बांसवाड़ा. कोरोना संक्रमितों का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. संक्रमितों की संख्या लगभग 400 पार हो गई है. करीब 70 प्रतिशत रोगी पिछले एक माह में सामने आए हैं. चिंताजनक पहलू यह है कि शहर में संक्रमण तेजी से फैला है और परिवार के परिवार इसकी चपेट में आ रहे हैं. अब तक जो भी नए कोरोना संक्रमित मिले हैं, उनमें से 50 प्रतिशत से अधिक एक ही परिवार से संबंधित लोग हैं. चिकित्सा विभाग का कहना है कि कोरोना के लक्षण आने के बाद भी बड़ी संख्या में लोग हॉस्पिटल आने से बच रहे हैं. यहां तक कि क्वॉरेंटाइन नियमों की भी पालना नहीं कर रहे हैं. इस कारण आने वाले समय में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ सकता है.
आंकड़ों के अनुसार 19 अगस्त तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 400 पार हो गई. इनमें से 250 से अधिक रोगी पिछले एक माह में सामने आए हैं. मार्च से लेकर जून तक रोगियों की संख्या से सैकड़ा भी नहीं पहुंच पाई थी, लेकिन 15 जुलाई के बाद से संक्रमित एकाएक बढ़े और बीते एक महीने में कोरोना संक्रमितों की संख्या 250 तक पहुंच गई.
परिवार के परिवार संक्रमण के शिकार...
- कोरोना संक्रमित जो नए लोग सामने आ रहे हैं, वे अपनों से ही संक्रमित हो रहे हैं. बांसवाड़ा शहर की बात करें तो एक-एक परिवार के पांच-पांच से लेकर सात-सात लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ रही है. अधिकांश लोगों के संक्रमित होने का कारण परिवार में पहले किसी एक व्यक्ति का संक्रमित होना सामने आ रहा है.
- 13 अगस्त को एक एंबुलेंसकर्मी अपने दो बच्चों और मां के साथ पॉजिटिव पाया गया. उसकी पत्नी पूर्व में ही संक्रमित निकली थी. एंबुलेंसकर्मी की बुजुर्ग मां सरकारी दफ्तर में काम करती है. ऐसे में साथी कर्मचारी भी शक के दायरे में आ गए.
- 3 अगस्त को शहर के राती तराई क्षेत्र में रहने वाले रिटायर्ड बैंक अधिकारी की तबीयत बिगड़ी. रक्षाबंधन पर्व पर परिजन घर पर एकत्र हुए. रिटायर्ड बैंक अधिकारी सैंपल लेने पर पॉजिटिव निकला. हालांकि उनकी उदयपुर में मौत हो गई, लेकिन 9 अगस्त को परिवार के लोगों की जांच में पांच सदस्य संक्रमित पाए गए.
- कोतवाली थाने के एक एएसआई और कांस्टेबल की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली. बाद में एसपी ऑफिस के कंट्रोल रूम कंप्यूटर ऑपरेटर भी संक्रमित पाए गए. पुलिस कर्मचारियों में डर का माहौल व्याप्त है, क्योंकि कोतवाली के साथ एसपी ऑफिस के कंट्रोल रूम में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का आना-जाना लगा रहता है.
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चोरी छुपे पहुंच रहे हैं घर...
कोरोना संक्रमित लोगों की कांटेक्ट लिस्ट निकाली जा रही है, जिनमें से अधिकांश लोगों के संक्रमण का कारण पूर्व में परिवार या फिर अपने किसी नाते रिश्तेदार से संपर्क को माना जा रहा है. कई पढ़े-लिखे लोगों के परिवार कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. विभाग की माने तो अनलॉक शुरू होने के साथ ही सरकार ने कई प्रकार की बंदिशों को खोल दिया. उसके बाद बाहर से आने वाले लोग बिना किसी सूचना के अपने घर पर पहुंच रहे हैं. उनकी लापरवाही के कारण परिवार के अन्य सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. स्थिति यह है कि अकेले बांसवाड़ा शहर में 40 गली मोहल्ले कंटेंनमेंट जोन के दायरे में आ चुके हैं.
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डॉ. जिनेश पांड्या के अनुसार जो भी नए संक्रमित लोग आ रहे हैं, उनके परिवार में पहले कोई एक सदस्य संक्रमित रह चुका है. करीब 50 प्रतिशत से अधिक लोगों में संक्रमण का कारण संक्रमित सदस्य की लापरवाही सामने आ रही है. डॉक्टर अश्विन पाटीदार के अनुसार समय रहते सावधानी नहीं बरती तो हालात विस्फोटक हो सकते हैं.
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी महात्मा गांधी चिकित्सालय डॉ. अनिल भाटी भी मानते हैं कि लोग कोरोना के खतरे को दरकिनार कर रहे हैं और गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे. इसी कारण लगातार रोगी बढ़ रहे हैं. कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है. उपखंड अधिकारी पर्वत सिंह चुंडावत के अनुसार शहर में तेजी से संक्रमण फैला है. खासकर कुछ इलाकों में कई परिवारों के लोग इसकी चपेट में आए हैं. लगातार संक्रमण के चलते शहर में करीब 40 गली मोहल्ले जीरो मोबिलिटी पर रखे गए हैं.