बांसवाड़ा. जिले में बारिश थमने के 4 दिन बाद भी महात्मा गांधी चिकित्सालय के कई वार्डों का अंधेरा नहीं छट पाया है.ग्राउंड फ्लोर पर निर्माण के दौरान मशीनों के इस्तेमाल से छत कमजोर हो गई और पानी रिस रिस कर वार्डों में उतर गया.
करंट की आशंका के चलते हॉस्पिटल प्रशासन को विद्युत आपूर्ति बंद करनी पड़ी, जो अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. आपको बता दे कि 4 जुलाई को भारी बारिश के बाद चिकित्सालय के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित इमरजेंसी, ट्रॉमा वार्ड सहित काउंटर कॉरिडोर के हिस्से में पानी भर गया था.
यहां तक कि हॉस्पिटल प्रशासन को तत्काल प्रभाव से इमरजेंसी वार्ड सहित आसपास के सभी वार्डों को शिफ्ट करना पड़ा.इसका कारण यह था कि ग्राउंड फ्लोर पर नए वार्ड के निर्माण के दौरान वाइब्रेट मशीनों के उपयोग से छत कमजोर हो गई. बारिश के दौरान छत से होता हुआ पानी दीवारों में उतर गया. तमाम दीवारें सीलन का शिकार हो गई. इमरजेंसी सहित कुछ वार्डों में एयर कंडीशनर सहित कई बिजली के इक्विपमेंट भी लगे हैं. इससे करंट का खतरा देखते हुए बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई.
वहीं स्थिति यह है कि पिछले 4 दिन से ऑर्थोपेडिक ड्रेसिंग वार्ड में मोबाइल की टॉर्च के सहारे ड्रेसिंग की जा रही है. ठेकेदार अब तक पानी के रिसाव को रोकने के प्रबंध नहीं कर पाया है. बताया जाता है कि कुछ स्थानों पर कंक्रीट सीमेंट भरी गई लेकिन सीलन अभी बनी हुई है. इस कारण बिजली सप्लाई खतरनाक साबित हो सकती है. इसलिए हॉस्पिटल प्रशासन भी यहां की सप्लाई से कन्नी काट रहा है.
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नंदलाल चरपोटा के अनुसार ठेकेदार ने कुछ स्थानों पर रिसाव रोकने की दिशा में कदम भी उठाए हैं, लेकिन बारिश के थमने के बाद ही सीलन खत्म हो सकेगी.इसके बाद ही बिजली सप्लाई की जा सकेगी. हमने ठेकेदार को जल्द से जल्द रिसाव रोकने के लिए पाबंद किया है.