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बांसवाड़ा में ACB की कार्रवाई, 8 हजार की रिश्वत लेते 2 गिरफ्तार

बांसवाड़ा एसीबी की टीम ने मंगलवार को उद्यमिता विभाग के वेरिफिकेशन ऑफिसर सहित 2 लोगों को 8000 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. आरोपी फर्म के सत्यापन के नाम पर रिश्वत की मांग की थी.

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Published : Sep 8, 2020, 7:51 PM IST

Banswara ACB Latest News , ACB action in Banswara
बांसवाड़ा में ACB की कार्रवाई

बांसवाड़ा. एसीबी ने मंगलवार को उद्यमिता विभाग के वेरिफिकेशन ऑफिसर सहित 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत स्वीकृत औद्योगिक इकाई के वेरिफिकेशन की आड़ में रिश्वत ले रहे थे. आरोपियों ने फर्म के सत्यापन में दस्तावेजों का अभाव बताकर परिवादी को दबाव में लिया. आरोपियों में एक उत्तर प्रदेश और दूसरा झारखंड का है.

बांसवाड़ा में ACB की कार्रवाई

जानकारी के अनुसार परिवादी जातला ग्राम पंचायत अंतर्गत नवा टापरा निवासी प्रकाश चंद्र डाबी के नाम प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत फर्नीचर व्यवसायी के लिए 4 लाख 86 हजार का ऋण स्वीकृत हुआ था. इसके लिए जिले में स्वीकृत औद्योगिक इकाइयों के वेरिफिकेशन के लिए आयोग की ओर से उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत काम करने वाले उद्यमिता विकास संस्थान के अधिकारी सनी सहलोत को फिजिकल वेरिफिकेशन ऑफिसर नियुक्त किया गया था.

पढ़ें- रिश्वत प्रकरण में MDS यूनिवर्सिटी के कुलपति पर कसा ACB ने शिकंजा, किया गिरफ्तार

परिवादी प्रकाश चंद्र ने फर्नीचर व्यवसाई के लिए बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा सेनावासा से ऋण प्राप्त किया था. सब्सिडी के वेरिफिकेशन के लिए वेरिफिकेशन ऑफिसर सनी अपने साथी दयाल डेनियम के साथ परिवादी के फार्म पर पहुंचा. इस दौरान परिवादी को पता चला कि किराए की दुकान का एग्रीमेंट नहीं होने के साथ उद्योग विभाग से जारी होने वाला लाइसेंस सर्टिफिकेट भी नहीं है, ऐसे में सब्सिडी जारी होना मुश्किल है.

इसके बाद वेरिफिकेशन ऑफिसर ने परिवादी से दस्तावेजों की खानापूर्ति की एवज में 15 हजार रुपए की मांग की. वहीं, 7 सितंबर को 10 हजार रुपए में में सौदा तय हुआ और 2 हजार रुपए का भुगतान भी कर दिया गया. वही, एसीबी टीम की ओर से सत्यापन की कार्रवाई के बाद शेष रकम मंगलवार को देना तय किया गया.

एसीबी बांसवाड़ा के प्रभारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माधो सिंह सोढा के अनुसार दोनों ही आरोपी कार लेकर प्रकाश की फर्म पर पहुंचे. यहां जैसे ही ऑफिसर ने परिवादी से 8 हजार की राशि लेकर अपनी कार में रखी ब्यूरो की टीम ने उसे दबोच लिया. फिलहाल, दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

बांसवाड़ा. एसीबी ने मंगलवार को उद्यमिता विभाग के वेरिफिकेशन ऑफिसर सहित 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत स्वीकृत औद्योगिक इकाई के वेरिफिकेशन की आड़ में रिश्वत ले रहे थे. आरोपियों ने फर्म के सत्यापन में दस्तावेजों का अभाव बताकर परिवादी को दबाव में लिया. आरोपियों में एक उत्तर प्रदेश और दूसरा झारखंड का है.

बांसवाड़ा में ACB की कार्रवाई

जानकारी के अनुसार परिवादी जातला ग्राम पंचायत अंतर्गत नवा टापरा निवासी प्रकाश चंद्र डाबी के नाम प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत फर्नीचर व्यवसायी के लिए 4 लाख 86 हजार का ऋण स्वीकृत हुआ था. इसके लिए जिले में स्वीकृत औद्योगिक इकाइयों के वेरिफिकेशन के लिए आयोग की ओर से उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत काम करने वाले उद्यमिता विकास संस्थान के अधिकारी सनी सहलोत को फिजिकल वेरिफिकेशन ऑफिसर नियुक्त किया गया था.

पढ़ें- रिश्वत प्रकरण में MDS यूनिवर्सिटी के कुलपति पर कसा ACB ने शिकंजा, किया गिरफ्तार

परिवादी प्रकाश चंद्र ने फर्नीचर व्यवसाई के लिए बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा सेनावासा से ऋण प्राप्त किया था. सब्सिडी के वेरिफिकेशन के लिए वेरिफिकेशन ऑफिसर सनी अपने साथी दयाल डेनियम के साथ परिवादी के फार्म पर पहुंचा. इस दौरान परिवादी को पता चला कि किराए की दुकान का एग्रीमेंट नहीं होने के साथ उद्योग विभाग से जारी होने वाला लाइसेंस सर्टिफिकेट भी नहीं है, ऐसे में सब्सिडी जारी होना मुश्किल है.

इसके बाद वेरिफिकेशन ऑफिसर ने परिवादी से दस्तावेजों की खानापूर्ति की एवज में 15 हजार रुपए की मांग की. वहीं, 7 सितंबर को 10 हजार रुपए में में सौदा तय हुआ और 2 हजार रुपए का भुगतान भी कर दिया गया. वही, एसीबी टीम की ओर से सत्यापन की कार्रवाई के बाद शेष रकम मंगलवार को देना तय किया गया.

एसीबी बांसवाड़ा के प्रभारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माधो सिंह सोढा के अनुसार दोनों ही आरोपी कार लेकर प्रकाश की फर्म पर पहुंचे. यहां जैसे ही ऑफिसर ने परिवादी से 8 हजार की राशि लेकर अपनी कार में रखी ब्यूरो की टीम ने उसे दबोच लिया. फिलहाल, दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

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