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अलवर: वन्यजीवों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए वन कर्मियों की ट्रेनिंग शुरू

सरिस्का में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. दूसरी तरफ बाघों पर लगातार खतरा भी बढ़ रहा है. अलवर में आए दिन बाघों पर हमला होने और शिकार करने के मामले सामने आते हैं. ऐसे में वन विभाग की तरफ से वन कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षा और प्रबंधन संबंधित जानकारी दी जाएगी.

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Published : Jul 22, 2020, 4:13 AM IST

forest employees, Sariska wildlife, बाघों का शिकार
वन्यजीवों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए कर्मचारियों को दी जा रही है ट्रेनिंग

अलवर. कोरोना संक्रमण के दौरान वन विभाग ने कई नियमों में बदलाव किया है. ऐसे में वन्यजीवों की सुरक्षा खासी अहम समझी जा रही है. कई देशों में वन्य जीवों में भी संक्रमण मिलने की जानकारी मिल रही थी इसलिए वन विभाग की तरफ से विशेष एहतियात बरतते हुए कई कदम उठाए गए.

वन्यजीवों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए कर्मचारियों को दी जा रही है ट्रेनिंग

वन्यजीवों की सुरक्षा व प्रबंधन के लिए वन कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग में प्रदेश के 12 मंडलों के 60 वन कर्मी हिस्सा ले रहे हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक घनश्याम प्रसाद शर्मा और उप वन संरक्षक श्री राम यादव ने किया. 15 दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में सभी 1 कर्मियों और अधिकारियों को अहम जानकारियां दी जाएगी.

ये भी पढ़ें:प्राइवेट कॉलेजों में अधिक फीस वसूलने पर उच्च शिक्षा मंत्री ने लगाई रोक

वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ट्रेनिंग में सभी प्रादेशिक वन मंडलों के कर्मचारियों को विभिन्न रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारियों के अधीन टाइगर ट्रैकिंग एवं मॉनिटरिंग अवैध चराई की रोकथाम व वन जीव शिकार की रोकथाम के लिए कई अहम जानकारियां दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: हज 2021 लॉटरी नहीं निकालने की मांग, अल्पसंख्यक मंत्री सालेह मोहम्मद ने लिखा पत्र

इसके अलावा कोरोना संबंधित नियमों में हुए बदलाव की जानकारी भी दी जाएगी. 3 महीने तक इस तरह का प्रशिक्षण चलेगा. प्रत्येक बैच 15 दिन तक चलेगा. यह प्रशिक्षण सरिस्का से शुरू किया गया है. क्योंकि सरिस्का में लगातार घटनाओं का दौर जारी है. आए दिन नए मामले सामने आते हैं इसलिए प्रशासन की तरफ से यह फैसला लिया गया है. इसका सीधा फायदा सरिस्का में देखने को मिलेगा.

अलवर. कोरोना संक्रमण के दौरान वन विभाग ने कई नियमों में बदलाव किया है. ऐसे में वन्यजीवों की सुरक्षा खासी अहम समझी जा रही है. कई देशों में वन्य जीवों में भी संक्रमण मिलने की जानकारी मिल रही थी इसलिए वन विभाग की तरफ से विशेष एहतियात बरतते हुए कई कदम उठाए गए.

वन्यजीवों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए कर्मचारियों को दी जा रही है ट्रेनिंग

वन्यजीवों की सुरक्षा व प्रबंधन के लिए वन कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग में प्रदेश के 12 मंडलों के 60 वन कर्मी हिस्सा ले रहे हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक घनश्याम प्रसाद शर्मा और उप वन संरक्षक श्री राम यादव ने किया. 15 दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में सभी 1 कर्मियों और अधिकारियों को अहम जानकारियां दी जाएगी.

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वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ट्रेनिंग में सभी प्रादेशिक वन मंडलों के कर्मचारियों को विभिन्न रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारियों के अधीन टाइगर ट्रैकिंग एवं मॉनिटरिंग अवैध चराई की रोकथाम व वन जीव शिकार की रोकथाम के लिए कई अहम जानकारियां दी जाएगी.

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इसके अलावा कोरोना संबंधित नियमों में हुए बदलाव की जानकारी भी दी जाएगी. 3 महीने तक इस तरह का प्रशिक्षण चलेगा. प्रत्येक बैच 15 दिन तक चलेगा. यह प्रशिक्षण सरिस्का से शुरू किया गया है. क्योंकि सरिस्का में लगातार घटनाओं का दौर जारी है. आए दिन नए मामले सामने आते हैं इसलिए प्रशासन की तरफ से यह फैसला लिया गया है. इसका सीधा फायदा सरिस्का में देखने को मिलेगा.

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