ETV Bharat / state

उपवास धारियाें के बहुमान में भव्य शोभायात्रा का आयोजन

जैन समाज के पर्यूषण पर्व के उपलक्ष में दस दिवसीय उपवास धारियों के बहुमान में जैन समाज द्वारा घाटोल कस्बे में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. 16वें संस्कार शिविर के आयोजन पर नगर मे दस-दस उपवास धारण करने वाले 50 लोगों के माध्यम से उपवास धारण करने पर उनके बहुमान में नगर में भव्य शोभायात्रा निकल गई. वह विशेष आकर्षण का केंद्र जुलूस में बने रहे.

बांसवाड़ा समाचार, Banswara news, बांसवाड़ा धारियों शोभायात्रा, Banswara Stripes Procession, बांसवाड़ा जैन समाज, Banswara Jain Society
author img

By

Published : Sep 12, 2019, 8:59 AM IST

घाटोल (बांसवाड़ा). घाटोल कस्बे में वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में मुनि समता सागर जी महाराज और ऐलक निश्चय सागर जी महाराज के सानिध्य में चल रहे हैं. पर्युषण महापर्व के उत्तम आकींचन धर्म और 16वां संस्कार शिविर के आयोजन पर नगर में दस-दस उपवास धारण करने वाले 50 लोगों के माध्यम से उपवास धारण करने पर उनके बहुमान में नगर में भव्य शोभायात्रा निकल गई. जो मंदिर से प्रारंभ होते हुए कस्बे के प्रमुख मार्ग पटेल वाडा, पोस्ट चौराया, पुराना बस स्टैंड से होते हुए आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पहुंची. यहां पर मुनि समता सागर जी महाराज और ऐलक नीश्चय सागर जी महाराज सभा को संबोधित किया. वहीं जुलूस में बैंड बाजे के साथ पाठशाला के बच्चे हाथों में पंचरंगी जैन धर्म की ध्वजा लिए हुए नारे लगाते हुए चल रहे थे.

16वें संस्कार शिविर का हुआ आयोजन

वहीं उनके पीछे बालिका मंडल नृत्य गान करते हुए जुलूस की शोभा बढ़ा रही थी. साथ ही उनके महिला शिवराथी साड़ी में हरे और नीले रगं के बॉडर वाली सफेद साड़ी में कदम से कदम मिला कर चल रही थी. उनके साथ ही महिला मंडल कि महिलाएं अपने ग्रुप के अनुरूप रंग-बिरंगी साड़ियां पहनकर भक्ती में नारे लगाते हुए और समुह नृत्य करते हुए चल रही थीं. तदोपरांत आचार्य विद्यासागर जी महाराज की बचपन बाल्यावस्था के रूप में विद्याधर नाम की एक बालक को विद्याधर का रूप देकर झांकी के रूप में निकाले गए. वह विशेष आकर्षण का केंद्र जुलूस में बने रहे. वहीं उसके साथ घाटोल के मूलनायक वासुपूज्य भगवान की भव्य तस्वीर और जिनवाणी की रथ यात्रा चल रही थी.

यह भी पढ़ें- बांसवाड़ा : मिड डे मील योजना के पोषाहार की चोरी पकडी गई

तदुपरांत मुनि संघ और समस्त पुरुष शिविरार्थी धोती कुर्ते में जयकारों के साथ गगनभेदी नारे लगाते हुए शोभा यात्रा को गुंजायमान कर रहे थे. वहीं उसके उपरांत समस्त उपवासधारी जिन्होंने दस-दस उपवास धारण किए, उन्हें अलग-अलग बग्घियों में बिठाकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई. प्राप्त मंदिर जी में पूजा-पाठ नीति अभिषेक और शांति की गई. शांति धारा का सौभाग्य उकावत प्रीतेश कुमार महिपाल को प्राप्त हुआ. दोपहर में तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ. सायंकालीन महाआरती के साथ ही रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम नाटक का मंचन किया गया.

घाटोल (बांसवाड़ा). घाटोल कस्बे में वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में मुनि समता सागर जी महाराज और ऐलक निश्चय सागर जी महाराज के सानिध्य में चल रहे हैं. पर्युषण महापर्व के उत्तम आकींचन धर्म और 16वां संस्कार शिविर के आयोजन पर नगर में दस-दस उपवास धारण करने वाले 50 लोगों के माध्यम से उपवास धारण करने पर उनके बहुमान में नगर में भव्य शोभायात्रा निकल गई. जो मंदिर से प्रारंभ होते हुए कस्बे के प्रमुख मार्ग पटेल वाडा, पोस्ट चौराया, पुराना बस स्टैंड से होते हुए आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पहुंची. यहां पर मुनि समता सागर जी महाराज और ऐलक नीश्चय सागर जी महाराज सभा को संबोधित किया. वहीं जुलूस में बैंड बाजे के साथ पाठशाला के बच्चे हाथों में पंचरंगी जैन धर्म की ध्वजा लिए हुए नारे लगाते हुए चल रहे थे.

16वें संस्कार शिविर का हुआ आयोजन

वहीं उनके पीछे बालिका मंडल नृत्य गान करते हुए जुलूस की शोभा बढ़ा रही थी. साथ ही उनके महिला शिवराथी साड़ी में हरे और नीले रगं के बॉडर वाली सफेद साड़ी में कदम से कदम मिला कर चल रही थी. उनके साथ ही महिला मंडल कि महिलाएं अपने ग्रुप के अनुरूप रंग-बिरंगी साड़ियां पहनकर भक्ती में नारे लगाते हुए और समुह नृत्य करते हुए चल रही थीं. तदोपरांत आचार्य विद्यासागर जी महाराज की बचपन बाल्यावस्था के रूप में विद्याधर नाम की एक बालक को विद्याधर का रूप देकर झांकी के रूप में निकाले गए. वह विशेष आकर्षण का केंद्र जुलूस में बने रहे. वहीं उसके साथ घाटोल के मूलनायक वासुपूज्य भगवान की भव्य तस्वीर और जिनवाणी की रथ यात्रा चल रही थी.

यह भी पढ़ें- बांसवाड़ा : मिड डे मील योजना के पोषाहार की चोरी पकडी गई

तदुपरांत मुनि संघ और समस्त पुरुष शिविरार्थी धोती कुर्ते में जयकारों के साथ गगनभेदी नारे लगाते हुए शोभा यात्रा को गुंजायमान कर रहे थे. वहीं उसके उपरांत समस्त उपवासधारी जिन्होंने दस-दस उपवास धारण किए, उन्हें अलग-अलग बग्घियों में बिठाकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई. प्राप्त मंदिर जी में पूजा-पाठ नीति अभिषेक और शांति की गई. शांति धारा का सौभाग्य उकावत प्रीतेश कुमार महिपाल को प्राप्त हुआ. दोपहर में तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ. सायंकालीन महाआरती के साथ ही रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम नाटक का मंचन किया गया.

Intro:घाटोल(बांसवाड़ा)-जैन समाज के पर्यूषण पर्व के उपलक्ष मे दस दिवसीय उपवास धारीयाे के बहुमान मे जैन समाज द्वारा घाटोल कस्बे मे भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया|Body:घाटोल कस्बे में वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर प्रांगण में मुनि समता सागर जी महाराज एव ऐलक निश्चय सागर जी महाराज के सानिध्य में चल रहे हैं पर्युषण महापर्व के उत्तम आकींचन धर्म एवं 16वा संस्कार शिविर के आयोजन पर नगर मे दस दस उपवास धारण करने वाले 50 लाेगाे दाुरा उपवास धारण करने पर उनके बहू मान में नगर में भव्य शोभायात्रा निकल गई जो मंदिर से प्रारंभ होते हुए कस्बे के प्रमुख मार्ग पटेल वाडा, पोस्ट चौराया, पुराना बस स्टैंड से होते हुए आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पहुंची जहां पर मुनि समता सागर जी महाराज एवं ऐलक नीश्चय सागर जी महाराज सभा को संबोधित किया वहीं जुलूस में बैंड बाजे के साथ पाठशाला के बच्चे हाथों में पंचरंगी जैन धर्म की धर्म ध्वजा लिए हुए नारे लगाते हुए चल रहे थे वही उनके पीछे बालिका मंडल नृत्य गान करते हुए जुलूस की शोभा बढ़ा रही थी साथ ही उनके याथ महिला शिवराथी साडी मे हरे व नीले रगंके बाेडर वाली सफेद साडी मे कदम से कदम मिला कर चल रही थी एव उनके साथ ही महिला मंडल कि महिलाएं अपने गुप के अनुरूप रगंबिरगीं साडीया पहनकर भक्ती मे नारे लगाते हुए और समुह नत़्य करते हुए चल रही थी और तदोपरांत आचार्य विद्यासागर जी महाराज की बचपन बाल्यावस्था के रूप में विद्याधर नाम की एक बालक को विद्याधर का रूप देकर झांकी के रूप में निकाले गए वह विशेष आकर्षण का केंद्र जुलूस में बनी रहे वही उसके साथ घाटोल के मूलनायक वासुपूज्य भगवान की भव्य तस्वीर एवं जिनवाणी की रथ यात्रा चल रही थी तदुपरांत मुनि संघ एवं समस्त पुरुष शिविरार्थी धोती कुर्ता मैं जयकारों के साथ गगनभेदी नारे लगाते हुए शोभा यात्रा को गुंजायमान कर रहे थे वही उसके उपरांत समस्त उपवासधारी जिन्होंने दस दस उपवास धारण किए उन्हें अलग-अलग बगिया में बिठाकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई वही प्राप्त मंदिर जी में पूजा-पाठ नीति अभिषेक एवं शांति द्वारा की गई शांति धारा का सौभाग्य उकावत प्रीतेश कुमार महिपाल को प्राप्त हुआ एवं दोपहर में तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ एवं साय कालीन महाआरती के साथ ही रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम नाटक का मंचन किया गया|Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.