बांसवाड़ा. बांसवाड़ा एसपी अभिजीत सिंह ने देर रात कोतवाली थाने के एएसआई जगदीश प्रसाद और शहर कोतवाल रतन सिंह चौहान को सस्पेंड कर दिया. इस मामले की जांच डीएसपी सूर्यवीर सिंह को सौंपी गई है. यह एक्शन जानलेवा हमले के मामले में कार्रवाई नहीं करने और आरोपियों को थाने से भगाने के मामले में की गई है.
एसपी अभिजीत सिंह ने बताया कि बाहुबली कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति ने बीते दिनों रिपोर्ट दर्ज कराई. इसमें बताया गया कि उनका बेटा धवल शर्मा गोकुल रेस्टोरेंट में कुछ लोगों के साथ बैठा था. इसी दौरान सूरजमल, अशोक चौधरी और अनिल चौधरी के साथ कुछ गरमा-गरम बहस हो गई. इसी दौरान तीनों ने मिलकर धवल को मारा और सूरजमल ने चाकू से वार कर दिया. इसके बाद धवल को अस्पताल भी नहीं भर्ती कराया और मौके से आरोपी भाग गए. किसी तरह पीड़ित ने खुद को अस्पताल पहुंचाया और इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई.
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पुलिस ने धारा 307 के बजाय 323 में प्रकरण दर्ज किया और प्रार्थी को ही धमकाने लगी कि वह मुकदमे वापस ले ले. पता चला कि इस मामले में जो दो आरोपी हैं अनिल चौधरी और अशोक चौधरी, उनका मामा जगदीश प्रसाद शहर कोतवाली में एएसआई के पद पर तैनात है. इसी ने मामले को हल्का कराया और गिरफ्तारी भी नहीं होने दी. इधर पीड़ित परिवार को बार-बार धमकी मिलने के बाद उन्होंने एसपी के समक्ष पेश होकर मामले में कार्रवाई की मांग की. प्राथमिक जांच में पता चला कि एएसआई और शहर कोतवाल दोनों मिले हुए हैं. ऐसे में दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है. शहर कोतवाल को पुलिस लाइन तो एएसआई को कुशलगढ़ डीवाई ऑफिस लगाया गया है.
इस तरह भगा दिया दोनों ने मिलकरः जब यह मामला एसपी के समक्ष पहुंचा, तो उन्होंने एएसआई जगदीश प्रसाद को बुलाकर पाबंद किया कि वह आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कराए. इसके बाद 26 मई को तीनों आरोपियों को शहर कोतवाल के समक्ष पेश किया गया. इसके बाद एएसआई जगदीश ने तीनों आरोपियों को कोतवाली से भगा दिया. गेट पर खड़े संतरी ने रोका, तो एएसआई ने कह दिया इनको जाने दो बात हो गई. इसके बाद उसी दिन एक उच्चाधिकारी को इस मामले में जानकारी दी गई, लेकिन मामला एसपी तक नहीं जाने दिया. शहर कोतवाल को लगाकर मामला गड़बड़ है, तो उन्होंने रोजनामचे में रिपोर्ट डाली और खुद छुट्टी पर चले गए.
एसपी बोले दूसरी बार चौकी के पास मारपीटः एसपी ने बताया कि पीड़ित धवल शर्मा को आरोपी और कुछ मिडिएटर ने हाउसिंग बोर्ड चौकी बुला लिया. उसके साथ जबरदस्त तरीके से मारपीट की और उसका पैर भी तोड़ दिया. जब मेरे समक्ष मामला सामने आया तब मैंने दूसरा प्रकरण दर्ज कराया. दोनों ही मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस मामले की जांच डीवाईएसपी सूर्यवीर सिंह को सौंपी गई. जैसे ही जांच रिपोर्ट मिली, दोनों को सस्पेंड कर दिया है.
सीकर के रहने वाले हैं आरोपीः आरोपी अशोक चौधरी पुत्र सुरेंद्र सिंह चौधरी और अनिल चौधरी सीकर जिले का रहने वाले हैं. तीसरा आरोपी सूरजमल भी वहीं का बताया गया है. वहीं जिस दिन पीड़ित का हाउसिंग बोर्ड में पैर तोड़ा गया, उस दिन महावीर नाम का एक और आरोपी था. उसके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किया गया है. मामले में जांच को आगे बढ़ाते हुए शहर कोतवाल की रिपोर्ट पर एएसआई जगदीश और थाने से भागे दोनों आरोपियों के खिलाफ अलग से प्रकरण दर्ज किया गया है. यानी इस मामले में अब तक कुल 3 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. जानकारी सामने आ रही है कि इसमें एक बड़ा अधिकारी भी शामिल है. उसके खिलाफ भी आने वाले दिनों में कार्रवाई होगी.