जयपुर : जिले की विशेष पॉक्सो अदालत ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में अभियुक्तों विकास, भोमाराम और गजेन्द्र को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने तीनों पर कुल 6.50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. पीठासीन अधिकारी केसी अटवासिया ने कहा कि यौन अपराध न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी बच्चे पर गहरा असर डालते हैं. इससे पीड़ित अवसाद और मानसिक पीड़ा में घिर जाता है. ऐसे मामलों में नरमी बरतना संभव नहीं है.
विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने बताया कि घटना को लेकर पीड़िता के परिजनों ने 12 अप्रैल, 2021 को गोविंदगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि 15 वर्षीय पीड़िता बीती रात घर से बिना बताए कहीं चली गई. रिश्तेदारों और आसपास तलाश करने पर भी उसका पता नहीं चला. पुलिस ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया.
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पीड़िता का बयान : सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि वह अभियुक्त विकास से बातचीत करती थी. 11 अप्रैल, 2021 की रात विकास और गजेन्द्र कार लेकर उसके घर आए और उसे जयपुर ले गए, वहां से विकास उसे सीकर और फिर गुजरात ले गया. गुजरात में विकास और भोमाराम ने उसे शराब पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद वे उसे सिरपुर, किंग गांव और फिर जयपुर लेकर आए. इस दौरान विकास और भोमाराम ने कई बार दुष्कर्म किया. आखिरकार उन्होंने पीड़िता को जयपुर रेलवे स्टेशन पर यह कहकर छोड़ दिया कि 15 दिन बाद उसे लेने आएंगे. मामले में सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए कठोर सजा सुनाई है.