बांसवाड़ा. शिक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों के मामले में पत्र वायरल होने के बाद डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद कनकमल कटारा बचाव की मुद्रा में आ गए. इस पत्र में रिक्त पद सामान्य वर्ग से भरने की मुख्यमंत्री से अनुशंसा की गई थी. इसको लेकर उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए इस प्रकार का पत्र मुख्यमंत्री को भेजे जाने को सिरे से नकार दिया है.
जनजाति सहित विभिन्न वर्गों के बेरोजगारों में नाराजगी बढ़ते देखकर आखिरकार सांसद कटारा सार्वजनिक तौर पर एक बयान देने को मजबूर हो गए. उनके इस बयान के बाद सामान्य वर्ग के युवाओं में नाराजगी बढ़ने की आशंका है. पिछले कुछ दिनों से सांसद कटारा का एक पत्र काफी वायरल हो रहा है. इस पत्र में शिक्षक भर्ती 2018 में रिक्त रहे 1167 पदों पर भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री से अनुशंसा की गई है. इसमें उक्त पद सामान्य वर्ग से भरे जाने की मुख्यमंत्री से मांग की गई है.
जनजाति अंचल में यह पत्र वायरल होने के बाद अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों में नाराजगी बढ़ गई और विभिन्न मंचों पर इसकी आलोचना हो रही थी. जब यह बात संसद कटारा तक पहुंची तो उन्होंने इस प्रकार का कोई भी पत्र मुख्यमंत्री को भेजने से इंकार कर दिया.
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उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है. जिसमें कहा गया कि उन्होंने कभी भी इस संबंध में किसी को पत्र नहीं भेजा है. किसी ने उनकी लेटर पैड का दुरुपयोग किया है. सांसद ने कहा कि शिक्षक भर्ती का नियमों के अनुसार संवैधानिक तरीके से ही समाधान होगा. उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री को इस संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा है. उनके लेटर पैड का किसी ने दुरुपयोग किया है.