कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). राजस्थान के दक्षिणी छोर पर मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमाओं से सटा जिले का कुशलगढ़ कस्बा एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. जहां पर शिक्षा, चिकित्सा और बेरोजगारी बहुत ही बड़ा मुद्दा है. राजस्थान सरकार जनजाति क्षेत्र में अच्छी शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है.
वहीं कुशलगढ़ में स्थित राजकीय मामा बालेश्वर दयाल राजकीय महाविद्यालय आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यह महाविद्यालय साल 2019 में भी बिना प्राचार्य, उप प्राचार्य और सिर्फ 11 व्याख्याताओं के भरोसे संचालित हो रहा है.
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महाविद्यालय में स्वीकृत पद और रिक्त पद...
- हिन्दी विभाग के 4 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 3 रिक्त पद है
- इतिहास विभाग में 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें दोनों ही पद रिक्त है
- समाजशास्त्र विभाग के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें एक पद रिक्त है
- राजनीति विज्ञान के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 1 पद रिक्त है
- भौतिक शास्त्र में 1 पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
- प्राणी शास्त्र में एक पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
- वहीं महाविद्यालय में लेखकार का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
- यू.ड़ीसी. का 1 पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
- पी.टी.आई का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
- लैब असिस्टेंट के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमे दोनों ही रिक्त हैं
- पुस्तकालय अध्यक्ष का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
- बुक लिप्टर का एक पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
- चतुर्थ श्रेणी के 5 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 2 पद रिक्त हैं
वहीं कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए के खेल का मैदान तो है. लेकिन समतलीकरण नहीं होने के कारण उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य के बातचीत की. उन्होंने बताया कि पिछले सत्र में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने पर कुछ संकायों में बांसवाड़ा से 15 दिन के लिए व्याख्याता बुलाए गए थे.