बांसवाड़ा. प्रदेश में हर रोज कोरोना पॉजिटिव रोगियों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा हैं. यहां तक कि पिछले 1 सप्ताह में ग्राफ एकदम बढ़ गया है. इन हालातों के मध्य संक्रमण को लेकर बांसवाड़ा के लोग खुशनसीब कहे जा सकते हैं. जहां संक्रमण ना केवल कंट्रोल में है, बल्कि रोगियों के स्वस्थ होने का ग्राफ उत्साह हैं. पिछले 1 सप्ताह में कोई नया रोगी नहीं आया हैं.
वहीं लगभग 80 प्रतिशत रोगी स्वस्थ होकर बांसवाड़ा लौट चुके हैं और क्वॉरेंटाइन पीरियड के बाद उनके घर लौटने की उम्मीद बढ़ती जा रही हैं. यह एक प्रकार से जिला प्रशासन के लिए बड़ी कामयाबी कही जा सकती है.
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एक पखवाड़े पहले तक कुशलगढ़ के हालात विस्फोटक बन चुके थे और प्रतिदिन रोगियों की सूची में बढ़ोतरी हो रही थी. नए रोगियों का सिलसिला थम गया हैं. वहीं रोगियों के स्वस्थ होने का प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है. इसे देखते हुए अगले कुछ दिनों में बांसवाड़ा के दामन से लाल निशान हटने की उम्मीद है.
कुशलगढ़ में 65 और बांसवाड़ा शहर में एक रोगी पॉजिटिव पाया गया था. इस प्रकार बांसवाड़ा जिला प्रदेश के हॉट स्पॉट की सूची में आने के साथ सरकार की नजर पर आ गया था. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कुशलगढ़ नगरपालिका के 1 किलोमीटर जोन को कंटेनमेंट में लेते हुए लगातार सर्वे, स्क्रीनिंग और सैंपलिंग बढ़ा दी गई.
हालांकि सैंपलिंग के बाद रोगियों की संख्या में एकाएक उछाल आया और जिला प्रशासन भी इन आंकड़ों को लेकर टेंशन में आ गया, लेकिन 18 अप्रैल बाद पॉजिटिव रोगियों की संख्या में गिरावट आने का क्रम शुरू हुआ और इक्का-दुक्का रोगी के साथ कुशलगढ़ में 28 अप्रैल तक 65 लोगों पर आंकड़ा जाकर अटक गया.
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1907 सैंपल, 7 दिन से शांति
चिकित्सा विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 3 मई तक जिलेभर में 1 हजार 907 संदिग्ध रोगियों के सैंपल लिए गए. जिनमें से 66 पॉजिटिव पाए गए. राहत की बात यह है कि पॉजिटिव रोगियों का आंकड़ा पिछले 1 सप्ताह से 66 पर अटका हुआ है और पॉजिटिव रोगी भी तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं. सोमवार तक 53 रोगी पूर्णता स्वस्थ हो चुके हैं और इनमें से दो को संक्रमण मुक्ति का प्रमाण पत्र देते हुए घर भेजा जा चुका है.
जबकि 51 फिलहाल महात्मा गांधी चिकित्सालय में क्वॉरेंटाइन पीरियड पर चल रहे हैं और शीघ्र ही इनके घर लौटने की उम्मीद बंध रही हैं. सीएमएचओ डॉक्टर एचएल ताबीयार के अनुसार जिला कलेक्टर कैलाश बैरवा के नेतृत्व में कुशलगढ़ में अपनाई गई पॉलिसी कामयाब रही और रोगियों के स्वस्थ होने का क्रम लगातार बना हुआ है.
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करीब 80 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और शीघ्र ही उनके घर लौटने की उम्मीद है. इसके बाद भी कुशलगढ़ में सर्वे स्क्रीनिंग और सैंपलिंग का दौर चलता रहेगा. जिससे भविष्य में भी किसी प्रकार की जोखिम नहीं रहे.