बांसवाड़ा. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बांसवाड़ा जिले को नई सौगात दी है. सरकार की ओर से वर्ष 2019-20 के करीब 41 हजार से अधिक घरों के लिए नई स्वीकृति जारी की गई है.
बांसवाड़ा जिले में विहीन परिवारों का एक बड़ा हिस्सा है. सरकार की इस मंजूरी से आवास विहीन परिवारों के 20 प्रतिशत हिस्से को छत नसीब हो सकेगी. आंकड़े बताते हैं कि जिले में फिलहाल 1लाख 88 हजार 3 सौ 58 परिवारों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया गया था. जिसमें से सरकार द्वारा हाल ही में 41 हजार 54 घरों के लिए स्वीकृति जारी कर दी गई है. जिला परिषद प्रशासन भी इसे लेकर खासा उत्साहित नजर आ रही है. करीब 21 हजार आवेदकों का रजिस्ट्रेशन करते हुए 23 सौ से अधिक को निर्माण स्वीकृति भी जारी कर दी गई है.
परिषद प्रशासन ने बताया कि 15 अगस्त तक सारी स्वीकृति जारी कर दी जाएगी और वर्ष के अंत तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. इसे लेकर जिला परिषद प्रशासन द्वारा व्यापक तौर पर तैयारी शुरू कर दी गई है और शीघ्र ही पहली किस्त के रूप में लाभार्थियों के खाते में 15 हजार की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी.
मनरेगा और शौचालय निर्माण की राशि अतिरिक्त
इस योजना के तहत संबंधित परिवार को 1लाख 20 हजार की नकद राशि तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी वही दूसरी किस्त के रूप में 45 हजार और अंतिम किस्त 60 हजार खाते में ट्रांसफर की जाएगी. इसके अतिरिक्त शौचालय निर्माण पर 12 हजार और निर्माण के दौरान खुद की मजदूरी के तौर पर 90 दिन की मजदूरी मानते हुए 16 हजार 2 सौ 90 रुपये प्रदान की जाती हैंl इस प्रकार इस योजना के तहत एक परिवार को 48 हजार 2 सौ 90रुपया प्रदान किया जाएगा.
2023 तक जिले में एक भी कच्चा मकान देखने को नहीं मिलेगाl
इस वर्ष के लिए जितने आवास का लक्ष्य आवंटित किया गया है उसे देखते हुए वर्ष 2023 तक जिले में एक भी कच्चा मकान देखने को नहीं मिलेगा. फिलहाल करीब एक लाख 88 हजार परिवार आवास विहीन हैं. जिनमें से 41 हजार को इस वर्ष पक्की छत नसीब हो जाएगी. इसी प्रकार मंजूरी मिलते रहने पर अगले 4 साल में कोई वेटिंग लिस्ट नहीं रहेगी.
दिसंबर तक निर्माण कार्य पूर्ण
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोविंद सिंह राणावत के अनुसार निर्माण स्वीकृति जारी करने का क्रम शुरू हो गया है और 21 सौ से अधिक आवेदकों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है. हमारा लक्ष्य 15 अगस्त तक स्वीकृति जारी कर दिसंबर के अंत तक निर्माण कार्य पूरा कराने का है.