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बांसवाड़ाः गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ पहला दीक्षांत समारोह, 24 विद्यार्थियों को दिया स्वर्ण पदक

बांसवाड़ा के वागड़ में गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय में पहला दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जहां मुख्य अतिथि के रूप में कलराज मिश्र ने शिरकत की. राज्यपाल की ओर से समारोह में 24 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया.

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दीक्षांत समारोह का आयोजन
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Published : Dec 23, 2019, 9:15 PM IST

बांसवाड़ा. वागड़ अंचल के एकमात्र गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के लिए सोमवार का दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह कुलाधिपति कलराज मिश्र के मुख्य आतिथ्य में हुआ. राज्यपाल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त 24 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया. इस दौरान कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नागेश्वर राव भी मंचासीन रहे.

कुलाधिपति ने 24 विद्यार्थियों को दिया स्वर्ण पदक

राज्यपाल मिश्र विशेष वायुयान से तलवाड़ा हवाई पट्टी पर उतरे जहां जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा, जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के अलावा प्रमुख जनप्रतिनिधियों की ओर से उनकी अगवानी की गई. वहां से राज्यपाल मिश्र सीधे सड़क मार्ग द्वारा आयोजन स्थल जिला खेल स्टेडियम पहुंचे. यहां स्वागत सत्कार के बाद कुलपति प्रोफेसर सोडाणी ने विश्वविद्यालय की अब तक की यात्रा के वृत्तांत को कुलाधिपति के समक्ष पेश किया. वही इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राव ने दीक्षांत समारोह उद्बोधन दिया.

पढ़ेंः जनसुनवाई को लेकर बोले मंत्री भाटी, कहा- जल्द ही जिलों में भी जनसुनवाई करेंगे प्रभारी मंत्री

राज्यपाल ने उद्बोधन के दौरान सबसे पहले उन्होंने संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया और समारोह में मौजूद लोगों से भी उच्चारण करने का आह्वान किया. बाद में इसका मंतव्य स्पष्ट करते हुए राज्यपाल ने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक है. हम फंडामेंटल राइट्स की बात करते हैं लेकिन पढ़े लिखे लोगों को भी फंडामेंटल ड्यूटीज के बारे में पता नहीं है. इसलिए हमने तय किया है कि हर एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्य का वाचन हो.

कुलाधिपति ने देश में झगड़ा फसाद, राष्ट्रीय संपत्ति से तोड़फोड़, महिला अत्याचार आदि के लिए मूल कर्तव्यों की अनदेखी को जिम्मेदार मानते हुए राज्य के तमाम विश्वविद्यालय प्रशासन से आह्वान किया कि युवा पीढ़ी को मूल कर्तव्य का ज्ञान देने के लिए अभियान चलाया जाए. यह अभियान केवल विद्यार्थियों के नेतृत्व में चलाया जाए ताकि इस पर पूरी तरह से चर्चा हो सके. सात ही कहा कि इसके लिए मॉक पार्लियामेंट का सहारा भी लिया जा सकता है. मूल कर्तव्य पूरे कर हम इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बना सकते हैं.

इसके पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे नवाचार की प्रशंसा करते हुए आशा जताई कि विश्वविद्यालय प्रशासन इसी प्रकार अपने कामकाज को जारी रखकर बच्चों के भविष्य को उज्जवल करेगा. कार्यक्रम के बाद राज्यपाल सर्किट हाउस पहुंचे, जहां अल्प विश्राम के बाद वे विशेष वायुयान से जयपुर प्रस्थान कर गए.

पढ़ेंः संसद के बने कानून का विरोध करना है तो पहले मुख्यमंत्री का संवैधानिक पद छोड़े गहलोत: शिवराज सिंह चौहान

समारोह में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर, प्रोफेसर आईवी त्रिवेदी सहित कई विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के कुलपति और प्राचार्य आदि उपस्थित थे. जनजातीय विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर सोडाणी बताया कि दीक्षांत समारोह में सर्वोच्च अंक प्राप्त 24 विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया. वहीं यह समारोह विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण रहा.

बांसवाड़ा. वागड़ अंचल के एकमात्र गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के लिए सोमवार का दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह कुलाधिपति कलराज मिश्र के मुख्य आतिथ्य में हुआ. राज्यपाल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त 24 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया. इस दौरान कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नागेश्वर राव भी मंचासीन रहे.

कुलाधिपति ने 24 विद्यार्थियों को दिया स्वर्ण पदक

राज्यपाल मिश्र विशेष वायुयान से तलवाड़ा हवाई पट्टी पर उतरे जहां जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा, जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के अलावा प्रमुख जनप्रतिनिधियों की ओर से उनकी अगवानी की गई. वहां से राज्यपाल मिश्र सीधे सड़क मार्ग द्वारा आयोजन स्थल जिला खेल स्टेडियम पहुंचे. यहां स्वागत सत्कार के बाद कुलपति प्रोफेसर सोडाणी ने विश्वविद्यालय की अब तक की यात्रा के वृत्तांत को कुलाधिपति के समक्ष पेश किया. वही इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राव ने दीक्षांत समारोह उद्बोधन दिया.

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राज्यपाल ने उद्बोधन के दौरान सबसे पहले उन्होंने संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया और समारोह में मौजूद लोगों से भी उच्चारण करने का आह्वान किया. बाद में इसका मंतव्य स्पष्ट करते हुए राज्यपाल ने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक है. हम फंडामेंटल राइट्स की बात करते हैं लेकिन पढ़े लिखे लोगों को भी फंडामेंटल ड्यूटीज के बारे में पता नहीं है. इसलिए हमने तय किया है कि हर एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्य का वाचन हो.

कुलाधिपति ने देश में झगड़ा फसाद, राष्ट्रीय संपत्ति से तोड़फोड़, महिला अत्याचार आदि के लिए मूल कर्तव्यों की अनदेखी को जिम्मेदार मानते हुए राज्य के तमाम विश्वविद्यालय प्रशासन से आह्वान किया कि युवा पीढ़ी को मूल कर्तव्य का ज्ञान देने के लिए अभियान चलाया जाए. यह अभियान केवल विद्यार्थियों के नेतृत्व में चलाया जाए ताकि इस पर पूरी तरह से चर्चा हो सके. सात ही कहा कि इसके लिए मॉक पार्लियामेंट का सहारा भी लिया जा सकता है. मूल कर्तव्य पूरे कर हम इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बना सकते हैं.

इसके पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे नवाचार की प्रशंसा करते हुए आशा जताई कि विश्वविद्यालय प्रशासन इसी प्रकार अपने कामकाज को जारी रखकर बच्चों के भविष्य को उज्जवल करेगा. कार्यक्रम के बाद राज्यपाल सर्किट हाउस पहुंचे, जहां अल्प विश्राम के बाद वे विशेष वायुयान से जयपुर प्रस्थान कर गए.

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समारोह में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर, प्रोफेसर आईवी त्रिवेदी सहित कई विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के कुलपति और प्राचार्य आदि उपस्थित थे. जनजातीय विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर सोडाणी बताया कि दीक्षांत समारोह में सर्वोच्च अंक प्राप्त 24 विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया. वहीं यह समारोह विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण रहा.

Intro:बांसवाड़ा। वागड़ अंचल के एकमात्र गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के लिए आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह कुलाधिपति कलराज मिश्र के मुख्य आतिथ्य में हुआ। राज्यपाल द्वारा सर्वोच्च अंक प्राप्त 24 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कैलाश सोडाणी और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नागेश्वर राव भी मंचासीन थे।


Body: राज्यपाल मिश्र विशेष वायुयान से तलवाड़ा हवाई पट्टी पर उतरे जहां जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के अलावा प्रमुख जनप्रतिनिधियों द्वारा उनकी अगवानी की गई। वहां से राज्यपाल मिश्र सीधे सड़क मार्ग द्वारा आयोजन स्थल जिला खेल स्टेडियम पहुंचे। यहां स्वागत सत्कार के बाद कुलपति प्रोफेसर सोडाणी ने विश्वविद्यालय की अब तक की यात्रा के वृत्तांत को कुलाधिपति के समक्ष पेश किया वही इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राव ने दीक्षांत समारोह उद्बोधन दिया। राज्यपाल द्वारा समारोह में 24 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया।


Conclusion:अपने उद्बोधन के दौरान सबसे पहले उन्होंने संविधान की प्रस्तावना तथा मूल कर्तव्यों का वाचन किया और समारोह मैं मौजूद लोगों से भी उच्चारण करने का आह्वान किया। बाद में इसका मंतव्य स्पष्ट करते हुए राज्यपाल ने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक है। हम फंडामेंटल राइट्स की बात करते हैं लेकिन पढ़े लिखे लोगों को भी फंडामेंटल ड्यूटीज के बारे में पता नहीं है। इसलिए हमने तय किया है कि हर एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्य का वाचन हो। उन्होंने देश में झगड़ा फसाद राष्ट्रीय संपत्ति से तोड़फोड़ महिला अत्याचार आदि के लिए मूल कर्तव्यों की अनदेखी को जिम्मेदार मानते हुए राज्य के तमाम विश्वविद्यालय प्रशासन से आह्वान किया कि युवा पीढ़ी को मूल कर्तव्य का ज्ञान देने के लिए अभियान चलाया जाए। यह अभियान केवल विद्यार्थियों के नेतृत्व में चलाया जाए ताकि इस पर पूरी तरह से चर्चा हो सके। कुलाधिपति मिश्र ने कहा कि इसके लिए मॉक पार्लियामेंट का सहारा भी लिया जा सकता है। मूल कर्तव्य पूरे कर हम इस देश को फिर से सोने की चिड़िया बना सकते हैं। इसके पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे नवाचार की प्रशंसा करते हुए आशा जताई कि विश्वविद्यालय प्रशासन इसी प्रकार अपने कामकाज को जारी रखकर बच्चों के भविष्य को उज्जवल करेगा। कार्यक्रम के बाद राज्यपाल सर्किट हाउस पहुंचे जहां अल्प विश्राम के बाद वे विशेष वायुयान से जयपुर प्रस्थान कर गए। समारोह में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर आईवी त्रिवेदी सहित कई विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के कुलपति और प्राचार्य आदि उपस्थित थे। जनजातीय विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर सोडाणी बताया कि दीक्षांत समारोह में सर्वोच्च अंक प्राप्त 24 विद्यार्थियों को राज्यपाल द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह समारोह विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण रहा।

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