बांसवाड़ा. यहां राती तलाई निवासी एक दंपति मितेश और उसकी पत्नी आभा गुप्ता के खिलाफ पुलिस थाने में धोखाधड़ी सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज थे. दोनों के खिलाफ जून में प्रमाणित हो गए लेकिन दंपति अपनी शहर से फरार थे. मितेश के खिलाफ न्यायालय से 8 स्थाई वारंट और 3 प्रकरण सीआरपीसी के तहत दर्ज हैं. वहीं आभा गुप्ता के खिलाफ 3 स्थाई वारंट वहीं सीआरपीसी के एक मामले में पुलिस को तलाश थी.जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि दोनों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाल देवीलाल को आदेश दिया गया था.
बांसवाड़ा कोतवाली थाना प्रभारी के नेतृत्व में सहायक पुलिस उप निरीक्षक रोमेग पाटीदार के नेतृत्व में तकनीकी टीम के हेड कांस्टेबल पवन सिंह को शामिल करते हुए टीम गठित की गई. आरोपियों के बारे में गोपनीय जानकारी हासिल करने के बाद पुलिस टीम मौके के लिए रवाना हुई. इस दौरान टीम तकनीकी टीम के साथ लगातार संपर्क में रहे और आरोपियों के ठिकाने पर पहुंच गई. दोनों ही देहरादून में कई सालों से वास्तु और ट्यूशन का काम कर रहे थे. यहां तक की मितेश वास्तु शास्त्र के आचार्य के रूप में आचार्य एम. एस. के नाम से ऑनलाइन पहचान बना कर खुद को छुपाए हुए था.
पुलिस साल 2014 में दोनों आरोपियों के काफी करीब पहुंच गई थी लेकिन अंतिम समय में पुलिस को गच्चा देने में ये दोनों कामयाब हो गए.इस बार पुलिस ने उससे सबक लेते हुए तकनीकी टीम की मदद से दोनों को उत्तराखंड के देहरादून से दबोच लिया. पुलिस ने उनकी तलाश के लिए प्रयास किया लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही यह दंपति गच्चा देकर फरार होने में कामयाब होता रहा. आईटी टीम की मदद से पुलिस ने इस बार पिछली गलतियों से सबक लेते हुए आखिरकार दंपति को गिरफ्तार कर लिया.