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सड़क हादसों में माता-पिता को गंवा चुकी बेटियों ने बाइक चालकों को बताया हेलमेट का महत्व

सड़क हादसों में अपने माता-पिता को गवां चुकी बेटियों ने जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया. इन बेटियों ने स्थानीय भाषा में जीवन सुरक्षा से संबंधित गीतों की प्रस्तुति देकर दुपहिया वाहन चालकों से हेलमेट लगाने की अपील की.

Banswara awareness program, हेलमेट जागरूकता कार्यक्रम बांसवाड़ा
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Published : Oct 26, 2019, 3:14 PM IST

बांसवाड़ा. मां उमा निराश्रित बालिका गृह की बालिकाएं जागरूकता अभियान चला रही है. मोहन कॉलोनी चौराहे पर रंग बिरंगी छतरियां में लगभग 2 दर्जन से अधिक गाड़ियां पहुंची और यहां नाच गाकर दुपहिया वाहन चालकों को रोकते हुए वाहन चलाने के दौरान हेलमेट पहनने का आग्रह किया.

बेटियों ने बताया हेलमेट का महत्व

इन बालिकाओं ने वाहन चालकों को बताया कि किस प्रकार एक छोटी सी गलती के कारण उनके सर से माता-पिता का साया उठ गया था. वाहन चालकों के बच्चों को बताया गया कि वह किस प्रकार अपने माता-पिता की छत्रछाया को बनाए रख सकते हैं. कड़ी धूप में करीब 2 से 3 घंटे तक इन बच्चियों ने सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न नारों के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

यह भी पढ़ें : हिम्मत और जज्बे की मिसाल ; 10वीं में फेल, 12वीं में गणित में आए थे 38 नंबर, वही स्टूडेंट जगदीश आज बन गया IPS

मुंबई में अभिनय मैं कैरियर बना रही प्राची उपाध्याय इस अभियान से काफी प्रभावित हुई और बताया कि वाकई इन बच्चियों का यह अभियान लोगों की जिंदगी बचाने में कामयाब होगा. वाहन चालक पुलिस चेकिंग के दौरान हेलमेट की अनिवार्यता से बचने के लिए इधर-उधर भागते हैं जबकि यह खुद उनकी जीवन सुरक्षा का मामला है.

पढ़ें- यात्रीगण कृपया ध्यान दें, दीपावली के मौके पर ट्रेनों में बढ़ती भीड़ को लेकर रेलवे ने आपके लिए शुरू की है 5 नई ट्रेनें

संस्था के संचालक नरोत्तम पांड्या ने बताया कि इन बालिकाओं में से कई सड़क हादसों में अपने माता पिता को खो चुकी है. अब और किसी के सिर से माता पिता का साया नहीं उठे इसके लिए यह बालिका खुद आगे आई और जागरूकता कार्यक्रम चलाया.

बांसवाड़ा. मां उमा निराश्रित बालिका गृह की बालिकाएं जागरूकता अभियान चला रही है. मोहन कॉलोनी चौराहे पर रंग बिरंगी छतरियां में लगभग 2 दर्जन से अधिक गाड़ियां पहुंची और यहां नाच गाकर दुपहिया वाहन चालकों को रोकते हुए वाहन चलाने के दौरान हेलमेट पहनने का आग्रह किया.

बेटियों ने बताया हेलमेट का महत्व

इन बालिकाओं ने वाहन चालकों को बताया कि किस प्रकार एक छोटी सी गलती के कारण उनके सर से माता-पिता का साया उठ गया था. वाहन चालकों के बच्चों को बताया गया कि वह किस प्रकार अपने माता-पिता की छत्रछाया को बनाए रख सकते हैं. कड़ी धूप में करीब 2 से 3 घंटे तक इन बच्चियों ने सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न नारों के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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मुंबई में अभिनय मैं कैरियर बना रही प्राची उपाध्याय इस अभियान से काफी प्रभावित हुई और बताया कि वाकई इन बच्चियों का यह अभियान लोगों की जिंदगी बचाने में कामयाब होगा. वाहन चालक पुलिस चेकिंग के दौरान हेलमेट की अनिवार्यता से बचने के लिए इधर-उधर भागते हैं जबकि यह खुद उनकी जीवन सुरक्षा का मामला है.

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संस्था के संचालक नरोत्तम पांड्या ने बताया कि इन बालिकाओं में से कई सड़क हादसों में अपने माता पिता को खो चुकी है. अब और किसी के सिर से माता पिता का साया नहीं उठे इसके लिए यह बालिका खुद आगे आई और जागरूकता कार्यक्रम चलाया.

Intro:बांसवाड़ाl सड़क हादसों में अपने माता पिता गवां चुकी बच्चों ने जागरूकता कार्यक्रम हाथ में दिया हैl इन बेटियों ने बाकायदा स्थानीय भाषा में जीवन सुरक्षा से संबंधित गीतों की प्रस्तुति देकर दुपहिया वाहन चालकों से हेलमेट लगाने की अपील कीl


Body:मां उमा निराश्रित बालिका गृह की बालिकाएं यह अभियान चला रही हैl मोहन कॉलोनी चौराहे पर रंग बिरंगी छतरियां में लगभग 2 दर्जन से अधिक गाड़ी कहां पहुंची और यहां नाच गाकर दुपहिया वाहन चालकों को रोकते हुए वाहन चलाने के दौरान हेलमेट पहनने का आग्रह कियाl इन बालिकाओं ने वाहन चालकों को बताएं कि किस प्रकार एक छोटी सी गलती के कारण उनके सर से माता पिता का साया उठ गयाl खासकर वाहन चालको के बच्चों को बताया गया कि वह किस प्रकार अपने माता पिता की छत्रछाया को बनाए रख सकते हैंl कड़ी धूप में करीब 2 से 3 घंटे तक इन बच्चियों ने सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न नारों के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लियाl


Conclusion:मुंबई में अभिनय मैं कैरियर बना रही प्राची उपाध्याय इस अभियान से काफी प्रभावित हुई और बताया कि वाकई इन बच्चियों का यह अभियान लोगों की जिंदगी बचाने में कामयाब होगाl रोग पुलिस चेकिंग के दौरान हेलमेट की अनिवार्यता से बचने के लिए इधर उधर भागते हैं जबकि यह खुद उनकी जीवन सुरक्षा का मामला हैl संस्था के संचालक नरोत्तम पांड्या ने बताया कि इन बालिकाओं में से कई सड़क हादसों में अपने माता पिता को खो चुकी हैl अब और किसी के सिर से माता पिता का साया नहीं उठे इसके लिए यह बालिका खुद आगे आई और जागरूकता कार्यक्रम चलायाl

बाइट..... प्राची उपाध्याय

नरोत्तम पांड्या संचालक मां उमा निराश्रित बालिका गृह
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