ETV Bharat / state

प्रदेश के 90 हजार छात्रों को सर्जरी की जरूरत, शिक्षा और चिकित्सा विभाग मिलकर कराएगा उपचार - 90000 STUDENTS NEED SURGERY

पैपरलैस डिजीटल स्वास्थ्य सर्वे में सामने आया है कि राजस्थान के 90 हजार छात्रों को किसी ने किसी तरह की सर्जरी जरूरत है.

90000 students need surgery
90 हजार छात्रों को सर्जरी की जरूरत (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 11 hours ago

जयपुर: सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले करीब 90 हजार छात्रों को किसी न किसी तरह की सर्जरी की जरूरत है. इनमें से अधिकतर के हृदय की स्थिति, कटे होंठ, क्लब्स पैर जैसी समस्याएं पाई गई हैं. जिनका उपचार अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर करवाएगा.

प्रदेश के छात्रों के सर्वांगिण विकास को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने अगस्त-सितंबर महीने में पैपरलैस डिजीटल स्वास्थ्य सर्वे कराया था. जिसमें सरकारी स्कूलों के सभी विद्यार्थियों का हैल्थ सर्वे कर ऐसे छात्रों की पहचान की गई जिन्हें मेडिकल नीड्स है. इस डिजीटल सर्वे से मिले आंकड़ों के अनुसार करीब 90 हजार छात्रों में हृदय की स्थिति, कटे होंठ, क्लब्स पैर जैसी समस्याएं सामने आई है. सर्जिकल रिक्वायरमेंट वाले इन छात्रों का डेटा स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध करवा दिया गया है.

पढ़ें: स्कूल में खाना खाने के बाद 15 छात्राओं की बिगड़ी तबीयत, जिला अस्पताल में उपचार जारी - फूड पॉइजनिंग

इस संबंध में शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत अब चिकित्सीय सहायता के लिए पहले चरण में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा विभाग के समन्वय से सर्जरी की आवश्यकता वाले छात्रों की कार्ययोजना बनाकर त्वरित रूप से क्रियान्वयन किया जाना है. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी चिह्नित छात्रों की सर्जरी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की टीम के जरिए करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे.

पढ़ें: बेमिसाल : पहले आश्रय और फिर उपचार, बीते 24 साल में 26 हजार से अधिक बिछड़ों को उनके अपनों से मिलाया - APNA GHAR ASHRAM

वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ब्लॉक स्तर से जिले पर भेजे गए चिह्नित विद्यार्थियों की सर्जरी जिला अस्पतालों में कराएंगे और जो सर्जरी जिला अस्पताल स्तर पर उपलब्ध न हो उसे राज्य स्तर पर करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि यदि किसी छात्र का परिवार RBSK के अन्तर्गत पात्र नहीं है, तो उन्हें आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत जोड़कर योजनाबद्ध तरीके से लाभ पहुंचाया जाएगा. इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग हर 15 दिन में जिला कलेक्टर करेंगे.

पढ़ें: सावधान ! सीकर में पांच साल में 620 HIV के नए मरीज, 150 से ज्यादा संक्रमित नहीं ले रहे उपचार - HIV PATIENTS IN SIKAR

आपको बता दें कि शाला स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के तहत लगभग 75 लाख छात्रों का स्वास्थ्य और स्वच्छता स्थितियों से संबंधित 70 प्रश्नों के जरिए सर्वेक्षण किया गया. जिसमें विद्यार्थियों के प्रमुख लक्षणों, पोषण संबंधी कमियों, शारीरिक मापदंडों और भावनात्मक मुद्दों सहित महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी ली गई थी.

जयपुर: सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले करीब 90 हजार छात्रों को किसी न किसी तरह की सर्जरी की जरूरत है. इनमें से अधिकतर के हृदय की स्थिति, कटे होंठ, क्लब्स पैर जैसी समस्याएं पाई गई हैं. जिनका उपचार अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग मिलकर करवाएगा.

प्रदेश के छात्रों के सर्वांगिण विकास को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने अगस्त-सितंबर महीने में पैपरलैस डिजीटल स्वास्थ्य सर्वे कराया था. जिसमें सरकारी स्कूलों के सभी विद्यार्थियों का हैल्थ सर्वे कर ऐसे छात्रों की पहचान की गई जिन्हें मेडिकल नीड्स है. इस डिजीटल सर्वे से मिले आंकड़ों के अनुसार करीब 90 हजार छात्रों में हृदय की स्थिति, कटे होंठ, क्लब्स पैर जैसी समस्याएं सामने आई है. सर्जिकल रिक्वायरमेंट वाले इन छात्रों का डेटा स्थानीय स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध करवा दिया गया है.

पढ़ें: स्कूल में खाना खाने के बाद 15 छात्राओं की बिगड़ी तबीयत, जिला अस्पताल में उपचार जारी - फूड पॉइजनिंग

इस संबंध में शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत अब चिकित्सीय सहायता के लिए पहले चरण में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा विभाग के समन्वय से सर्जरी की आवश्यकता वाले छात्रों की कार्ययोजना बनाकर त्वरित रूप से क्रियान्वयन किया जाना है. इसके लिए ब्लॉक स्तर पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी चिह्नित छात्रों की सर्जरी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की टीम के जरिए करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे.

पढ़ें: बेमिसाल : पहले आश्रय और फिर उपचार, बीते 24 साल में 26 हजार से अधिक बिछड़ों को उनके अपनों से मिलाया - APNA GHAR ASHRAM

वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ब्लॉक स्तर से जिले पर भेजे गए चिह्नित विद्यार्थियों की सर्जरी जिला अस्पतालों में कराएंगे और जो सर्जरी जिला अस्पताल स्तर पर उपलब्ध न हो उसे राज्य स्तर पर करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि यदि किसी छात्र का परिवार RBSK के अन्तर्गत पात्र नहीं है, तो उन्हें आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत जोड़कर योजनाबद्ध तरीके से लाभ पहुंचाया जाएगा. इस कार्ययोजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग हर 15 दिन में जिला कलेक्टर करेंगे.

पढ़ें: सावधान ! सीकर में पांच साल में 620 HIV के नए मरीज, 150 से ज्यादा संक्रमित नहीं ले रहे उपचार - HIV PATIENTS IN SIKAR

आपको बता दें कि शाला स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम के तहत लगभग 75 लाख छात्रों का स्वास्थ्य और स्वच्छता स्थितियों से संबंधित 70 प्रश्नों के जरिए सर्वेक्षण किया गया. जिसमें विद्यार्थियों के प्रमुख लक्षणों, पोषण संबंधी कमियों, शारीरिक मापदंडों और भावनात्मक मुद्दों सहित महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी ली गई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.