अलवर: देश की दूसरी सबसे बड़ी प्याज मंडी में इन दिनों प्याज की बंपर आवक हो रही है. इसके चलते पूरी मंडी प्याज से अटी हुई है. अलवर के लाल प्याज की खासियत के चलते अब अन्य राज्यों के व्यापारी भी अलवर प्याज मंडी पहुंचने लगे हैं. वर्तमान में प्याज मंडी में 50 हजार से ज्यादा कट्टे की आवक हो रही है. प्याज व्यापारियों के अनुसार अलवर के प्याज की डिमांड दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, असम, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, बंगाल सहित पड़ोसी देश बांग्लादेश से आ रही है.
प्याज मंडी के संरक्षक व व्यापारी पप्पू सैनी ने बताया कि अलवर जिले का प्याज 15 अक्टूबर से 15 जनवरी तक चलता है. इस साल अलवर मंडी में प्याज की आवक बढ़ी है. अब अन्य राज्यों के व्यापारी भी यहां की मंडी में पहुंचने लगे हैं, जिसके चलते आवक के साथ-साथ प्याज की जावक भी हो रही है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 50- 60 हजार से ज्यादा प्याज के कट्टों की आवक हो रही है. वहीं, पिछले कुछ दिनों में 80 हजार कट्टे तक प्याज मंडी में पहुंचे. प्याज के भाव पर पप्पू सैनी ने कहा कि वर्तमान में प्याज के भाव 25 रुपए से लेकर 36 रुपए प्रति किलो तक मिल रहा है.
तीखा होने के चलते अन्य राज्यों में मांग : पप्पू सैनी ने बताया कि अलवर की लाल प्याज की विशेषता है कि यह स्वाद में तीखा होता है. इसी के चलते इसका उपयोग नॉन वेज व सब्जियां की ग्रेवी में तीखापन के लिए किया जाता है. इसके चलते ही इसकी डिमांड दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व अन्य राज्यों तक रहती है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में अलवर का प्याज विदेशों में बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल सहित अन्य देशों में जा रहा है. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में इसकी जबरदस्त डिमांड है. वहीं देश में असम, बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखण्ड सहित 16 राज्यों में प्याज पहुंच रहा है.
नासिक में बारिश,अलवर के किसानों को मिला भाव: सैनी ने बताया कि पिछले एक माह में महाराष्ट्र के नासिक में बारिश हुई, जिसके चलते वहां की प्याज पूरी तरह से उपज नहीं हो पाई. इसी के चलते अलवर के किसानों को प्याज का अच्छा भाव मिला.महाराष्ट्र से आए व्यापारी ने कहा कि वर्तमान में नासिक में बारिश के चलते प्याज की फसल खराब हो गई. इसलिए अलवर मंडी में प्याज लेने के लिए पहुंचे हैं.
अलवर के प्याज की अवधि 70 दिन: सैनी ने बताया कि जिले में होने वाले प्याज की अवधि करीब 65 से 70 दिनों तक रहती है. इसके चलते थोड़ा जर्मिनेशन देने लग जाता है. पहले किसान गीला प्याज मंडी में ला रहे थे, लेकिन अब अच्छी क्वालिटी का प्याज मंडी में आ रहा है. जिससे प्याज लंबी दूरी तक जा सकता है.