सीकर : जिले के लक्ष्मणगढ़ खूड़ी बड़ी सरपंच रामावतार महला की गोलियां मारकर हत्या करने के मामले में दो आरोपियों को अपर सेशन न्यायालय लक्ष्मणगढ़ की न्यायाधीश श्वेता शर्मा ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. 9 साल पहले लक्ष्मणगढ़ कस्बे के नारायण का बास गांव में चुनाव में हुई रामावतार महला की रंजिश के चलते सरपंच की आरोपियों ने हत्या कर दी थी.
परिवादी के अधिवक्ता संजय कुमार जाट ने बताया कि मामले में परिवादी विमला देवी ने एफआईआर दर्ज करवाई थी. मामले के अनुसार 25 जुलाई 2015 को खुड़ी बड़ी सरपंच रामावतार महला को उनके घर में घुसे दो युवकों ने गोलियों से छलनी कर दिया था. गंभीर रूप से घायल महला को परिजन उपचार के लिए सीकर ले गए, जहां अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक युवक को कोर्ट ने पूर्व में ही बरी कर दिया था. मुख्य अभियुक्त प्रतापपुरा लक्ष्मणगढ़ निवासी सुरेन्द्र निठारवाल और सुरेन्द्र महला के विरुद्ध मामला न्यायालय में चल रहा था. प्रकरण में सुनाए गए फैसले में अपर सेशन न्यायाधीश श्वेता शर्मा ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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ये था मामला : 25 जुलाई 2015 को सुबह सरपंच रामावतार महला नारायण का बास गांव स्थित अपने मकान में बैठे थे. करीब साढ़े आठ बजे पड़ोसी प्रतापपुरा गांव के निवासी सुरेन्द्र निठारवाल व सुरेन्द्र महला बाइक पर सवार होकर उसके घर पहुंचे. युवकों ने सरपंच रामावतार से कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कर मोहर लगाने को कहा. सरपंच ने हस्ताक्षर कर दिए और मोहर लाने के लिए घर में ही खड़ी कार की ओर रवाना हुआ. इस दौरान दोनों युवकों ने अपने साथ लाई पिस्तौले निकाल ली और सरपंच पर फायर करने शुरू कर दिए. बचाव के लिए जेसीबी ड्राइवर ताराचंद दौड़कर आया तो उस पर भी फायरिंग कर दिया. अस्पताल में चिकित्सकों ने सरपंच को मृत घोषित कर दिया था, जबकि ड्राइवर ताराचंद बच गए थे.