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डिफाल्टर काश्तकारों को सरकार का झटका, फसली ऋण के लिए प्रक्रिया से बाहर

विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान ऋण माफी की उम्मीद में ऋण राशि जमा नहीं कराने वाले काश्तकारों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है. नई ऋण प्रक्रिया में डिफाल्टर किसानों के लोन पर सरकार ने कैंची चला दी है. ऐसे किसानों को भविष्य में भी केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंक से लोन मिलना मुश्किल है.

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Published : Jul 28, 2019, 9:46 PM IST

डिफाल्टर काश्तकारों को सरकार का झटका

बांसवाड़ा. विधानसभा सत्र में भाजपा द्वारा लोन माफी के मसले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बाद सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में खरीफ सीजन के लिए फसली ऋण वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. लेकिन सरकार ने इसमें एक नया प्रावधान जोड़ दिया. जिसके तहत डिफाल्टर सदस्य ऋण प्रक्रिया से बाहर हो गए. सरकार द्वारा प्रदेश में इस बार फसली ऋण ऑनलाइन वितरित किया जा रहा है. सहकारी बैंकों द्वारा इस फसली ऋण के लिए नया सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया है. जिसमें लोन अप्लाई के लिए संबंधित सदस्य को कई स्टेप्स पूरे करने होते हैं. इसके बाद ही लोन प्रक्रिया आगे बढ़ती है.

डिफाल्टर काश्तकारों को सरकार का झटका

कुल मिलाकर फसली ऋण वितरण के लिए मैन्युअल प्रोसेस पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए सदस्य जैसे ही अपना सदस्यता क्रमांक डालेगा. बैंक के सामने उसकी पूरी कुंडली आ जाएगी. पहले कितनी बार लोन लिया है. डिफाल्टर तो नहीं रहा. पिछले 2 साल में कितनी बार ऋण माफ हुआ. यह तथ्य सामने आने के साथ ही सिस्टम अपने आप संबंधित सदस्य की लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट कर देगा. इसके बाद आगे के स्टेप भी नहीं भरे जा सकेंगे.

ये भी देखें- सवाई माधोपुर: खुले बोरवेल में गिरने से महिला की मौत, 6 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

नए लोन प्रोसेस में और भी संशोधन किए गए हैं. पूर्व में एक बार ही फिंगर प्रिंट की आवश्यकता होती थी और संबंधित के खाते में लोन ट्रांसफर हो जाता था. ऋण माफी में भयंकर गड़बड़ियों के बाद सरकार द्वारा लोन प्रोसेस में तीन बार फिंगर प्रिंट लगाने का प्रावधान कर दिया है. पहली बार रजिस्ट्रेशन के दौरान अंगूठा लगाना होगा. दूसरी बार बैंक द्वारा लोन सेंक्शन और अंतिम बार विड्रोल के समय सदस्य को फिंगर प्रिंट लगाकर अपना वेरिफिकेशन करना होगा.

पिछली बार ऋण माफी में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई. इसमें ग्राम सेवा सहकारी समिति, लार्ज एग्रीकल्चर मल्टीपरपज सोसायटी अर्थात लैंप्स अध्यक्ष और व्यवस्थापक द्वारा व्यापक पैमाने पर मनमानी बरते जाने की बात सामने आई. लोन प्रोसेस में अलग-अलग स्टेप पर सदस्य द्वारा अंगूठा लगाए जाने के प्रावधान से व्यवस्थापक और अध्यक्ष की मनमानी पर लगाम लगेगी. बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक ललित मीणा के अनुसार इस खरीफ सीजन में लोन के लिए सरकार द्वारा सॉफ्टवेयर के जरिए नवाचार किया गया है. डिफाल्टर सदस्यों की लोन एप्लीकेशन पहले चरण अर्थात रजिस्ट्रेशन के दौरान ही रिजेक्ट हो जाएगी. बांसवाड़ा जिले में ऐसे 10 हजार सदस्य बाहर किए गए हैं. जिन्हें भविष्य में भी लोन मिलना मुश्किल है. इसके अलावा पूरे लोन प्रोसेस के दौरान सदस्य काश्तकार को तीन बार फिंगर प्रिंट लगाना होगा. इससे व्यवस्थापक और अध्यक्षों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा.

बांसवाड़ा. विधानसभा सत्र में भाजपा द्वारा लोन माफी के मसले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बाद सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में खरीफ सीजन के लिए फसली ऋण वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. लेकिन सरकार ने इसमें एक नया प्रावधान जोड़ दिया. जिसके तहत डिफाल्टर सदस्य ऋण प्रक्रिया से बाहर हो गए. सरकार द्वारा प्रदेश में इस बार फसली ऋण ऑनलाइन वितरित किया जा रहा है. सहकारी बैंकों द्वारा इस फसली ऋण के लिए नया सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया है. जिसमें लोन अप्लाई के लिए संबंधित सदस्य को कई स्टेप्स पूरे करने होते हैं. इसके बाद ही लोन प्रक्रिया आगे बढ़ती है.

डिफाल्टर काश्तकारों को सरकार का झटका

कुल मिलाकर फसली ऋण वितरण के लिए मैन्युअल प्रोसेस पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए सदस्य जैसे ही अपना सदस्यता क्रमांक डालेगा. बैंक के सामने उसकी पूरी कुंडली आ जाएगी. पहले कितनी बार लोन लिया है. डिफाल्टर तो नहीं रहा. पिछले 2 साल में कितनी बार ऋण माफ हुआ. यह तथ्य सामने आने के साथ ही सिस्टम अपने आप संबंधित सदस्य की लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट कर देगा. इसके बाद आगे के स्टेप भी नहीं भरे जा सकेंगे.

ये भी देखें- सवाई माधोपुर: खुले बोरवेल में गिरने से महिला की मौत, 6 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

नए लोन प्रोसेस में और भी संशोधन किए गए हैं. पूर्व में एक बार ही फिंगर प्रिंट की आवश्यकता होती थी और संबंधित के खाते में लोन ट्रांसफर हो जाता था. ऋण माफी में भयंकर गड़बड़ियों के बाद सरकार द्वारा लोन प्रोसेस में तीन बार फिंगर प्रिंट लगाने का प्रावधान कर दिया है. पहली बार रजिस्ट्रेशन के दौरान अंगूठा लगाना होगा. दूसरी बार बैंक द्वारा लोन सेंक्शन और अंतिम बार विड्रोल के समय सदस्य को फिंगर प्रिंट लगाकर अपना वेरिफिकेशन करना होगा.

पिछली बार ऋण माफी में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई. इसमें ग्राम सेवा सहकारी समिति, लार्ज एग्रीकल्चर मल्टीपरपज सोसायटी अर्थात लैंप्स अध्यक्ष और व्यवस्थापक द्वारा व्यापक पैमाने पर मनमानी बरते जाने की बात सामने आई. लोन प्रोसेस में अलग-अलग स्टेप पर सदस्य द्वारा अंगूठा लगाए जाने के प्रावधान से व्यवस्थापक और अध्यक्ष की मनमानी पर लगाम लगेगी. बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक ललित मीणा के अनुसार इस खरीफ सीजन में लोन के लिए सरकार द्वारा सॉफ्टवेयर के जरिए नवाचार किया गया है. डिफाल्टर सदस्यों की लोन एप्लीकेशन पहले चरण अर्थात रजिस्ट्रेशन के दौरान ही रिजेक्ट हो जाएगी. बांसवाड़ा जिले में ऐसे 10 हजार सदस्य बाहर किए गए हैं. जिन्हें भविष्य में भी लोन मिलना मुश्किल है. इसके अलावा पूरे लोन प्रोसेस के दौरान सदस्य काश्तकार को तीन बार फिंगर प्रिंट लगाना होगा. इससे व्यवस्थापक और अध्यक्षों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा.

Intro:etv bharat exclusive.........

बांसवाड़ाl विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान ऋण माफी की उम्मीद में ऋण राशि जमा नहीं कराने वाले काश्तकारों को सरकार ने बड़ा झटका दिया हैl नई ऋण प्रक्रिया में डिफाल्टर किसानों के लोन पर सरकार ने कैंची चला दी हैl ऐसे किसानों को भविष्य में भी केंद्रीय कोऑपरेटिव बैंक से लोन मिलना मुश्किल हैl


Body:विधानसभा सत्र सहित विभिन्न मंचो पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोन माफी के मसले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने के बाद सरकार द्वारा वर्ष 2019 -20 खरीफ सीजन के लिए फसली ऋण वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गईl लेकिन इसके साथ ही सरकार ने एक और प्रावधान जोड़ दियाl इसके तहत डिफाल्टर सदस्यों को ऋण प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया हैl सरकार द्वारा प्रदेश में पहली बार फसली ऋण ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए वितरित किया जा रहा हैl सहकारी बैंकों द्वारा इस फसली ऋण के लिए नया सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया हैl लोन अप्लाई के लिए संबंधित सदस्य को कई स्टेप्स पूरे करने होते हैंl इसके बाद ही लोन प्रक्रिया आगे बढ़ती हैl


Conclusion:कुल मिलाकर मैन्युअल प्रोसेस पूरी तरह से बंद कर दिया गया हैl सदस्य जैसे ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए अपने सदस्यता क्रमांक डालेगाl सदस्य की पूरी कुंडली बैंक के सामने आ जाएगीl पहले कितनी बार लोन लिया हैl डिफाल्टर तो नहीं रहाl पिछले 2 साल में कितनी बार ऋण माफ हुआl यह तथ्य सामने आने के साथ ही सिस्टम अपने आप संबंधित सदस्य की लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट कर देगाl इसके बाद आगे के स्टेप भी नहीं भरे जा सकेंगेl

तीन बार लगेगा अंगूठा

नए लोन प्रोसेस में और भी संशोधन किए गए हैंl पूर्व में एक बार ही अंगूठा लगाना पड़ता था और संबंधित के खाते में लोन ट्रांसफर हो जाता थाl ऋण माफी में भयंकर गड़बड़ियों के बाद सरकार द्वारा लोन प्रोसेस में तीन बार अंगूठा लगाने का प्रावधान कर दिया हैl पहली बार रजिस्ट्रेशन के दौरान अंगूठा लगाना होगाl दूसरी बार बैंक द्वारा लोन सेंशन और अंतिम बार विड्रोल के समय सदस्य को अंगूठा लगाकर अपना वेरिफिकेशन करना होगाl

नहीं चलेगी किसी की मनमानी

विधानसभा चुनाव के बाद ऋण माफी में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आईl इसमें ग्राम सेवा सहकारी समिति/ लार्ज एग्रीकल्चर मल्टीपरपज सोसायटी अर्थात लैंप्स अध्यक्ष और व्यवस्थापक द्वारा व्यापक पैमाने पर मनमानी बरते जाने की बात सामने आईl लोन प्रोसेस में अलग अलग स्टेप पर सदस्य द्वारा अंगूठा लगाए जाने के प्रावधान से व्यवस्थापक और अध्यक्ष की मनमानी पर लगाम लगेगीl बांसवाड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक ललित मीणा के अनुसार इस खरीफ सीजन में लोन के लिए सरकार द्वारा सॉफ्टवेयर के जरिए नवाचार किया गया हैl डिफाल्टर सदस्यों की लोन एप्लीकेशन पहले चरण अर्थात रजिस्ट्रेशन के दौरान ही रिजेक्ट हो जाएगीl बांसवाड़ा जिले में ऐसे 10000 सदस्य बाहर किए गए हैं जिन्हें भविष्य में भी लोन मिलना मुश्किल हैl इसके अलावा पूरे लोन प्रोसेस के दौरान सदस्य काश्तकार को तीन बार अंगूठा लगाना होगाl इससे व्यवस्थापक और अध्यक्षों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगाl

बाइट..... ललित मीणा प्रबंध निदेशक बांसवाड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक
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