीब 3.75 करोड़ रुपए की आमदनी हो चुकी है. जिले में देसी और अंग्रेजी शराब ठेकों के लिए करीब 1200 से अधिक आवेदन पत्र पहुंचे थे.
हालांकि, आवेदन पत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 8 मार्च रात 12 बजे तक थी. ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने आवेदन पत्र जमा कराने की तिथि के बाद जब आवेदन पत्रों को खोला गया तो विभागीय अधिकारी भी आवेदन पत्र की संख्या को देखकर हैरान रह गए.
बांसवाड़ा जिले में देसी शराब के 28 और अंग्रेजी के 10 समूह है. कुल 48 शराब दुकानों के लिए 1262 आवेदन पत्र पहुंचे. इनमें से सर्वाधिक अंग्रेजी शराब समूह के लिए 962 आवेदन पत्र आए. प्रत्येक आवेदन पत्र के लिए लगभग 30,000 का शुल्क रखा गया.
इस प्रकार आवेदन पत्र मिलते ही सरकार को 3 करोड़ 78 लाख 60 हजार रुपए मिल गए. आवेदन पत्र शुल्क नॉन रिफंडेबल है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शराब के ठेकों को हासिल करने के लिए लोगों में कितना क्रेज है.
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सूत्रों का कहना है कि शराब कारोबार में मोटी इनकम को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने अपने किस्मत को आजमाया है. आवेदन पत्र प्रक्रिया के बाद अब 12 मार्च को विभाग द्वारा लॉटरी प्रक्रिया की जाएगी. इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है. दिलचस्प ये है कि जिले में पहली बार एक भी समूह ऐसा नहीं बचा जिसके लिए कोई आवेदन पत्र नहीं आया हो.