बांसवाड़ा. लॉकडाउन लागू होने के साथ ही धर्मस्थल भी बंद कर दिए गए हैं. सरकार 3 महीने बाद धर्मस्थल को खोलने पर विचार कर रही है. बुधवार को जिला प्रशासन की ओर से धर्मस्थल प्रतिनिधियों की बैठक ली गई. प्रतिनिधियों ने प्रशासन के साथ चर्चा करते हुए कई प्रकार के सुझाव दिए. प्रशासन इसकी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेगी और इसके आधार पर ही राज्य सरकार की ओर से धर्मस्थल खोले जाने का निर्णय किए जाने की संभावना है.
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कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बुधवार को जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा ने धर्मस्थलों को खोलने को लेकर प्रमुख धर्मस्थल प्रतिनिधियों के साथ यह बैठक की. बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर ने प्रतिनिधियों से अपने-अपने सुझाव लिखित में देने को कहा. जिससे उनके सुझाव और विचारों पर चर्चा के साथ सरकार को भिजवाए जा सके.
जिला पुलिस अधीक्षक केशव सिंह शेखावत ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि जिले में लागू कर्फ्यू को मद्देनजर रखते हुए धार्मिक गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाना चाहिए. बैठक में उपस्थित प्रमुख धर्मस्थल प्रतिनिधियों ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की ओर अपने सुझाव दिए.
बताया जा रहा है कि जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा में जो भी सुझाव उभर कर आए हैं, उनकी एक रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी. उक्त रिपोर्ट के आधार पर सरकार तय करेगी कि कब से धर्मस्थल खोले जा सकेंगे.
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बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेश बुनकर, एसडीएम पर्वत सिंह चुंडावत, शहर काजी सैयद वाहिद अली, अब्दुल्ला पीर दरगाह के शेख अब्दुल्ला, दिगंबर जैन समाज अतिशय क्षेत्र अंदेश्वर पार्श्वनाथ कुशलगढ़ के अध्यक्ष जयंतीलाल, ट्रस्टी नरेंद्र कुमार, त्रिपुरा मंदिर ट्रस्टी अंबालाल पंचाल, हीरालाल पंचाल, बलराम पंचाल, शरणस्थान चर्च प्रभारी अजय डामोर भी मौजूद थे.