बांसवाड़ा. करीब ढ़ाई करोड़ रुपए की ठगी के मामले में वांछित आरोपी को आनंदपुरी पुलिस गुजरात के वडोदरा में दबोचने में कामयाब रही लेकिन पुलिस उसे बांसवाड़ा नहीं ला पाई. वहां की एसओजी की लापरवाही से आरोपी भाग निकला. इसे लापरवाही कहें या मिलीभगत एसओजी सवालों के घेरे में आ गई है.
2017 में शहर के व्यापारी रौनक दोषी ने अपने साथ हुई ठगी के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. कोतवाली पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई तो मामले को अन्य पुलिस थाने को भेजा गया. अंततः प्रकरण आनंदपुरी पुलिस थाने को भेजा गया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी बड़ोदरा निवासी आदेश पुत्र देव कुमार और उसकी पत्नी रिद्धि की तलाश में जुट गई.
आनंदपुरी पुलिस को मुखबिर और कॉन्टेक्ट डिटेल के आधार पर आदेश के वडोदरा में होने की सूचना मिली तो पुलिस टीम वहां पहुंची और आदेश को दबोच लिया लेकिन कामयाबी की यह खुशी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई क्योंकि नियमानुसार आरोपी की गिरफ्तारी की एंट्री कराने के लिए पुलिस टीम संबंधित पुलिस थाने पहुंची.
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी के खिलाफ वडोदरा में भी धोखाधड़ी के केस दर्ज है. जिसकी जांच एसओजी कर रही है. इसलिए बांसवाड़ा पुलिस को शनिवार सुबह आरोपी को ले जाने को कहा गया. आनंदपुरी पुलिस टीम ने आरोपी को एसओजी के सुपुर्द कर दिया लेकिन वहां अधिकारियों ने अपनी कस्टडी में रखने की बजाय उसे शनिवार सुबह थाने में आने को कह कर रवाना कर दिया.
टीम में शामिल थाना प्रभारी कपिल पाटीदार ने बताया कि आरोपी शनिवार सुबह थाने नहीं पहुंचा और फरार हो गया. हालांकि, पुलिस ने दिन भर उसकी तलाश भी की लेकिन उसका पता नहीं चला. ऐसे में पुलिस टीम आनंदपुरी लौट आई.