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बहरोड़ के गांवों में आंदोलन के दौरान शहीद किसानों को दी जाएगी श्रद्धांजलि, लोगों से सभा में शामिल होने की अपील

राजस्थान-हरियाणा सीमा पर किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, संगठन के नेताओं ने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक गांव में श्रद्धांजलि सभा करने का फैसला लिया है. किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि जो लोग प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, वे गांवों में होने वाली सभाओं में जरूर शामिल हों.

Alwar News, Farmer leaders, किसान आंदोलन, शहीद किसानों को श्रद्धांजलि
बहरोड़ में शहीद किसानों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
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Published : Dec 16, 2020, 6:08 PM IST

बहरोड़ (अलवर). राजस्थान-हरियाणा सीमा पर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के दक्षिण छोर पर रामपाल जाट और योगेंद्र यादव सहित कई किसान नेता मोर्चा संभाल रहे हैं. यहां प्रतिदिन किसानों द्वारा प्रदर्शन उग्र किया जा रहा है. इस दौरान किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक गांव में श्रद्धांजलि सभा करने का फैसला लिया है. साथ ही किसान नेताओं का कहना है कि जो लोग आंदोलन में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, वे इस श्रद्धांजलि सभा में शामिल हो सकते हैं.

बहरोड़ में शहीद किसानों को दी जाएगी श्रद्धांजलि

पढ़ें: एम्स भर्ती में 80 फीसदी महिलाओं के आरक्षण के खिलाफ नर्सिंग संघ का हस्ताक्षर अभियान, आंदोलन की चेतावनी

देशभर की निगाहें राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर टिकी हुई हैं. सिंघु बॉर्डर के बाद सबसे ज्यादा हलचल राजस्थान बॉर्डर पर दिखाई दे रही है. किसान आंदोलन में हजारों की संख्या में किसान जुट रहे हैं. सभा करने के साथ ही भूख हड़ताल भी लगातार जारी है. प्रतिदिन किसान भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं. कड़कड़ाती सर्दी के बीच अलाव के सामने बैठकर किसान रात गुजार रहे हैं.

राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर रात का तापमान 4-5 डिग्री के आस-पास दर्ज किया जा रहा है. खेतों में इस समय फसल में पानी चल रहा है. इसलिए पाला पड़ रहा है. इसके चलते रात के समय खुले आसमान के नीचे टेंट में सोने वाले किसानों के गद्दे के लिए हो जाते हैं. कोहरे और सर्द हवाओं के बीच किसान डटे हुए हैं.

पढ़ें: किसान आंदोलन में खालिस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं : अलका गुर्जर

वहीं, संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक गांव में 20 दिसंबर को श्रद्धांजलि सभा करने का फैसला लिया है. किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि जो लोग प्रदर्शनमें शामिल नहीं हो पा रहे हैं, वो लोग गांवों में होने वाली सभाओं में जरूर शामिल हो सकते हैं. किसानों को अपनी एकता दिखाने का मौका मिला है.

अभी तक किसान इसमें सफल हुआ है, आगे भी किसान सफल होगा. किसान नेताओं ने कहा कि देश का किसान केंद्र सरकार को दिखा देगा कि किसान की ताकत क्या है. किसान एकजुट हैं. किसान आंदोलन के चलते लगातार सर्दी का प्रभाव बढ़ रहा है. ऐसे में रात भर अलाव के आगे बैठकर किसानों को रात गुजारनी पड़ रही है. हरियाणा सीमा पर किसानों के रोकने के लिए अभी बेहतर इंतजाम नहीं होने के कारण किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है.

ट्रैक्टरों से धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं किसान
दूरदराज के गांवों और शहरों से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टरों में हरियाणा सीमा पर धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं. हजारों की संख्या में दिनभर किसान प्रदर्शन करते हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हैं. कई बार हरियाणा पुलिस और किसानों के बीच विवाद के मामले भी हो चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी किसानों का हौंसला कम नहीं हो रहा है.

बहरोड़ (अलवर). राजस्थान-हरियाणा सीमा पर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के दक्षिण छोर पर रामपाल जाट और योगेंद्र यादव सहित कई किसान नेता मोर्चा संभाल रहे हैं. यहां प्रतिदिन किसानों द्वारा प्रदर्शन उग्र किया जा रहा है. इस दौरान किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक गांव में श्रद्धांजलि सभा करने का फैसला लिया है. साथ ही किसान नेताओं का कहना है कि जो लोग आंदोलन में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, वे इस श्रद्धांजलि सभा में शामिल हो सकते हैं.

बहरोड़ में शहीद किसानों को दी जाएगी श्रद्धांजलि

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देशभर की निगाहें राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन पर टिकी हुई हैं. सिंघु बॉर्डर के बाद सबसे ज्यादा हलचल राजस्थान बॉर्डर पर दिखाई दे रही है. किसान आंदोलन में हजारों की संख्या में किसान जुट रहे हैं. सभा करने के साथ ही भूख हड़ताल भी लगातार जारी है. प्रतिदिन किसान भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं. कड़कड़ाती सर्दी के बीच अलाव के सामने बैठकर किसान रात गुजार रहे हैं.

राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर रात का तापमान 4-5 डिग्री के आस-पास दर्ज किया जा रहा है. खेतों में इस समय फसल में पानी चल रहा है. इसलिए पाला पड़ रहा है. इसके चलते रात के समय खुले आसमान के नीचे टेंट में सोने वाले किसानों के गद्दे के लिए हो जाते हैं. कोहरे और सर्द हवाओं के बीच किसान डटे हुए हैं.

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वहीं, संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक गांव में 20 दिसंबर को श्रद्धांजलि सभा करने का फैसला लिया है. किसान नेता रामपाल जाट ने कहा कि जो लोग प्रदर्शनमें शामिल नहीं हो पा रहे हैं, वो लोग गांवों में होने वाली सभाओं में जरूर शामिल हो सकते हैं. किसानों को अपनी एकता दिखाने का मौका मिला है.

अभी तक किसान इसमें सफल हुआ है, आगे भी किसान सफल होगा. किसान नेताओं ने कहा कि देश का किसान केंद्र सरकार को दिखा देगा कि किसान की ताकत क्या है. किसान एकजुट हैं. किसान आंदोलन के चलते लगातार सर्दी का प्रभाव बढ़ रहा है. ऐसे में रात भर अलाव के आगे बैठकर किसानों को रात गुजारनी पड़ रही है. हरियाणा सीमा पर किसानों के रोकने के लिए अभी बेहतर इंतजाम नहीं होने के कारण किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है.

ट्रैक्टरों से धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं किसान
दूरदराज के गांवों और शहरों से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टरों में हरियाणा सीमा पर धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं. हजारों की संख्या में दिनभर किसान प्रदर्शन करते हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हैं. कई बार हरियाणा पुलिस और किसानों के बीच विवाद के मामले भी हो चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी किसानों का हौंसला कम नहीं हो रहा है.

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