जयपुर. प्रदेश में इस बार कक्षा 9वीं से 12वीं की अर्धवार्षिक परिक्षाएं एक समान टाइम टेबल और एक समान पेपर से करवाई जाएगी. हालांकि शिक्षक संगठनों ने स्कूलों की परिस्थितियों और समय अभाव के कारण नवाचार के फैसले का उद्देश्य पूर्ण नहीं होने की संभावना जताई है. साथ ही पेपर लीक और तय सिलेबस पूरा होने पर भी चिंता व्यक्त की है.
शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा 9 से 12 की अर्धवार्षिक और कक्षा 9वीं, 11वीं की वार्षिक परीक्षाएं राज्य स्तर पर एक ही टाइम टेबल और एक समान प्रश्न पत्र से करवाने के आदेश जारी किए गए हैं. इस पर सवाल उठाते हुए राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि निदेशक के आदेश से स्थानीय परीक्षाओं का महत्व बढ़ना, गुणवत्ता में बढ़ोतरी, पूरे राज्य के विद्यार्थियों का एक समान परीक्षा शुल्क, 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा का पूर्व अभ्यास जैसे उद्देश्य तो पूरे होंगे. लेकिन इस नवाचार से कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ेगा.
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इस तरह की आएंगी समस्या :
- अभी तक पूरे राज्य के लिए एक समान पाठ्यक्रम विभाजन जारी नहीं हो सका है. 9वीं और 11वीं का पाठ्यक्रम किसी जिले में 60% कहीं 65% कहीं 70% निर्धारित किया है. उसी के अनुसार पढ़ाई हो रही है. अब पूरे राज्य के लिए एक समान पाठ्यक्रम विभाजन किया है, ऐसे ने इतना जल्दी और उसके अनुसार पढ़ाई कैसे सम्भव हो? जबकि 10वीं, 12वीं की अर्धवार्षिक में संपूर्ण पाठ्यक्रम आता है जिसका विभाजन अजमेर बोर्ड निर्धारित करता है.
- प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को गम्भीरता से लेना चाहिए क्योंकि एक जगह पेपर आउट होने पर पूरे राज्य में वो पेपर परीक्षाओं के बाद करवाना होगा.
- ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं वहां परीक्षा करवाने के लिए पूरे शिक्षक उपलब्ध नहीं होंगे, ऐसे स्कूलों में पेपर की सुरक्षा पर भी प्रश्न चिह्न लगता है.
- पूरे राज्य के प्रश्न पत्र एक साथ मुद्रित करवाने के बाद जिलों में वितरण पर अतिरिक्त ट्रांसपोर्टेशन का भी खर्च आएगा.
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शिक्षक संगठन ने इन समस्याओं का हवाला देकर छात्र हित में इस सम्बंध में दोबारा मंथन करने और पहले की तरह जिला स्तर पर जिला समान परीक्षा योजना के तहत अर्धवार्षिक परीक्षा करवाने की भी मांग की है.