अलवर. देश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. इसके चलते बिहार, उत्तर प्रदेश और असम सहित कई राज्यों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. राजस्थान में भी ज्यादातर जगहों पर बारिश हो रही है. लेकिन, अलवर में अब भी बारिश का इंतजार हो रहा है. हालंकि, जिले में सिंचाई विभाग ने बारिश को लेकर तैयारी पूरी कर ली है.
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अलवर में इस बार सिंचाई विभाग की तरफ से बांधों से मिट्टी निकाली गई है और नहरों की सफाई कराई गई है. अगर बेहतर बारिश होती है तो इस बार अलवर के बांध पानी से लबालब भर सकते हैं. गौरतलब है कि पूरा जिला ट्यूबवेल और भूमिगत पानी के भरोसे रहता है. लगातार पानी के दोहन से जिला डार्क जोन में आ चुका है. ऐसे में तेजी से पानी की कमी हो रही है. हालात खराब होते देख कई योजनाओं पर कई साल से काम चल रहा है. लेकिन, काम की रफ्तार धीमी होने के कारण ये योजनाएं धरातल पर नहीं आ पाई है.
बता दें कि अलवर में 129 बांध हैं. 22 बड़े बांध सिंचाई विभाग के पास हैं, जबकि अन्य जिला परिषद के पास हैं. मौसम विभाग की तरफ से इस बार सामान्य बारिश की संभावना जताई गई थी, क्योंकि अलवर में कई साल से सामान्य से कम बारिश दर्ज हो रही थी. इसलिए सिंचाई विभाग की तरफ से सभी बड़े बांधों की सफाई कराई गई. उनके पेटे से मिट्टी निकालने, गेटों की मरम्मत कराने और बाढ़बंदी कराने सहित अन्य कार्य कराए गए. सभी बांधों पर मिट्टी के भरे हुए कट्टे रखवाए गए हैं. इसके अलावा कांट्रेक्ट पर लोगों को भी तैनात किया गया है, जो लगातार पानी की स्थिति पर नजर रखेंगे.
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सिंचाई विभाग की तरफ से जिले के 65 बांधों में मनरेगा के तहत 6 करोड़ रुपये के कार्य कराए गए हैं. इसके तहत बांधों की सफाई कराना, उनके तलवे में जमीन मिट्टी को हटाना, चारों तरफ बांध की दीवार ठीक कराना और नहरों के सफाई कराना कार्य शामिल है. इसमें मुख्य काम के तहत नटनी का बारा से 10 किलोमीटर लंबी नहर की सफाई कराई गई है. इसके अलावा निजी सहयोग से भी जयसमंद और सिलीसेढ़ बांध में नहर की सफाई कराने और मिट्टी हटाने सहित कई कार्य कराए गए हैं, जिसका प्रभाव हाल ही में देखने को मिला है. एक दिन हुई थोड़ी बारिश के दौरान जयसमंद बांध में पानी आया. वहीं, सिलीसेढ़ बांध के क्षेत्र में भी विस्तार किया गया है.
65 बांधों में 6 करोड़ रुपये के हुए काम
मनरेगा योजना के तहत जिले के 65 बांधों में 6 करोड़ रुपये के काम कराए गए. इनमें प्रमुख काम नटनी का बारा से जयसमंद बांध की नहर की सफाई का है, क्योंकि कई साल से इस नहर की सफाई नहीं हुई थी. इसमें पानी जमा हो गया था. वहीं जगह-जगह पेड़ भी उग आए थे. ऐसे में बारिश के दौरान पानी जयसमंद बांध तक नहीं पहुंच पाता था.
बांधों में लाखों लीटर पानी स्टोर होने की क्षमता
अलवर में सिलीसेढ़, जयसमंद, मंगलसर और मानसरोवर सहित कई ऐसे बांध हैं, जिनमें लाखों लीटर पानी स्टोर होने की क्षमता है. मंगलसर और सिलीसेढ़ बांध में साल भर पानी रहता है, जबकि अन्य बांध सूख जाते हैं.