बांसवाड़ा. कोरोना की आड़ में लोगों ने नगर परिषद की जमीन पर कब्जा कर लिया. कई लोगों ने अतिक्रमण करते हुए, अस्थाई निर्माण भी करवा लिए. जिला प्रशासन के निर्देश पर आखिरकार नगर परिषद सोमवार को हरकत में आ गई, और शहर के विभिन्न इलाकों में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया. हालांकि, कुछ स्थानों पर परिषद के दस्ते को विरोध का सामना भी करना पड़ा. लेकिन कर्मचारियों ने उनकी एक नहीं सुनी और अपनी कार्रवाई को जारी रखा.
परिषद की टीम ने कई स्थानों से सामान तक जब्त कर लिया. नगर परिषद की इस कार्रवाई को देखते हुए बड़ी संख्या में लोग परिषद कार्यालय पहुंच गए और सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी के समक्ष अपनी व्यथा रखी. लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली और मायूस लौटना पड़ा.
मार्च माह में लॉकडाउन का लाभ उठाते हुए, कई लोगों ने गांधी मूर्ति तिराहा सहित प्रमुख चौराहों और चौराहों पर अस्थाई कब्जे कर लिए थे. किसी ने अपनी केबिन लगा दी, तो किसी ने लारी लगाकर हक जताने की कोशिश की. लॉकडाउन हटने के बाद यह लोग मार्केट में आ गए और रोड पर भी अपने धंधे शुरू कर दिए.
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जिला प्रशासन के पास भी इस प्रकार की शिकायतें पहुंच रही थी. प्रशासन के निर्देश के बाद नगर परिषद सोमवार को हरकत में आ गया और गांधी मूर्ति तिराहा, पुराना बस स्टैंड, नगर परिषद कार्यालय के बाहर अतिक्रमण और कब्जे हटाने की कार्रवाई हाथ में ली.
अचानक इस कार्रवाई को लेकर महिलाओं ने हल्का विरोध भी किया. परंतु राजस्व निरीक्षक देवेंद्र पाल सिंह ने उनकी एक नहीं सुनी और कई सामान जब्त कर लिया. बाद में यह लोग राहत की उम्मीद में नगर परिषद कार्यालय पहुंच गए और नगर परिषद सभापति से मुलाकात की. लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली. राजस्व निरीक्षक ने बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.