बांसवाड़ा. एंटी करप्शन ब्यूरो जयपुर इंस्पेक्टर नीरज भारद्वाज के नेतृत्व में बुधवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया जिसके बाद पीडब्ल्यूडी के कार्मिकों सहित निर्माण ठेकेदारों में भी खलबली मच गई. एक ठेकेदार द्वारा जयपुर मुख्यालय पर अधिशासी अभियंता प्रेम प्रकाश महावर के खिलाफ शिकायत दी गई थी.
शिकायत में बताया गया था कि उसने करीब 13 लाख रुपए का काम किया और 12 लाख 60 हजार के बिल के भुगतान की एवज में अधिशासी अभियंता महावर द्वारा कमीशन की मांग की जा रही है. इन बिलों के भुगतान के बदले में 10 हजार 500 बतौर कमीशन मांगा गया है और 40 हजार का भुगतान कर दिया गया है.
एसीबी इंस्पेक्टर भारद्वाज ने बताया कि सत्यापन के दौरान 40,000 लेने के साथ शेष राशि 65,000 बुधवार को देना तय हुआ था. उसी के तहत परिवादी ठेकेदार महावर के दफ्तर पहुंचा जहां महावर के ऑफिस में दो व्यक्ति मिले. उनमें से एक ने परिवादी से 65,000 की नगदी ले ली और अपने साथी को थमा दी.
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परिवादी का इशारा पाते ही ब्यूरो टीम वहां पहुंच गई और दोनों को दबोच लिया. दोनों ही व्यक्ति इस राशि के बारे में कोई जवाब नहीं दे पाए. शिकायत और सत्यापन के आधार पर महावर और उन दोनों ही व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया. महावर के साथ पकड़े गए लोगों की पहचान गांधीनगर चित्तौड़गढ़ निवासी शैलेंद्र पुत्र प्रेम बाबू शर्मा और पंकज पुत्र दुर्गा प्रसाद गौड़ के रूप में की गई. दोनों ही पेशे से ठेकेदार हैं.
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तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों को गुरुवार को उदयपुर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा. बता दें कि एसीबी की बांसवाड़ा टीम ने मंगलवार को भी उद्यमिता विभाग के एक अधिकारी को उसके साथी सहित 8000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.