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बांसवाड़ा : इस बार हो सकती है गेहूं की बंपर पैदावार, सात केंद्रों पर होगी समर्थन मूल्य पर खरीद - बांसवाड़ा खबर

बांसवाड़ा में इस बार पर्याप्त पानी की आवक के चलते गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिलेभर में सात केंद्रों पर गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद होगी.

गेहूं की बंपर पैदावार, Bumper wheat production
गेहूं की बंपर पैदावार
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Published : Mar 24, 2020, 12:58 PM IST

बांसवाड़ा. भरपूर पानी और उपयुक्त जलवायु को देखते हुए रबी सीजन में गेहूं की बंपर पैदावार की उम्मीद जताई गई है. जिले में करीब 1लाख हेक्टर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की गई थी. पर्याप्त पानी मिलने से प्रति हेक्टेयर बंपर पैदावार होने की संभावना है.

सरकार की ओर से गेहूं का समर्थन मूल्य भी घोषित कर दिया गया है. बांसवाड़ा सहित जिलेभर में सात केंद्रों पर गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद होगी. वैसे तो 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होने की प्लानिंग थी. लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए खरीद तिथि आगे बढ़ाए जाने की संभावना है.

गेहूं की बंपर पैदावार

कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिलेभर में एक लाख 1136 हेक्टर में गेहूं की बुवाई की गई. दीपावली के बाद से ही माही डैम की नहरों में पानी छोड़ दिया गया. नहरों में पानी मार्च अंत तक चलने की संभावना है. पर्याप्त पानी की बदौलत इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है.

वहीं कृषि विभाग की मानें तो इस बार ज्यादा खराबा नहीं हुआ और फसलों को पर्याप्त पानी मिलता रहा. ऐसे में प्रति हेक्टेयर 45 से 50 क्विंटल गेहूं पैदावारी की संभावना है. विभाग के अनुमान के अनुसार करीब 45 लाख क्विंटल गेहूं के उत्पादन होने के आसार हैं. इससे किसानों के खातों में करोड़ों रुपए आने की उम्मीद जताई जा रही है.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने दी प्रदेश में Curfew की चेतावनी, निजी वाहनों के आवागमन पर रोक

बंपर पैदावार की उम्मीद को देखते हुए जिले में सरकार की ओर से घोषित 1925 रुपए प्रति क्विंटल के आधार पर 7 केंद्रों पर खरीदारी होगी. इसमें एक केंद्र राज्य की ओर से संचालित किया जाएगा. वहीं छह अन्य स्थानों पर भारतीय खाद्य निगम गेहूं की खरीदारी करेगा. बांसवाड़ा उपखंड क्षेत्र में बांसवाड़ा बड़ोदिया तलवाड़ा के अलावा छीच, गढ़ी प्रतापपुर, गनोडा और घाटोल में केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए पटवारी गिरदावर आदि को पाबंद किया जा रहा है.

किसानों को समय पर जमाबंदी आदि उपलब्ध कराई जा सके. इसके लिए उन्हें मुख्यालय पर ठहरने के निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि हालांकि 1 अप्रैल से खरीददारी शुरू होनी थी लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच खरीद केंद्रों की तिथि आगे बढ़ाई जा सकती है. जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा के अनुसार हमने इस संबंध में संबंधित उपखंड अधिकारियों को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. वहीं किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसके लिए व्यवस्थाएं करने को कहा गया है.

बांसवाड़ा. भरपूर पानी और उपयुक्त जलवायु को देखते हुए रबी सीजन में गेहूं की बंपर पैदावार की उम्मीद जताई गई है. जिले में करीब 1लाख हेक्टर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की गई थी. पर्याप्त पानी मिलने से प्रति हेक्टेयर बंपर पैदावार होने की संभावना है.

सरकार की ओर से गेहूं का समर्थन मूल्य भी घोषित कर दिया गया है. बांसवाड़ा सहित जिलेभर में सात केंद्रों पर गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद होगी. वैसे तो 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होने की प्लानिंग थी. लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए खरीद तिथि आगे बढ़ाए जाने की संभावना है.

गेहूं की बंपर पैदावार

कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिलेभर में एक लाख 1136 हेक्टर में गेहूं की बुवाई की गई. दीपावली के बाद से ही माही डैम की नहरों में पानी छोड़ दिया गया. नहरों में पानी मार्च अंत तक चलने की संभावना है. पर्याप्त पानी की बदौलत इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है.

वहीं कृषि विभाग की मानें तो इस बार ज्यादा खराबा नहीं हुआ और फसलों को पर्याप्त पानी मिलता रहा. ऐसे में प्रति हेक्टेयर 45 से 50 क्विंटल गेहूं पैदावारी की संभावना है. विभाग के अनुमान के अनुसार करीब 45 लाख क्विंटल गेहूं के उत्पादन होने के आसार हैं. इससे किसानों के खातों में करोड़ों रुपए आने की उम्मीद जताई जा रही है.

पढ़ें: गहलोत सरकार ने दी प्रदेश में Curfew की चेतावनी, निजी वाहनों के आवागमन पर रोक

बंपर पैदावार की उम्मीद को देखते हुए जिले में सरकार की ओर से घोषित 1925 रुपए प्रति क्विंटल के आधार पर 7 केंद्रों पर खरीदारी होगी. इसमें एक केंद्र राज्य की ओर से संचालित किया जाएगा. वहीं छह अन्य स्थानों पर भारतीय खाद्य निगम गेहूं की खरीदारी करेगा. बांसवाड़ा उपखंड क्षेत्र में बांसवाड़ा बड़ोदिया तलवाड़ा के अलावा छीच, गढ़ी प्रतापपुर, गनोडा और घाटोल में केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए पटवारी गिरदावर आदि को पाबंद किया जा रहा है.

किसानों को समय पर जमाबंदी आदि उपलब्ध कराई जा सके. इसके लिए उन्हें मुख्यालय पर ठहरने के निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि हालांकि 1 अप्रैल से खरीददारी शुरू होनी थी लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच खरीद केंद्रों की तिथि आगे बढ़ाई जा सकती है. जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा के अनुसार हमने इस संबंध में संबंधित उपखंड अधिकारियों को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. वहीं किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसके लिए व्यवस्थाएं करने को कहा गया है.

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