बांसवाड़ा. केंद्र सरकार की ओर से संसद से पारित किए गए कृषि संबंधी कानून को लेकर किसान सड़क पर आ गए हैं. इस मसले पर कांग्रेस ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है और उसकी शुरुआत 21 सितंबर को संकेतिक धरना प्रदर्शन के रूप में कर दी गई है. कृषि कानून सहित विभिन्न मसलों पर ईटीवी भारत ने पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय से विशेष बातचीत की.
बता दें कि बागीदौरा विधायक मालवीय ने एक सवाल पर केंद्र सरकार से पूछा कि जब पूरा देश इन कानूनों के खिलाफ है फिर भाजपा आखिर इन कानूनों को क्यों लाना चाहते हैं. भाजपा इन कानूनों को किसानों के हित में बता रही है तो पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश भर में किसान सड़कों पर क्यों आ रहे हैं. निश्चित ही यह कानून किसानों की कमर तोड़ने वाले हैं. इसके खिलाफ पार्टी बड़ा आंदोलन हाथ में ले रही है जिसकी शुरुआत सांकेतिक धरना प्रदर्शन के साथ हो गई है.
जिसके बाद पूर्व सांसद ने कहा कि जब से यह भाजपा सरकार आई है, कुछ न कुछ नया पंगा कर रही है. सरकार की इन नीतियों से किसान गरीब आदिवासी सहित समाज के हर तबके की परेशानियां बढ़ गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र में इन कानूनों का हवाला होने संबंधी सवाल पर मालवीय ने कहा कि कांग्रेस किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कानून बनाने वाली थी. जिसपर भाजपा ने हमारे ही घोषणापत्र से छेड़छाड़ कर नए रूप में पेश कर दिया है जो कि किसानों के लिए घातक साबित होगा.
टीएसपी एरिया शिक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों के मसले पर पूर्व मंत्री ने कहा कि यह भाजपा द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों में वैमनस्य पैदा करने की एक चाल थी. उस दौरान भाजपा ने जानबूझकर 1167 पदों को रिक्त रखा था. जब प्रभावित लोग कोर्ट चले गए और वहां से उनके पक्ष में फैसला आया तो तत्कालीन सरकार ने इन पदों को नहीं भरा.
पढ़ें: उदयपुर में कोरोना का कहर जारी...सामने आए 102 नए मामले
साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव को देखते हुए भारतीय ट्राइबल पार्टी पूरी तरह से जनजाति वर्ग के समर्थन में आ गई है. वहीं गत दिनों कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया ने भी मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजकर रिक्त पदों पर जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों की भर्ती कराए जाने का आग्रह किया था. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में तत्कालीन सरकार द्वारा 1167 पर सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित रखे गए थे.