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बांसवाड़ा में जनजातीय स्वराज समागम 2019 के समापन समारोह का आयोजन - बांसवाड़ा में जनजातीय स्वराज समागम

जनजातीय स्वराज समागम 2019 के समापन समारोह में बतौर अतिथि विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी बुधवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के साथ अल्प प्रवास पर बांसवाड़ा पहुंचे. उन्होंने स्वयंसेवी संस्था वागधरा के कुपड़ा स्थित कार्यालय प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद किसानों को संबोधित किया.

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जनजातीय स्वराज समागम 2019 का समापन समारोह
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Published : Dec 11, 2019, 7:01 PM IST

बांसवाड़ा. विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी बुधवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के साथ अल्प प्रवास पर बांसवाड़ा पहुंचे. दोनों जनजातीय स्वराज समागम 2019 के समापन समारोह में बतौर अतिथि पहुंचे. उन्होंने स्वयंसेवी संस्था वागधरा के कुपड़ा स्थित कार्यालय प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद किसानों को संबोधित किया.

जनजातीय स्वराज समागम 2019 का समापन समारोह

बतौर मुख्य अतिथि डॉ जोशी ने वागड़ अंचल में संस्था की ओर से किए जा रहे कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार की जो नीतियां है. उसमें गांव के लोगों के ज्ञान का समावेश होना चाहिए. जरूरत इस बात की है कि गांव के ज्ञान को पहचाना जाए. हमें इसके लिए किसी संस्था के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, लेकिन दुर्भाग्य से पश्चिमी देशों के मापदंडों को ही विकास मान लिया गया है. जबकि हमारी मिट्टी हमारी जलवायु उनसे अलग है.

पढ़ें- 'बच्चों की परीक्षा है, बिजली कनेक्शन दो साहब'... नाराज ग्रामीणों की प्रदर्शन की चेतावनी

डॉ जोशी ने बताया कि ऐसे में हमें उसी के अनुरूप देश के विकास की योजनाएं तैयार करनी होगी. जो कि पंचायत के जरिए ही आगे बढ़ाई जा सकती है. इसके लिए यदि संविधान संशोधन अधूरा है तो पंचायतों को फाइनेंस पावर के केंद्र में रखा जा सकता है. टाइड की बजाय एंड टाइड फंड से ग्रामीणों की इच्छा के अनुसार खेती-बाड़ी शिक्षा स्वास्थ्य आदि से वास्तविक स्वराज को प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां विचारधारा का अभाव हो वहां धर्म जाति आदि के आधार पर पार्टियां सत्ता हासिल करने में जुट जाती है.

विशिष्ट अतिथि कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने किसान सम्मेलन के मंथन और ग्रामीण स्वराज का समर्थन करते हुए कहा कि आज आर्थिक रूप से हम भले ही मजबूत हो गए है लेकिन रासायनिक खाद और उर्वरक बीज हमारे समाज के लिए खतरनाक बनता जा रहा है. इससे बचने के लिए हमें फिर से परंपरागत खेती पर आना होगा. बागीदौरा विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय ने भी विचार रखे.

इससे पूर्व संस्था के सचिव जयेश जोशी ने संस्था के पदाधिकारियों के साथ अतिथियों का स्वागत किया. डॉक्टर जोशी करीब 1:00 बजे हेलीकॉप्टर से सीधे सम्मेलन स्थल पर उतरे. यहां संस्था परिसर में कटारे के साथ उन्होंने गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया और प्रदर्शनी का अवलोकन किया.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: 24 घंटे डर के साए में जीते हैं सरिस्का के जंगलों में रहने वाले लोग, गांव में पहली बार पहुंचा ईटीवी का कैमरा

संस्था सचिव जयेश जोशी ने बताया कि 3 राज्यों के जनजाति काश्तकारों ने परंपरागत खेती को लेकर यहां चर्चा की जिसका एक मसौदा तैयार किया गया है. इसे बजट से पहले हम सरकार तक पहुंचाएंगे ताकि परंपरागत खेती का रास्ता साफ किया जा सके. इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष चांदमल जैन, जिला प्रमुख रेशम मालवीय, नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी, पूर्व विधायक रमेश पंड्या आदि भी मौजूद थे.

बांसवाड़ा. विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी बुधवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के साथ अल्प प्रवास पर बांसवाड़ा पहुंचे. दोनों जनजातीय स्वराज समागम 2019 के समापन समारोह में बतौर अतिथि पहुंचे. उन्होंने स्वयंसेवी संस्था वागधरा के कुपड़ा स्थित कार्यालय प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद किसानों को संबोधित किया.

जनजातीय स्वराज समागम 2019 का समापन समारोह

बतौर मुख्य अतिथि डॉ जोशी ने वागड़ अंचल में संस्था की ओर से किए जा रहे कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार की जो नीतियां है. उसमें गांव के लोगों के ज्ञान का समावेश होना चाहिए. जरूरत इस बात की है कि गांव के ज्ञान को पहचाना जाए. हमें इसके लिए किसी संस्था के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, लेकिन दुर्भाग्य से पश्चिमी देशों के मापदंडों को ही विकास मान लिया गया है. जबकि हमारी मिट्टी हमारी जलवायु उनसे अलग है.

पढ़ें- 'बच्चों की परीक्षा है, बिजली कनेक्शन दो साहब'... नाराज ग्रामीणों की प्रदर्शन की चेतावनी

डॉ जोशी ने बताया कि ऐसे में हमें उसी के अनुरूप देश के विकास की योजनाएं तैयार करनी होगी. जो कि पंचायत के जरिए ही आगे बढ़ाई जा सकती है. इसके लिए यदि संविधान संशोधन अधूरा है तो पंचायतों को फाइनेंस पावर के केंद्र में रखा जा सकता है. टाइड की बजाय एंड टाइड फंड से ग्रामीणों की इच्छा के अनुसार खेती-बाड़ी शिक्षा स्वास्थ्य आदि से वास्तविक स्वराज को प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां विचारधारा का अभाव हो वहां धर्म जाति आदि के आधार पर पार्टियां सत्ता हासिल करने में जुट जाती है.

विशिष्ट अतिथि कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने किसान सम्मेलन के मंथन और ग्रामीण स्वराज का समर्थन करते हुए कहा कि आज आर्थिक रूप से हम भले ही मजबूत हो गए है लेकिन रासायनिक खाद और उर्वरक बीज हमारे समाज के लिए खतरनाक बनता जा रहा है. इससे बचने के लिए हमें फिर से परंपरागत खेती पर आना होगा. बागीदौरा विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय ने भी विचार रखे.

इससे पूर्व संस्था के सचिव जयेश जोशी ने संस्था के पदाधिकारियों के साथ अतिथियों का स्वागत किया. डॉक्टर जोशी करीब 1:00 बजे हेलीकॉप्टर से सीधे सम्मेलन स्थल पर उतरे. यहां संस्था परिसर में कटारे के साथ उन्होंने गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया और प्रदर्शनी का अवलोकन किया.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: 24 घंटे डर के साए में जीते हैं सरिस्का के जंगलों में रहने वाले लोग, गांव में पहली बार पहुंचा ईटीवी का कैमरा

संस्था सचिव जयेश जोशी ने बताया कि 3 राज्यों के जनजाति काश्तकारों ने परंपरागत खेती को लेकर यहां चर्चा की जिसका एक मसौदा तैयार किया गया है. इसे बजट से पहले हम सरकार तक पहुंचाएंगे ताकि परंपरागत खेती का रास्ता साफ किया जा सके. इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष चांदमल जैन, जिला प्रमुख रेशम मालवीय, नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी, पूर्व विधायक रमेश पंड्या आदि भी मौजूद थे.

Intro:बांसवाड़ा। विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी आज अल्प प्रवास पर बांसवाड़ा पहुंचे। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया भी उनके साथ थे। दोनों जनजातीय स्वराज समागम 2019 के समापन समारोह में बतौर अतिथि पहुंचे। उन्होंने स्वयंसेवी संस्था वागधरा के कुपड़ा स्थित कार्यालय प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद किसानों को संबोधित किया।


Body:बतौर मुख्य अतिथि डॉ जोशी ने वागड़ अंचल में संस्था द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार की जो नीतियां है उसमें गांव के लोगों के ज्ञान का समावेश होना चाहिए। जरूरत इस बात की है कि गांव के ज्ञान को पहचाना जाए। हमें इसके लिए किसी संस्था के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है लेकिन दुर्भाग्य से पश्चिमी देशों के मापदंडों को ही विकास मान लिया गया है जबकि हमारी मिट्टी हमारी जलवायु उनसे अलग है। ऐसे में हमें उसी के अनुरूप देश के विकास की योजनाएं तैयार करनी होगी जोकि पंचायत के जरिए ही आगे बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए यदि संविधान संशोधन अधूरा है तो पंचायतों को फाइनेंस पावर के केंद्र में रखा जा सकता है। टाइड की बजाय एंड टाइड फंड से ग्रामीणों की इच्छा के अनुसार खेती-बाड़ी शिक्षा स्वास्थ्य आदि से वास्तविक स्वराज को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां विचारधारा का अभाव हो वहां धर्म जाति आदि के आधार पर पार्टियां सत्ता हासिल करने में जुट जाती है।


Conclusion:विशिष्ट अतिथि कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने किसान सम्मेलन के मंथन और ग्रामीण स्वराज का समर्थन करते हुए कहा कि आज आर्थिक रूप से हम भले ही मजबूत हो गए लेकिन रासायनिक खाद और उर्वरक बीज हमारे समाज के लिए खतरनाक बनता जा रहा है। इससे बचने के लिए हमें फिर से परंपरागत खेती पर आना होगा। बागीदौरा विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय ने भी विचार रखे। इससे पूर्व संस्था के सचिव जयेश जोशी ने संस्था के पदाधिकारियों के साथ अतिथियों का स्वागत किया। डॉक्टर जोशी करीब 1:00 बजे हेलीकॉप्टर से सीधे सम्मेलन स्थल पर उतरे। यहां संस्था परिसर में कटारे के साथ उन्होंने गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया और प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष चांदमल जैन जिला प्रमुख रेशम मालवीय नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी पूर्व विधायक रमेश पंड्या आदि भी मौजूद थे। संस्था सचिव जयेश जोशी ने बताया कि 3 राज्यों के जनजाति काश्तकारों ने परंपरागत खेती को लेकर यहां चर्चा की जिसका एक मसौदा तैयार किया गया है। इसे बजट से पहले हम सरकार तक पहुंचाएंगे ताकि परंपरागत खेती का रास्ता साफ किया जा सके। संबोधन........ डॉक्टर सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष ........... लालचंद कटारिया कृषि एवं पशुपालन मंत्री बाइट............. जयेश जोशी सचिव वागधरा
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