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पुलिस और प्रशासन के सामने खुद को आग लगाने वाले युवक की अस्पताल में मौत, अतिक्रमण हटाने के विरोध में किया था आत्मदाह

अलवर में जमीन पर अतिक्रमण हटाने के विरोध में एक युवक ने खुद को आग (self immolation case in alwar) लगा ली थी. शनिवार को युवक की जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उसकी मौत हो गई. इसे लेकर ग्रामीणों में खासा रोष है जबकि परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है.

self immolation case in alwar
युवक की मौत
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Published : Jun 18, 2022, 9:02 PM IST

अलवर. जिले के मालाखेड़ा के चांदपहाड़ी गांव में एक जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम के सामने विरोध स्वरूप करण सिंह गुर्जर ने खुद को आग (self immolation case in alwar) लगा ली थी. इलाज के दौरान जयपुर के एसएमएस अस्पताल में करण सिंह की शनिवार शाम 6 बजे मौत हो गई. घटना के दिन गंभीर रूप से झुलसे व्यक्ति को इलाज के लिए अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत गंभीर होने की वजह से चिकित्सकों ने उसे जयपुर रेफर कर दिया था.

अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र के नटनी का बारा के पास चांदपहाड़ी गांव में 15 बीघा सरकारी जमीन को पंचायत ने कन्हैया लाल को अलॉट की थी. लेकिन उस जमीन पर गांव के मंतूराम का कब्जा था. कन्हैयालाल कई बार कब्जा लेने के लिए पहुंचा, लेकिन मंगतूराम ने उसे कब्जा नहीं लेने दिया. इस पर यह मामला न्यायालय में पहुंचा. न्यायालय में कई साल मामला चला जिसके बाद पक्ष और विपक्ष की दलील को न्यायालय ने सुना. ऐसे में न्यायालय ने कन्हैया लाल के पक्ष में फैसला देते हुए पुलिस और प्रशासन को जमीन से अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए. इस पर बीते सोमवार को मालाखेड़ा एसडीएम और मालाखेड़ा थाने की पुलिस जमीन से अतिक्रमण हटवाने पहुंची. इसके विरोध में मंतूराम के बेटे करण सिंह गुर्जर ने खुद को आग लगा ली.

पढ़ें. राजस्थानः अलवर में अतिक्रमण हटाने का विरोध, व्यक्ति ने खुद को लगाई आग...

इस घटना को देखने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम में हड़कंप मच गया. पुलिस ने झुलसे व्यक्ति पर तुरंत कपड़ा और मिट्टी डालकर आग बुझाई. इस दौरान वह 60 प्रतिशत से ज्यादा जल गया. इलाज के लिए प्रशासनिक टीम ने उसे अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों की टीम ने हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया. जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि शनिवार को इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई.

इस मामले में मृतक के परिजनों ने एसडीएम व प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एसडीएम ने उनके बेटे को आग लगाई है. वहीं ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से मंगतूराम लोगों का इस जमीन पर कब्जा था. प्रशासन जबरन यह जमीन किसी और को देना चाहता है. इस घटना को लेकर ग्रामीणों में खासा रोष है. मौत की जानकारी मिलने के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

अलवर. जिले के मालाखेड़ा के चांदपहाड़ी गांव में एक जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम के सामने विरोध स्वरूप करण सिंह गुर्जर ने खुद को आग (self immolation case in alwar) लगा ली थी. इलाज के दौरान जयपुर के एसएमएस अस्पताल में करण सिंह की शनिवार शाम 6 बजे मौत हो गई. घटना के दिन गंभीर रूप से झुलसे व्यक्ति को इलाज के लिए अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत गंभीर होने की वजह से चिकित्सकों ने उसे जयपुर रेफर कर दिया था.

अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र के नटनी का बारा के पास चांदपहाड़ी गांव में 15 बीघा सरकारी जमीन को पंचायत ने कन्हैया लाल को अलॉट की थी. लेकिन उस जमीन पर गांव के मंतूराम का कब्जा था. कन्हैयालाल कई बार कब्जा लेने के लिए पहुंचा, लेकिन मंगतूराम ने उसे कब्जा नहीं लेने दिया. इस पर यह मामला न्यायालय में पहुंचा. न्यायालय में कई साल मामला चला जिसके बाद पक्ष और विपक्ष की दलील को न्यायालय ने सुना. ऐसे में न्यायालय ने कन्हैया लाल के पक्ष में फैसला देते हुए पुलिस और प्रशासन को जमीन से अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए. इस पर बीते सोमवार को मालाखेड़ा एसडीएम और मालाखेड़ा थाने की पुलिस जमीन से अतिक्रमण हटवाने पहुंची. इसके विरोध में मंतूराम के बेटे करण सिंह गुर्जर ने खुद को आग लगा ली.

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इस घटना को देखने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम में हड़कंप मच गया. पुलिस ने झुलसे व्यक्ति पर तुरंत कपड़ा और मिट्टी डालकर आग बुझाई. इस दौरान वह 60 प्रतिशत से ज्यादा जल गया. इलाज के लिए प्रशासनिक टीम ने उसे अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों की टीम ने हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया. जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि शनिवार को इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई.

इस मामले में मृतक के परिजनों ने एसडीएम व प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एसडीएम ने उनके बेटे को आग लगाई है. वहीं ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से मंगतूराम लोगों का इस जमीन पर कब्जा था. प्रशासन जबरन यह जमीन किसी और को देना चाहता है. इस घटना को लेकर ग्रामीणों में खासा रोष है. मौत की जानकारी मिलने के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

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