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पढ़ाई चौपट! 1 हजार से अधिक स्टूडेंट्स का भविष्य 11 लेक्चरर के भरोसे, प्राचार्य सहित व्याख्याताओं के कई पद रिक्त

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Published : Dec 20, 2019, 1:38 PM IST

बासंवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में स्थित एमबीडी कॉलेज में 22 में से 11 व्याख्याताओं के पद रिक्त हैं. वहीं प्राचार्य और उप प्राचार्य का पद भी रिक्त है. मात्र 11 व्याख्याता ही छात्रों को पढ़ा रहे हैं.

MBD College lecturers posts, एमबीडी कॉलेज में व्याख्याताओं के प
11 व्याख्याताओं के भरोसे एमबीडी कॉलेज

कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). राजस्थान के दक्षिणी छोर पर मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमाओं से सटा जिले का कुशलगढ़ कस्बा एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. जहां पर शिक्षा, चिकित्सा और बेरोजगारी बहुत ही बड़ा मुद्दा है. राजस्थान सरकार जनजाति क्षेत्र में अच्छी शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है.

11 व्याख्याताओं के भरोसे एमबीडी कॉलेज

वहीं कुशलगढ़ में स्थित राजकीय मामा बालेश्वर दयाल राजकीय महाविद्यालय आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यह महाविद्यालय साल 2019 में भी बिना प्राचार्य, उप प्राचार्य और सिर्फ 11 व्याख्याताओं के भरोसे संचालित हो रहा है.

ये पढ़ेंः Special­: भामाशाहों की मदद से स्कूल की काया पलटी, अब प्राइवेट स्कूलों जैसी हो रही पढ़ाई

महाविद्यालय में स्वीकृत पद और रिक्त पद...

  • हिन्दी विभाग के 4 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 3 रिक्त पद है
  • इतिहास विभाग में 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें दोनों ही पद रिक्त है
  • समाजशास्त्र विभाग के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें एक पद रिक्त है
  • राजनीति विज्ञान के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 1 पद रिक्त है
  • भौतिक शास्त्र में 1 पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
  • प्राणी शास्त्र में एक पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
  • वहीं महाविद्यालय में लेखकार का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
  • यू.ड़ीसी. का 1 पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
  • पी.टी.आई का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
  • लैब असिस्टेंट के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमे दोनों ही रिक्त हैं
  • पुस्तकालय अध्यक्ष का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
  • बुक लिप्टर का एक पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
  • चतुर्थ श्रेणी के 5 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 2 पद रिक्त हैं

वहीं कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए के खेल का मैदान तो है. लेकिन समतलीकरण नहीं होने के कारण उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य के बातचीत की. उन्होंने बताया कि पिछले सत्र में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने पर कुछ संकायों में बांसवाड़ा से 15 दिन के लिए व्याख्याता बुलाए गए थे.

कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). राजस्थान के दक्षिणी छोर पर मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमाओं से सटा जिले का कुशलगढ़ कस्बा एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. जहां पर शिक्षा, चिकित्सा और बेरोजगारी बहुत ही बड़ा मुद्दा है. राजस्थान सरकार जनजाति क्षेत्र में अच्छी शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है.

11 व्याख्याताओं के भरोसे एमबीडी कॉलेज

वहीं कुशलगढ़ में स्थित राजकीय मामा बालेश्वर दयाल राजकीय महाविद्यालय आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यह महाविद्यालय साल 2019 में भी बिना प्राचार्य, उप प्राचार्य और सिर्फ 11 व्याख्याताओं के भरोसे संचालित हो रहा है.

ये पढ़ेंः Special­: भामाशाहों की मदद से स्कूल की काया पलटी, अब प्राइवेट स्कूलों जैसी हो रही पढ़ाई

महाविद्यालय में स्वीकृत पद और रिक्त पद...

  • हिन्दी विभाग के 4 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 3 रिक्त पद है
  • इतिहास विभाग में 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें दोनों ही पद रिक्त है
  • समाजशास्त्र विभाग के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें एक पद रिक्त है
  • राजनीति विज्ञान के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 1 पद रिक्त है
  • भौतिक शास्त्र में 1 पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
  • प्राणी शास्त्र में एक पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
  • वहीं महाविद्यालय में लेखकार का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
  • यू.ड़ीसी. का 1 पद स्वीकृत हैं, जो रिक्त है
  • पी.टी.आई का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
  • लैब असिस्टेंट के 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमे दोनों ही रिक्त हैं
  • पुस्तकालय अध्यक्ष का 1 पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
  • बुक लिप्टर का एक पद स्वीकृत है, जो रिक्त है
  • चतुर्थ श्रेणी के 5 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 2 पद रिक्त हैं

वहीं कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए के खेल का मैदान तो है. लेकिन समतलीकरण नहीं होने के कारण उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य के बातचीत की. उन्होंने बताया कि पिछले सत्र में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने पर कुछ संकायों में बांसवाड़ा से 15 दिन के लिए व्याख्याता बुलाए गए थे.

Intro:कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). दक्षिणी राजस्थान के छोर में मध्य प्रदेश एवं गुजरात की सीमाओं से सटा हुए कुशलगढ़ जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां पर शिक्षा चिकित्सा बेरोजगारी बहुत ही बड़ा मुद्दा है कहने में तो देश आजाद हुए और 60 साल से अधिक का समय हो चुका है भारत में 2G आया 4G आया और अब 5G आने वाला है लेकिन कुशलगढ़ आज भी आजादी के बाद से ही अगर बात की जाए तो दूसरे विधानसभाओं से काफी विकास में पिछड़ा हुआ है हम बात करने जा रहे हैं एक और राजस्थान की सरकार जनजाति क्षेत्र में अच्छी शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है तो वही कुशलगढ़ में स्थित राजकीय मामा बालेश्वर दयाल राजकीय महाविद्यालय क्षैत्रिय विधायक रमिला खड़िया की विधानसभा में एक सबसे बड़ा सराकरी काॅलेज हैं जहां पूरी विधानसभा क्षेत्र की कुशलगढ़ व सज्जनगढ़ पंचायत समिति के छात्र छात्रा अध्ययन करते हैं.Body:यहां काॅलेज में प्रथम वर्ष से लगाकर तृतीय वर्ष तक के नियमित विद्यार्थी के रूप में करीब 1985 छात्र - छात्राएं अध्ययनरत हैंं. लेकिन इन छात्र - छात्राओं का भविश्य अंधकार में है यहां काॅलेज के मुखिया कहे जाने वाले प्राचार्य का पद लम्बे समय से रिक्त हैंं वहिं कुल 22 व्याख्याताओंं के कुल स्वीकृत पदों में से महज 11 व्याख्याता की कार्यरत हैंं. इस महाविद्यालय में प्राचार्य व उपाचार्य के एक एक पद स्वीकृत हैं जो दोनों रिक्त हैं. वहीं व्याख्याता की बात करे तो इस महाविद्यालय में हिन्दी के 4 पद स्वीकृत हैं जिसमें 1 कार्यरत हैं तो 3 रिक्त पद हैं,इतिहास में दो पद स्वीकृत हैं जिसमें दोनों ही पद रिक्त हैं,समाजशास्त्र के 2 पद स्वीकृत हैं जिसमें एक पद रिक्त हैं,राजनीति विज्ञान के 2 पद स्वीकृत हैं जिसमें 1 पद रिक्त हैं,भौतिक शास्त्र में 1 पद स्वीकृत हैं जो रिक्त हैं,प्राणी शास्त्र में एक पद स्वीकृत हैं जो रिक्त है.वहीं महाविद्यालय में लेखाकार का 1 पद स्वीकृत हैं जो रिक्त हैं,यु.ड़ीसी. का 1 पद स्वीकृत हैं जो रिक्त हैं,पी.टी.आई का 1 पद स्वीकृत हैं जो रिक्त हैं,लेब असिस्टेंट के 2 पद स्वीकृत हैं जिसमें दोनों ही रिक्त हैं,पुस्तकालय अध्यक्ष का 1 पद स्वीकृत हैं जो रिक्त हैं,बुक लिप्टर का एक पद स्वीकृत हैं जो रिक्त हैं,साथ ही चतुर्थ श्रेणी के 5 पद स्वीकृत हैं जिसमें दो पद भी लम्बे समय से रिक्त है।Conclusion:वहिं काॅलेज विद्यार्थियों के लिए के आयोजित खेल प्रतियोगिताओंं के लिये मैदान तो हैं,लेकिन समतलीकरण नहीं होने के कारण उसका उपयोग नहीं हो पा रहा हैंं। अब देखना यह होगा की सरकार इस सरकारी महाविद्धालय में छात्र छात्राओं की सुविधाओं के लिये मौजुदा सरकार कब तक ध्यान देेेकर उक्त काॅलेज में व्याख्याताओंं के पदों को भरने व छात्र छात्राओं समस्याओं का समाधान कर पाती हैं।

बाइट :- डाँ.एस.के.बिस्सु, कार्यवाहक प्राचार्य एमबीड़ी काँलेज
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