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बांसवाड़ाः गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार करीब 63 फीसदी फसल खराबा

बांसवाड़ा में इस बार भारी बारिश के चलते भारी पैमाने पर फसलें खराब हुई है. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से गिरदावरी रिपोर्ट में फसल लगभग 63 प्रतिशत खराब माना गया है. वहीं जिला कलेक्टर ने बताया कि हमने गिरदावरी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है. अब प्रभावित किसानों को किस प्रकार राहत दी जानी हैं, इस संबंध में सरकार के अगले आदेश का इंतजार है.

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Published : Oct 25, 2019, 2:22 PM IST

बांसवाड़ा. जिले में इस बार अतिवृष्टि के चलते बड़े पैमाने पर फसलें खराब हुई है. जिला प्रशासन द्वारा गिरदावरी रिपोर्ट में फसल लगभग 63 प्रतिशत खराब माना गया है. वहीं 25 अक्टूबर तक सभी जिलों की गिरदावरी रिपोर्ट आने के बाद ही अब सरकार द्वारा राहत संबंधी कदम उठाए जाने की संभावना है.

गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार लगभग 63 प्रतिशत फसल खराबा

बता दें कि जिले में मानसून के दौरान अगस्त और सितंबर में भारी बारिश हुई थी. वहीं इस तूफान भरी बारिश से सभी नदी-नालों उफान पर आ गए थे. जिससे खरीफ की फसल पूरी तरह डूब गई थी. अधिकांश क्षेत्रों में कई दिनों तक फसलें पानी में डूबी रही. जिससे सारी फसलें गल गई.

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गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार औसत रूप से जिलेभर में 63 प्रतिशत फसलें खराब होने का अनुमान लगाया गया है. वैसे तो जिलेभर में फसलों को नुकसान पहुंचा है, वहीं बागीदौरा तहसील क्षेत्र में 71 प्रतिशत फसलें खराब होने की बात सामने आई है.

अब सरकार पर नजर

बांसवाड़ा से गिरदावरी रिपोर्ट राज्य सरकार के पास पहुंच गई है. नियमानुसार 33 प्रतिशत खराबे के साथ ही सरकारी राहत की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. सभी जिला मुख्यालयों से गिरदावरी रिपोर्ट 25 अक्टूबर तक पहुंचने की उम्मीद है. उसके बाद ही सरकार पॉलिसी तय करेगी. देखने वाली बात यह होगी कि सरकार आखिर कितना खराब मानती है. उसी के अनुरूप बजट जारी होगा.

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2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में की गई थी बुवाई

कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में खरीफ फसल के दौरान 2 लाख 16 हजार 940 हैक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की फसलों की बुवाई की गई थी. वहीं लगभग 1 लाख हैक्टेयर में मक्का की बुवाई की गई थी. 17 हजार 250 हैक्टेयर में धान बोया गया था.

जिले में मक्का के बाद सबसे अधिक से अधिक हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की गई थी. कुल मिलाकर 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र से अधिक भू-भाग में खरीफ की फसल बोई गई थी. गिरदावरी रिपोर्ट में 63 प्रतिशत खराब का आकलन किया गया है. इस प्रकार करीब 1 लाख 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फसल खराब माना गया है.

पढ़ेः कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वालों के लिए यह चुनाव परिणाम बड़ा झटका : सीएम अशोक गहलोत

कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर पर्वत सिंह चुंडावत के अनुसार फसल खराबे को देखते हुए हमने पहले ही गिरदावरी के निर्देश जारी कर दिए थे. 25 अक्टूबर तक गिरदावरी रिपोर्ट आनी थी. विभिन्न तहसीलों से गिरदावरी आने के बाद जिले की रिपोर्ट तैयार की गई है. जिसमें औसत रूप से 63 प्रतिशत फसल खराबा माना गया है. हमने गिरदावरी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है. अब प्रभावित किसानों को किस प्रकार राहत दी जानी हैं, इस संबंध में सरकार के अगले आदेश का इंतजार है.

बांसवाड़ा. जिले में इस बार अतिवृष्टि के चलते बड़े पैमाने पर फसलें खराब हुई है. जिला प्रशासन द्वारा गिरदावरी रिपोर्ट में फसल लगभग 63 प्रतिशत खराब माना गया है. वहीं 25 अक्टूबर तक सभी जिलों की गिरदावरी रिपोर्ट आने के बाद ही अब सरकार द्वारा राहत संबंधी कदम उठाए जाने की संभावना है.

गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार लगभग 63 प्रतिशत फसल खराबा

बता दें कि जिले में मानसून के दौरान अगस्त और सितंबर में भारी बारिश हुई थी. वहीं इस तूफान भरी बारिश से सभी नदी-नालों उफान पर आ गए थे. जिससे खरीफ की फसल पूरी तरह डूब गई थी. अधिकांश क्षेत्रों में कई दिनों तक फसलें पानी में डूबी रही. जिससे सारी फसलें गल गई.

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गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार औसत रूप से जिलेभर में 63 प्रतिशत फसलें खराब होने का अनुमान लगाया गया है. वैसे तो जिलेभर में फसलों को नुकसान पहुंचा है, वहीं बागीदौरा तहसील क्षेत्र में 71 प्रतिशत फसलें खराब होने की बात सामने आई है.

अब सरकार पर नजर

बांसवाड़ा से गिरदावरी रिपोर्ट राज्य सरकार के पास पहुंच गई है. नियमानुसार 33 प्रतिशत खराबे के साथ ही सरकारी राहत की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. सभी जिला मुख्यालयों से गिरदावरी रिपोर्ट 25 अक्टूबर तक पहुंचने की उम्मीद है. उसके बाद ही सरकार पॉलिसी तय करेगी. देखने वाली बात यह होगी कि सरकार आखिर कितना खराब मानती है. उसी के अनुरूप बजट जारी होगा.

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2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में की गई थी बुवाई

कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में खरीफ फसल के दौरान 2 लाख 16 हजार 940 हैक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की फसलों की बुवाई की गई थी. वहीं लगभग 1 लाख हैक्टेयर में मक्का की बुवाई की गई थी. 17 हजार 250 हैक्टेयर में धान बोया गया था.

जिले में मक्का के बाद सबसे अधिक से अधिक हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की गई थी. कुल मिलाकर 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र से अधिक भू-भाग में खरीफ की फसल बोई गई थी. गिरदावरी रिपोर्ट में 63 प्रतिशत खराब का आकलन किया गया है. इस प्रकार करीब 1 लाख 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फसल खराब माना गया है.

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कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर पर्वत सिंह चुंडावत के अनुसार फसल खराबे को देखते हुए हमने पहले ही गिरदावरी के निर्देश जारी कर दिए थे. 25 अक्टूबर तक गिरदावरी रिपोर्ट आनी थी. विभिन्न तहसीलों से गिरदावरी आने के बाद जिले की रिपोर्ट तैयार की गई है. जिसमें औसत रूप से 63 प्रतिशत फसल खराबा माना गया है. हमने गिरदावरी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है. अब प्रभावित किसानों को किस प्रकार राहत दी जानी हैं, इस संबंध में सरकार के अगले आदेश का इंतजार है.

Intro:बांसवाड़ाl अतिवृष्टि से बांसवाड़ा जिले में भारी पैमाने पर फसली खराबा हुआ थाl जिला प्रशासन द्वारा गिरदावरी रिपोर्ट में लगभग 63% खराबा माना गया हैl फिलहाल अब राहत की गेंद राज्य सरकार के पाले में हैl 25 अक्टूबर तक विभिन्न जिलों की गिरदावरी रिपोर्ट आने के बाद सरकार द्वारा राहत संबंधी कदम उठाए जाने की संभावना हैl


Body:मानसून के दौरान अगस्त और सितंबर में जिले में भारी बारिश के कई दौर आएl नदी नालों के उफान में आने के साथ ही भारी बारिश से खरीफ की फसल डूब गईl अधिकांश क्षेत्रों में कई दिनों तक फसलें पानी में डूबी रहीl नतीजा यह निकला कि फसलें गल गईl फसल तो दूर की बात मवेशियों के लिए चारे पानी तक की किल्लत हो गईl सरकार के निर्देशानुसार 15 अक्टूबर तक गिरदावरी रिपोर्ट भेजना था l क्योंकि बांसवाड़ा जिला अतिवृष्टि प्रभावित जिलों में शुमार है ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा पहले से ही इसकी तैयारी कर ली गई थीl ऐसे में पटवार हलकों से समय से पहले गिरदावरी रिपोर्ट पहुंच गईl रिपोर्ट में जिले में बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान होना माना गया हैl



Conclusion:गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार औसत रूप से जिलेभर में 63% फसली खराबे का अनुमान लगाया गया हैl वैसे तो जिले भर में फसलों को नुकसान पहुंचा है लेकिन सबसे अधिक बागीदौरा तहसील क्षेत्र में 71% खराबे की बात सामने आई हैl

अब सरकार पर नजर

बांसवाड़ा से गिरदावरी रिपोर्ट राज्य सरकार के पाले में पहुंच गई हैl नियमानुसार 33% खराबे के साथ ही सरकारी राहत की प्रक्रिया शुरू हो जाती हैl सभी जिला मुख्यालयों से गिरदावरी रिपोर्ट 25 अक्टूबर तक पहुंचने की उम्मीद हैl उसके बाद ही सरकार पॉलिसी तय करेगीl देखने वाली बात यह होगी कि सरकार आखिर कितना खराबा मानती हैl उसी के अनुरूप बजट जारी होगाl

200000 हेक्टर क्षेत्र में की गई थी बुवाई

कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो जिले में खरीफ फसल के दौरान 216940 हेक्टर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की फसलों की बुवाई की गई थीl सबसे अधिक लगभग 100000 हेक्टेयर में मक्का की बुवाई की गई वहीं 17250 हेक्टेयर में धान बोया गयाl जिले में मक्का के बाद सबसे अधिक 70,000 से अधिक हेक्टेयर भूभाग में सोयाबीन की बुवाई की गई थीl कुल मिलाकर 200000 हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक भूभाग में खरीफ की फसल बोई गई थीl गिरदावरी रिपोर्ट में 63% खराबे का आकलन किया गया है इस प्रकार करीब 130000 हेक्टेयर क्षेत्र में फसली खराबा माना गया हैl कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर पर्वत सिंह चुंडावत के अनुसार फसली खराबे को देखते हुए हमने पहले ही गिरदावरी के निर्देश जारी कर दिए थेl 25 अक्टूबर तक गिरदावरी रिपोर्ट आनी थीl विभिन्न तहसीलों से गिरदावरी आने के बाद जिले की रिपोर्ट तैयार की गई जिसमें औसत रूप से 63% खराब माना गया हैl हमने गिरदावरी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी हैl अब प्रभावित किसानों को किस प्रकार राह दी जानी हैं ,सरकार के अगले आदेश का इंतजार हैl

बाइट.... पर्वत सिंह चुंडावत कार्यवाहक अतिरिक्त जिला कलेक्टर बांसवाड़ा
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