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Special : पीएम को राखी बांध चुकीं ऊषा चौमर ने की तारीफ, "स्वच्छता की बात करने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री"

अलवर की ऊषा चौमर को पद्मश्री मिलेगा. वे पीएम मोदी को राखी बांध चुकी हैं. उनका कहना है, कि मैला ढोने का काम किसी को नहीं करना चाहिए. इस काम को करनेवाले को हीन भावना से देखा जाता है. ऊषा ने ये भी कहा, कि स्वच्छता की बात करने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं.

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मैला ढोना सबसे गंदा काम: ऊषा चौमर
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Published : Jan 26, 2020, 11:52 AM IST

Updated : Jan 26, 2020, 12:26 PM IST

अलवर. जिले की ऊषा चौमर को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा. ऊषा का कहना है, कि महात्मा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने स्वच्छता की बात की है.

मैला ढोना सबसे गंदा काम: ऊषा चौमर

ऊषा कहती हैं, कि मैला ढोने का काम सबसे गंदा काम है. यह काम किसी को नहीं करना चाहिए. यह काम करने वाले लोगों को देश में हीन भावना से देखा जाता है और उनके साथ छुआछूत होती है.

मैला ढोने वाली ऊषा चौमर को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा. उनके नाम की घोषणा 25 जनवरी को की गई. उसके बाद से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. मोहल्ले के लोग उनको बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं. ऊषा ने बताया, कि उनकी तरह उनके परिवार में अन्य लोग भी मैला ढोने का काम करते थे. साल 2003 में उन्होंने इस काम को छोड़ा और उसके बाद अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए हाथ से बने हुए सामान बनाकर बाजार में बेचना शुरू किया. उसके बाद से लगातार मैला ढोने वाली महिलाओं को प्रेरित करके अपने साथ जोड़ रहीं हैं.

यह भी पढ़ें. अलवर की उषा को पद्मश्री, मैला ढोने का काम छोड़ सामाजिक सरोकार से दे रहीं लाखों महिलाओं को प्रेरणा

उनकी जैसी करीब 120 महिलाएं उनके साथ जुड़ी हुई हैं, जो पहले मैला ढोने का काम करती थीं. ऊषा ने बताया, कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वो कई बार राखी बांध चुकी हैं. महात्मा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो साफ-सफाई की बात करते हैं.

ऊषा ये भी कहती हैं, कि जब देश के प्रधानमंत्री झाड़ू उठा कर सफाई कर सकते हैं तो हम सभी को मिलकर इस काम में जुड़ना चाहिए. जिससे हमारा देश आगे बढ़ सके.

यह भी पढ़ें. Exclusive : पाकिस्तान में राजपूत बेटियों की शादी में क्यों आती है मुश्किलें...जानिए, पाक मूल की नीता कंवर की जुबानी

ऊषा का कहना है, कि मैला ढोने जैसा काम किसी को नहीं करना चाहिए. यह काम करने वाले लोगों को समाज में हीन भावना से देखा जाता है. उनके साथ छुआछूत जैसा व्यवहार किया जाता है.

ऊषा के मुताबिक 'अगर यह काम करती तो शायद मेरी बेटी और परिवार की अन्य महिलाओं को भी यह काम करना पड़ता'.

अलवर. जिले की ऊषा चौमर को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा. ऊषा का कहना है, कि महात्मा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने स्वच्छता की बात की है.

मैला ढोना सबसे गंदा काम: ऊषा चौमर

ऊषा कहती हैं, कि मैला ढोने का काम सबसे गंदा काम है. यह काम किसी को नहीं करना चाहिए. यह काम करने वाले लोगों को देश में हीन भावना से देखा जाता है और उनके साथ छुआछूत होती है.

मैला ढोने वाली ऊषा चौमर को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा. उनके नाम की घोषणा 25 जनवरी को की गई. उसके बाद से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. मोहल्ले के लोग उनको बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं. ऊषा ने बताया, कि उनकी तरह उनके परिवार में अन्य लोग भी मैला ढोने का काम करते थे. साल 2003 में उन्होंने इस काम को छोड़ा और उसके बाद अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए हाथ से बने हुए सामान बनाकर बाजार में बेचना शुरू किया. उसके बाद से लगातार मैला ढोने वाली महिलाओं को प्रेरित करके अपने साथ जोड़ रहीं हैं.

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उनकी जैसी करीब 120 महिलाएं उनके साथ जुड़ी हुई हैं, जो पहले मैला ढोने का काम करती थीं. ऊषा ने बताया, कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वो कई बार राखी बांध चुकी हैं. महात्मा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो साफ-सफाई की बात करते हैं.

ऊषा ये भी कहती हैं, कि जब देश के प्रधानमंत्री झाड़ू उठा कर सफाई कर सकते हैं तो हम सभी को मिलकर इस काम में जुड़ना चाहिए. जिससे हमारा देश आगे बढ़ सके.

यह भी पढ़ें. Exclusive : पाकिस्तान में राजपूत बेटियों की शादी में क्यों आती है मुश्किलें...जानिए, पाक मूल की नीता कंवर की जुबानी

ऊषा का कहना है, कि मैला ढोने जैसा काम किसी को नहीं करना चाहिए. यह काम करने वाले लोगों को समाज में हीन भावना से देखा जाता है. उनके साथ छुआछूत जैसा व्यवहार किया जाता है.

ऊषा के मुताबिक 'अगर यह काम करती तो शायद मेरी बेटी और परिवार की अन्य महिलाओं को भी यह काम करना पड़ता'.

Intro:नोट- पैकेज ऑफिस में तैयार करवाए।

अलवर
अलवर की उषा चौमर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई बार राखी भाग चुकी हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। जिन्होंने स्वच्छता की बात की है। उन्होंने कहा कि मैला ढोने का काम सबसे गंदा काम है। यह काम किसी को नहीं करना चाहिए। यह काम करने वाले लोगों को देश में हीन भावना से देखा जाता है व उनके साथ छुआछूत होती है।


Body:मैला ढोने वाली उषा चोमर को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा। उनके नाम की घोषणा 25 जनवरी को की गई। उसके बाद से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। तो वही मोहल्ले के लोग उनको बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। उसने कहा उनकी तरह उनके परिवार में अन्य लोग भी मैला ढोने का काम करते थे। 2003 में उन्होंने इस काम को छोड़ा व उसके बाद अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए हाथ से बने हुए सामान बनाकर बाजार में बेचना शुरू किया। उसके बाद से लगातार मैला ढोने वाली महिलाओं को प्रेरित करके अपने साथ जोड़ रही है। उन्होंने कहा कि उनकी जैसी करीब 120 महिलाएं उनके साथ जुड़ी हुई है। जो पहले मैला ढोने जैसे काम करती थी। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वो कई बार राखी बांध चुकी है। महात्मा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। जो साफ सफाई की बात करते हैं।


Conclusion:उषा चौहान ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री झाड़ू उठा कर सफाई कर सकते हैं। तो हम सभी को मिलकर इस काम में झुकना चाहिए। जिससे हमारा देश आगे बढ़ सके उन्होंने कहा कि मैं लाडो ना जैसा काम किसी को नहीं करना चाहिए। यह काम करने वाले लोगों को समाज में हीन भावना से देखा जाता है। उनके साथ छुआछूत जैसे व्यवहार किया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर में आज यह काम कर दी। तो शायद मेरी बेटी व परिवार के अन्य महिलाओं को भी यह काम करना पड़ता।

बाइट- उषा चोमर
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Last Updated : Jan 26, 2020, 12:26 PM IST
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