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अलवर में फिर से लौटने लगी पर्यटकों की रौनक, होटल कारोबारी खुश

कोरोना के चलते पिछले करीब छह महीने से बंद पड़े अलवर के होटल पर्यटकों के लिए खुल गए हैं. जिसके बाद से लगातार शहर में पर्यटकों की काफी चहल-पहल है, जिससे होटल से लेकर अन्य कारोबारी खुश हैं. देखिए यह रिपोर्ट

पर्यटकों की भीड़, Tourists back in Alwar
पटरी पर पर्यटन
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Published : Oct 7, 2020, 8:04 PM IST

बहरोड़ (अलवर). कोरोना महामारी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. देश की जीडीपी लगातार गिर रही है. हर वर्ग और व्यवसाय इस कोरोना की मार को झेल रहा है. ऐसे में करोड़ों रुपए का नुकसान झेल चुकी होटल इंडस्ट्री को एक बार फिर से नया जीवनदान मिलता दिख रहा है.

पटरी पर पर्यटन

दरअसल कोरोना महामारी के चलते लोग 6 माह से अपने घरों में बंद है. ऐसे में लोगों में तनाव, चिड़चिड़ापन और फ्रस्ट्रेशन सहित कई तरह की शिकायतें होने लगी है. ऐसे में लोग अपना तनाव दूर करने के लिए अलवर आ रहे हैं. लंबे समय के लॉकडाउन के बाद होटल में फिर से हलचल नजर आने लगी है.

पढ़ेंः राजस्थान में बढ़ते अपराधों के कारण प्रदेश शर्मसार है : दीया कुमारी

अलवर के ऐतिहासिक इमारतों और किलों पर बने होटल दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, नोएडा के पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है. अलवर जिले में किलो और ऐतिहासिक इमारतों पर कई बड़े होटल हैं. पर्यटक को अलवर शहर की हरी-भरी वादियां, किले, महल, संस्कृति काफी पसंद आ रही है. अलवर में आने वाले पर्यटकों के लिए राजस्थानी लोक संगीत मनोरंजन का बड़ा साधन है. पर्यटक के आने के बाद अब राजस्थानी कलाकारों में भी उत्साह और उमंग नजर आने लगा है.

कहां से आ रहे हैं पर्यटक

अलवर जिले में आम तौर पर प्रतिदिन देशभर से हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. लेकिन अभी आने वाले ज्यादातर पर्यटक दिल्ली, जयपुर, गुरुग्राम, हरियाणा, चंडीगढ़ जगहों से आ रहे हैं. सोमवार से शुक्रवार तक पर्यटकों की संख्या कम रहती है, लेकिन शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में पर्यटक अलवर पहुंच रहे हैं. अलवर के होटल में पर्यटकों को तीन हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक के पैकेज उपलब्ध हैं.

अन्य जगह भी पर्यटन बढ़ने की है संभावना

अलवर आने वाले पर्यटक जंगल का आनंद ले सकते हैं. सरिस्का सफारी के अलावा बफर जोन में बाला किला सफारी चल रही है. हालांकि अभी सरिस्का में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या खासी कम है. इसके अलावा अलवर में बाला किला, भर्तहरि धाम, पांडुपोल हनुमान मंदिर, नीलकंठ महादेव, ताल वृक्ष, नारायणी माता मंदिर, अजबगढ़ भानगढ़, सिटी पैलेस, अलवर म्यूजियम, फतेहजंग गुम्बद, मुसीमहारानी, सागर, सिलीसेढ़ सहित करीब 2 दर्जन से अधिक पर्यटन स्थल है, जो देश विदेश में अपनी विशेष पहचान रखते हैं.

लोक कलाकारों को मिला जीवन दान

अलवर के रहने वाले अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार भपंग वादक यूसुफ खान ने बताया कि कोरोना के चलते पूर्व में होने वाले सभी बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त हो चुके हैं. ऐसे में अब जिले में आने वाले पर्यटकों से ही लोक कलाकारों को रोजी रोटी मिल रही है. अलवर के राजस्थानी लोक कलाकार इन दिनों नीमराणा, केसरोली, तिजारा फोर्ट में पर्यटकों का मनोरंजन करने के लिए जा रहे हैं.

पढ़ेंः रेलवे ने बनाई लॉकडाउन के लिए स्पेशल सीएल लीव पॉलसी, ना ही छुट्टी लगेगी, ना ही सैलेरी कटेगी

सरकार की गाइडलाइन का हो रहा पालना

होटल व्यापारियों ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सभी गाइडलाइन की पालन हो रही है. होटल में आने वाले प्रत्येक पर्यटक की बेहतर तरह से जांच होती है. उसके सामान को सैनिटाइज किया जाता है. इसके अलावा होटल स्टाफ को भी खासतौर पर ट्रेंड किया गया है. सभी स्टाफ को होटल में अलग से रखा जा रहा है. जिससे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आ सके. वहीं किसी भी पर्यटक को परेशानी होने पर तुरंत उसको हर संभव मदद भी उपलब्ध कराई जाती है. पूरे होटल को सैनिटाइज करने की व्यवस्था होटल प्रशासन की तरफ से की गई है.

बहरोड़ (अलवर). कोरोना महामारी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है. देश की जीडीपी लगातार गिर रही है. हर वर्ग और व्यवसाय इस कोरोना की मार को झेल रहा है. ऐसे में करोड़ों रुपए का नुकसान झेल चुकी होटल इंडस्ट्री को एक बार फिर से नया जीवनदान मिलता दिख रहा है.

पटरी पर पर्यटन

दरअसल कोरोना महामारी के चलते लोग 6 माह से अपने घरों में बंद है. ऐसे में लोगों में तनाव, चिड़चिड़ापन और फ्रस्ट्रेशन सहित कई तरह की शिकायतें होने लगी है. ऐसे में लोग अपना तनाव दूर करने के लिए अलवर आ रहे हैं. लंबे समय के लॉकडाउन के बाद होटल में फिर से हलचल नजर आने लगी है.

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अलवर के ऐतिहासिक इमारतों और किलों पर बने होटल दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, नोएडा के पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है. अलवर जिले में किलो और ऐतिहासिक इमारतों पर कई बड़े होटल हैं. पर्यटक को अलवर शहर की हरी-भरी वादियां, किले, महल, संस्कृति काफी पसंद आ रही है. अलवर में आने वाले पर्यटकों के लिए राजस्थानी लोक संगीत मनोरंजन का बड़ा साधन है. पर्यटक के आने के बाद अब राजस्थानी कलाकारों में भी उत्साह और उमंग नजर आने लगा है.

कहां से आ रहे हैं पर्यटक

अलवर जिले में आम तौर पर प्रतिदिन देशभर से हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. लेकिन अभी आने वाले ज्यादातर पर्यटक दिल्ली, जयपुर, गुरुग्राम, हरियाणा, चंडीगढ़ जगहों से आ रहे हैं. सोमवार से शुक्रवार तक पर्यटकों की संख्या कम रहती है, लेकिन शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में पर्यटक अलवर पहुंच रहे हैं. अलवर के होटल में पर्यटकों को तीन हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक के पैकेज उपलब्ध हैं.

अन्य जगह भी पर्यटन बढ़ने की है संभावना

अलवर आने वाले पर्यटक जंगल का आनंद ले सकते हैं. सरिस्का सफारी के अलावा बफर जोन में बाला किला सफारी चल रही है. हालांकि अभी सरिस्का में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या खासी कम है. इसके अलावा अलवर में बाला किला, भर्तहरि धाम, पांडुपोल हनुमान मंदिर, नीलकंठ महादेव, ताल वृक्ष, नारायणी माता मंदिर, अजबगढ़ भानगढ़, सिटी पैलेस, अलवर म्यूजियम, फतेहजंग गुम्बद, मुसीमहारानी, सागर, सिलीसेढ़ सहित करीब 2 दर्जन से अधिक पर्यटन स्थल है, जो देश विदेश में अपनी विशेष पहचान रखते हैं.

लोक कलाकारों को मिला जीवन दान

अलवर के रहने वाले अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार भपंग वादक यूसुफ खान ने बताया कि कोरोना के चलते पूर्व में होने वाले सभी बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त हो चुके हैं. ऐसे में अब जिले में आने वाले पर्यटकों से ही लोक कलाकारों को रोजी रोटी मिल रही है. अलवर के राजस्थानी लोक कलाकार इन दिनों नीमराणा, केसरोली, तिजारा फोर्ट में पर्यटकों का मनोरंजन करने के लिए जा रहे हैं.

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सरकार की गाइडलाइन का हो रहा पालना

होटल व्यापारियों ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सभी गाइडलाइन की पालन हो रही है. होटल में आने वाले प्रत्येक पर्यटक की बेहतर तरह से जांच होती है. उसके सामान को सैनिटाइज किया जाता है. इसके अलावा होटल स्टाफ को भी खासतौर पर ट्रेंड किया गया है. सभी स्टाफ को होटल में अलग से रखा जा रहा है. जिससे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आ सके. वहीं किसी भी पर्यटक को परेशानी होने पर तुरंत उसको हर संभव मदद भी उपलब्ध कराई जाती है. पूरे होटल को सैनिटाइज करने की व्यवस्था होटल प्रशासन की तरफ से की गई है.

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