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खबर का असर: अलवर में फिर लगाई गई विजलेंस टीम, जयपुर की टीम कर रही है जांच

ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. अलवर में अवैध खनन को रोकने वाली विजलेंस टीम को ही हटा दिया गया था. इसको ईटीवी भारत ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया.

Illegal mining in Alwar, ETV Bharat Impact
अलवर में लगाई गई विजलेंस टीम
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Published : Dec 28, 2021, 10:55 PM IST

अलवर. जिला में अवैध खनन रोकने की जगह उल्टा खनन विभाग के उच्च अधिकारी अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं. अलवर से खनन विभाग की विजिलेंस टीम को हटा दिया गया था. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया (Illegal mining in Alwar). जिसके बाद प्रशासन और सरकार हरकत में आई. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर सामने आया. खनन विभाग के आला अधिकारियों ने विजिलेंस टीम को वापस अलवर लगा दिया है. साथ ही एक संयुक्त टीम बनाई गई है, जो अलवर सहित प्रदेश के 7 जिलों में लगातार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही (Vigilance team re established in Alwar) है.

अलवर में अवैध खनन रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी कई बार सरकार को निर्देश दे चुके हैं लेकिन उसके बाद भी अवैध खनन का सिलसिला बदस्तूर जारी है. अवैध खनन रोकने की जगह उल्टा खनन विभाग के अधिकारी अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं. 3 दिसंबर को सरकार ने खनन विभाग की अलवर की विजलेंस टीम को जयपुर बुला लिया था. जिससे जिले में अवैध खनन पर कार्रवाई का संकट खड़ा हो गया था. जिसके बाद अवैध खनन को खुली छूट मिल गई.

अलवर में लगाई गई विजलेंस टीम

अलवर जिले के टहला, रामगढ़, थानागाजी, राजगढ़ क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन होने लगा व सबसे ज्यादा शिकायतें टहला व रामगढ़ क्षेत्र से आने लगी. ईटीवी भारत ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया. खबर प्रकाशित होने के बाद खनन विभाग व सरकार हरकत में आई और राज्य सरकार ने खनन विभाग की विजलेंस टीम को कार्रवाई के लिए वापस अलवर भेजने का निर्णय किया. इसके अलावा एक स्पेशल टीम बनाई गई है. जो अलवर, दौसा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, टोंक, सीकर, झुंझुनू सहित सात जिलों में लगातार अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

यह भी पढ़ें. अलवर में अवैध खनन को बढ़ावा देने के लिए विजलेंस टीम को हटाया

अलवर में सताना, बिलंदी, एमआइए स्थित गोलेटो, भटेसरा, घेघोली, मुण्डावर के सेवपुर, अलवर शहर के समीप जटियाणा, टहला क्षेत्र सहित अनेक स्थानों पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता रहा है. यहां अवैध खनन रोकना खनन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. अलवर में खनन विभाग के पास पहले ही संसाधनों की कमी है. यहां अवैध खनन रोकने के लिए अतिरिक्त संसाधन की जरूरत है. जिले में खनन विभाग की विजलेंस टीम नहीं होने से अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई रुक गई थी.

अरावली क्षेत्र में लंबे समय से बड़े पैमाने पर अवैध खनन की शिकायतें मिलती रही है लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी अपनी आंख बंद करके चुपचाप बैठे हुए हैं. अलवर में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब विजिलेंस टीम को हटाया गया हो. इसी साल अगस्त माह के आसपास भी विजिलेंस टीम को हटाकर जयपुर लगाया गया था.

7 जिलों में चल रही है कार्रवाई

जयपुर संभाग के एसएमई विजिलेंस केसी गोयल ने बताया कि अलवर सहित प्रदेश के 7 जिलों में अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है. इसमें अलवर, दोसा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, झुंझुनू, टोंक व आसपास का क्षेत्र शामिल है. अभी तक 20 से ज्यादा डंपर व ट्रैक्टर पकड़े जा चुके हैं जिन को पुलिस के सुपुर्द किया गया है. इसके अलावा लगातार खनन विभाग की टीम एफआईआर भी दर्ज करा रही है. अलवर के टहला बानसूर रामगढ़ सहित विभिन्न जगहों से लाल पत्थर, खंडा, मार्बल सहित अन्य गाड़ियों को बिना रवनने के पकड़ा गया है. इसके अलावा सीकर टोंक जयपुर ग्रामीण सहित अन्य जगह पर भी लगातार विभाग की टीम अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

अलवर. जिला में अवैध खनन रोकने की जगह उल्टा खनन विभाग के उच्च अधिकारी अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं. अलवर से खनन विभाग की विजिलेंस टीम को हटा दिया गया था. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया (Illegal mining in Alwar). जिसके बाद प्रशासन और सरकार हरकत में आई. ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर सामने आया. खनन विभाग के आला अधिकारियों ने विजिलेंस टीम को वापस अलवर लगा दिया है. साथ ही एक संयुक्त टीम बनाई गई है, जो अलवर सहित प्रदेश के 7 जिलों में लगातार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई कर रही (Vigilance team re established in Alwar) है.

अलवर में अवैध खनन रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी कई बार सरकार को निर्देश दे चुके हैं लेकिन उसके बाद भी अवैध खनन का सिलसिला बदस्तूर जारी है. अवैध खनन रोकने की जगह उल्टा खनन विभाग के अधिकारी अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं. 3 दिसंबर को सरकार ने खनन विभाग की अलवर की विजलेंस टीम को जयपुर बुला लिया था. जिससे जिले में अवैध खनन पर कार्रवाई का संकट खड़ा हो गया था. जिसके बाद अवैध खनन को खुली छूट मिल गई.

अलवर में लगाई गई विजलेंस टीम

अलवर जिले के टहला, रामगढ़, थानागाजी, राजगढ़ क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध खनन होने लगा व सबसे ज्यादा शिकायतें टहला व रामगढ़ क्षेत्र से आने लगी. ईटीवी भारत ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया. खबर प्रकाशित होने के बाद खनन विभाग व सरकार हरकत में आई और राज्य सरकार ने खनन विभाग की विजलेंस टीम को कार्रवाई के लिए वापस अलवर भेजने का निर्णय किया. इसके अलावा एक स्पेशल टीम बनाई गई है. जो अलवर, दौसा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, टोंक, सीकर, झुंझुनू सहित सात जिलों में लगातार अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

यह भी पढ़ें. अलवर में अवैध खनन को बढ़ावा देने के लिए विजलेंस टीम को हटाया

अलवर में सताना, बिलंदी, एमआइए स्थित गोलेटो, भटेसरा, घेघोली, मुण्डावर के सेवपुर, अलवर शहर के समीप जटियाणा, टहला क्षेत्र सहित अनेक स्थानों पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन होता रहा है. यहां अवैध खनन रोकना खनन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. अलवर में खनन विभाग के पास पहले ही संसाधनों की कमी है. यहां अवैध खनन रोकने के लिए अतिरिक्त संसाधन की जरूरत है. जिले में खनन विभाग की विजलेंस टीम नहीं होने से अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई रुक गई थी.

अरावली क्षेत्र में लंबे समय से बड़े पैमाने पर अवैध खनन की शिकायतें मिलती रही है लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी अपनी आंख बंद करके चुपचाप बैठे हुए हैं. अलवर में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब विजिलेंस टीम को हटाया गया हो. इसी साल अगस्त माह के आसपास भी विजिलेंस टीम को हटाकर जयपुर लगाया गया था.

7 जिलों में चल रही है कार्रवाई

जयपुर संभाग के एसएमई विजिलेंस केसी गोयल ने बताया कि अलवर सहित प्रदेश के 7 जिलों में अवैध खनन के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है. इसमें अलवर, दोसा, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, झुंझुनू, टोंक व आसपास का क्षेत्र शामिल है. अभी तक 20 से ज्यादा डंपर व ट्रैक्टर पकड़े जा चुके हैं जिन को पुलिस के सुपुर्द किया गया है. इसके अलावा लगातार खनन विभाग की टीम एफआईआर भी दर्ज करा रही है. अलवर के टहला बानसूर रामगढ़ सहित विभिन्न जगहों से लाल पत्थर, खंडा, मार्बल सहित अन्य गाड़ियों को बिना रवनने के पकड़ा गया है. इसके अलावा सीकर टोंक जयपुर ग्रामीण सहित अन्य जगह पर भी लगातार विभाग की टीम अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

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