बांसवाड़ा. जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने रिलीव होने से पहले बांसवाड़ा के जवानों की दिल खोलकर प्रशंसा की. खासकर कोरोना संक्रमण काल में जवानों के निष्ठा पूर्ण कार्य से शेखावत प्रसन्न नजर आए. उन्होंने जवानों के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि पुलिस की मुस्तैदी का नतीजा ही रहा कि कुशलगढ़ में कोरोना संक्रमण एक वार्ड तक सीमित रहा और सड़क तक पार नहीं कर पाया. राज्य सरकार की ओर से धौलपुर लगाए जाने के बाद बांसवाड़ा से पुलिस अधीक्षक शेखावत रिलीव हो गए.
रिलीव होने से पहले संक्षिप्त बातचीत में शेखावत ने कहा कि एक समय जयपुर के बाद बांसवाड़ा कोरोना संक्रमण को लेकर दूसरे स्थान पर था. कुशलगढ़ में 600 लोगों की आबादी वाले 1 वार्ड में 65 लोग संक्रमण का शिकार थे, अर्थात यहां पर 10 प्रतिशत आबादी संक्रमित हो चुकी थी, लेकिन यह पुलिस जवानों की प्रतिबद्धता और निष्ठा ही थी कि उन्होंने दिन-रात ड्यूटी देकर संक्रमण को आगे नहीं बढ़ने दिया. इससे कोरोना एक ही वार्ड में सिमट कर रह गया. उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा भले ही प्रदेश स्तर पर रही हो, लेकिन बांसवाड़ा में कम संसाधनों के बावजूद संक्रमण पर काबू पा लिया. निश्चित ही पुलिस विभाग को गौरवान्वित करने वाली बात है.
लॉकडाउन डाउन के दौरान पुलिस की सख्ती के साथ खाकी का एक नया रंग भी देखने को मिला. पुलिस कर्मचारियों ने ड्यूटी के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोगों के खाने पीने की व्यवस्था की. यहां तक कि उनकी दवाइयों के साथ उन्हें अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचाने का भी काम कर महकमे को एक अलग ही पहचान दी.
बांसवाड़ा की जनता की तारीफ...
उन्होंने जनता की तारीफ करते हुए कहा कि बांसवाड़ा को सांप्रदायिक दृष्टि से बहुत ही संवेदनशील माना जाता है, लेकिन मेरे पिछले 1 साल के कार्यकाल में ऐसी कोई भी स्थितियां पैदा नहीं हुईं. इसके लिए यहां की जनता धन्यवाद की पात्र है. एक सवाल के जवाब में शेखावत ने कहा कि वर्दी में अनुशासनहीनता का कोई भी काम नहीं है. जहां भी मुझे लगा, वहां सख्ती से काम लिया. जहां कोई भी गलत पाया गया, वहां पर दोष के अनुपात में दंड से भी गुरेज नहीं किया, लेकिन साथ ही अच्छा काम करने वालों की पीठ भी थपथपाई.