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38 साल तक सेवाएं दी, घर जाने से पहले रोडवेज को 'तीसरी आंख' का उपहार देकर जा रहे हैं बालकृष्ण - रोडवेज कर्मचारी बालकृष्ण पंड्या

रोडवेज में काम करने वाले एक कर्मचारी ने रिटायरमेंट के पहले रोडवेज को एक तोहफा दिया. कर्मचारी का कहना है कि रोडवेज चार दशक से उनके परिवार को रोजी-रोटी दे रहा है. इसलिए रोडवेज के प्रति कुछ जिम्मेदारी का अहसास हुआ और रोडवेज स्टैंड पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का निश्चय किया.

बांसवाड़ा न्यूज, रिटायरमेंट से पहले कर्मचारी का तोहफा, राजस्थान न्यूज, रोडवेज स्टैंड
बालकृष्ण ने रिटायरमेंट से पहले रोडवेज को दिया तोहफा
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Published : Mar 18, 2020, 1:50 PM IST

बांसवाड़ा. रोडवेज में निरंतर 38 साल तक सेवाएं देने के बाद बालकृष्ण पंड्या इस महीने के अंत में रिटायर्ड होने जा रहे हैं. आए दिन जेब कतरी की वारदातों के अलावा कर्मचारियों के साथ अभद्रता की घटनाओं से पांड्या का मन व्यथित रहता था, लेकिन रिटायर होने का समय जैसे-जैसे नजदीक आया तो उनके मन में रोडवेज की छवि को लेकर अपनी ओर से कुछ कर गुजरने का विचार आया. इसी के चलते पांड्या ने बांसवाड़ा रोडवेज स्टैंड को तोहफा देने का सोचा.

बालकृष्ण ने रिटायरमेंट से पहले रोडवेज को दिया तोहफा

पंड्या बताते हैं कि जेब कतरी के बाद रोते बिलखते यात्री और अभद्रता के शिकार कर्मचारियों के बारे में सोचा, जिसके चलते उन्होंने रोडवेज आगार को तीसरी आंख अर्थात सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराने का प्रस्ताव दिया. आधार प्रबंधन से स्वीकृति मिलने के साथ ही उन्होंने रिटायर होने से पहले आगार को तीसरी आंख के दायरे में ला दिया.

बता दें कि कैमरे की वजह से रोडवेज स्टैंड पर जेब कतरी की वारदातों में अपेक्षाकृत कमी आई है. वहीं प्रबंधन भी अब कर्मचारी की किसी भी छोटी मोटी शिकायत पर सीसीटीवी फुटेज को आधार बना रहा है. इससे अनावश्यक तौर पर जलालत से कर्मचारियों को भी राहत मिल रही है.

मिलनसार स्वभाव के हैं पंड्या

1982 में रोडवेज में बतौर कंडक्टर से सेवाएं शुरू करने वाले पंड्या काफी मिलनसार होने के साथ कर्मचारियों में भी उनकी एक अलग छवि है. जब भी यात्रियों और स्टाफ के बीच छोटा-मोटा कोई विवाद होता तो साथियों को अक्सर कार्रवाई का शिकार होते देखते. वहीं बुकिंग विंडो पर जेब कतरों की सक्रियता भी उनके मन को व्यतीत करती रहती. रोडवेज प्रबंधन द्वारा जब मार्च में उनके रिटायर होने की सूचना दी गई तो उनके मन में रोडवेज आगार को अनूठा उपहार देने का प्लान आया.

बांसवाड़ा न्यूज, रिटायरमेंट से पहले कर्मचारी का तोहफा, राजस्थान न्यूज, रोडवेज स्टैंड
रोडवेज स्टैंड पर लगे सीसीटीवी कैमरे

पंड्या के प्रस्ताव को हाथो हाथ लेते हुए चीफ मैनेजर रवि मेहरा ने प्लान बनवाया और अलग अलग 8 पॉइंट निर्धारित दिए. रोडवेज के प्लान के अनुसार 31 मार्च को रिटायर हो रहे पंड्या ने सिक्योरिटी एजेंसी से बात की और सभी प्वाइंटों पर सीसी कैमरे लगवाए और सिस्टम का कंट्रोल चीफ मैनेजर कक्ष में स्थापित करवा दिया. पंड्या के अनुसार जब रिटायर होने का खयाल आया तो चार दशक तक परिवार को रोजी-रोटी देने वाले रोडवेज के प्रति कुछ जिम्मेदारी का अहसास हुआ और सीसीटीवी कैमरे लगवाने का निश्चय किया.

यह भी पढ़ें- Corona का खौफ: फिलीपींस में फंसे करीब 1500 भारतीय students, 200 से ज्यादा राजस्थान के

चीफ मैनेजर मेहरा के अनुसार इसका हमें फायदा मिल रहा है. बुकिंग विंडो पर यात्री आए दिन जेब कतरी का शिकार होते थे. जिनमें अब कमी आ गई है और जेब कतरे रोडवेज स्टैंड पर आने से कतराते हैं. इसके अलावा कर्मचारियों के खिलाफ अभद्रता की शिकायतों को सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कंफर्म करते हैं. निश्चित ही यह अच्छा प्रयास है जो हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है.

बांसवाड़ा. रोडवेज में निरंतर 38 साल तक सेवाएं देने के बाद बालकृष्ण पंड्या इस महीने के अंत में रिटायर्ड होने जा रहे हैं. आए दिन जेब कतरी की वारदातों के अलावा कर्मचारियों के साथ अभद्रता की घटनाओं से पांड्या का मन व्यथित रहता था, लेकिन रिटायर होने का समय जैसे-जैसे नजदीक आया तो उनके मन में रोडवेज की छवि को लेकर अपनी ओर से कुछ कर गुजरने का विचार आया. इसी के चलते पांड्या ने बांसवाड़ा रोडवेज स्टैंड को तोहफा देने का सोचा.

बालकृष्ण ने रिटायरमेंट से पहले रोडवेज को दिया तोहफा

पंड्या बताते हैं कि जेब कतरी के बाद रोते बिलखते यात्री और अभद्रता के शिकार कर्मचारियों के बारे में सोचा, जिसके चलते उन्होंने रोडवेज आगार को तीसरी आंख अर्थात सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराने का प्रस्ताव दिया. आधार प्रबंधन से स्वीकृति मिलने के साथ ही उन्होंने रिटायर होने से पहले आगार को तीसरी आंख के दायरे में ला दिया.

बता दें कि कैमरे की वजह से रोडवेज स्टैंड पर जेब कतरी की वारदातों में अपेक्षाकृत कमी आई है. वहीं प्रबंधन भी अब कर्मचारी की किसी भी छोटी मोटी शिकायत पर सीसीटीवी फुटेज को आधार बना रहा है. इससे अनावश्यक तौर पर जलालत से कर्मचारियों को भी राहत मिल रही है.

मिलनसार स्वभाव के हैं पंड्या

1982 में रोडवेज में बतौर कंडक्टर से सेवाएं शुरू करने वाले पंड्या काफी मिलनसार होने के साथ कर्मचारियों में भी उनकी एक अलग छवि है. जब भी यात्रियों और स्टाफ के बीच छोटा-मोटा कोई विवाद होता तो साथियों को अक्सर कार्रवाई का शिकार होते देखते. वहीं बुकिंग विंडो पर जेब कतरों की सक्रियता भी उनके मन को व्यतीत करती रहती. रोडवेज प्रबंधन द्वारा जब मार्च में उनके रिटायर होने की सूचना दी गई तो उनके मन में रोडवेज आगार को अनूठा उपहार देने का प्लान आया.

बांसवाड़ा न्यूज, रिटायरमेंट से पहले कर्मचारी का तोहफा, राजस्थान न्यूज, रोडवेज स्टैंड
रोडवेज स्टैंड पर लगे सीसीटीवी कैमरे

पंड्या के प्रस्ताव को हाथो हाथ लेते हुए चीफ मैनेजर रवि मेहरा ने प्लान बनवाया और अलग अलग 8 पॉइंट निर्धारित दिए. रोडवेज के प्लान के अनुसार 31 मार्च को रिटायर हो रहे पंड्या ने सिक्योरिटी एजेंसी से बात की और सभी प्वाइंटों पर सीसी कैमरे लगवाए और सिस्टम का कंट्रोल चीफ मैनेजर कक्ष में स्थापित करवा दिया. पंड्या के अनुसार जब रिटायर होने का खयाल आया तो चार दशक तक परिवार को रोजी-रोटी देने वाले रोडवेज के प्रति कुछ जिम्मेदारी का अहसास हुआ और सीसीटीवी कैमरे लगवाने का निश्चय किया.

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चीफ मैनेजर मेहरा के अनुसार इसका हमें फायदा मिल रहा है. बुकिंग विंडो पर यात्री आए दिन जेब कतरी का शिकार होते थे. जिनमें अब कमी आ गई है और जेब कतरे रोडवेज स्टैंड पर आने से कतराते हैं. इसके अलावा कर्मचारियों के खिलाफ अभद्रता की शिकायतों को सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कंफर्म करते हैं. निश्चित ही यह अच्छा प्रयास है जो हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है.

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