अलवर. बाघ एसटी-13 को गायब (Tiger ST-13 missing) हुए एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है. लेकिन बाघ को लेकर कोई सुराग नहीं मिला है. बाघ की तलाश में 35 टीम लगी हुई हैं. सरिस्का प्रशासन व वन विभाग के लिए बाघ एक पहेली बन चुका है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जब तक बाघ की कोई जानकारी नहीं मिलेगी. लगातार बाघ को तलाश करने की प्रक्रिया जारी रहेगी.
सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि आसपास क्षेत्र में बसे गांवों में ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है. लेकिन अभी तक बाघ के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस व वन विभाग के मुखबिर भी बाघ की सूचना देने में विफल रहे हैं. वहीं सरिस्का, अजबगढ़, राजगढ़, दौसा, जयपुर ग्रामीण वन मंडलों में भी खोजबीन की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा है. स्थिति यह है कि एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी सरिस्का प्रशासन बाघ की सलामती को लेकर कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं है.
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बाघ एसटी-13 को लेकर खास बात यह कि एक महीने से ज्यादा समय से बाघ गायब है, संभावना है कि इस दौरान बाघ सरिस्का में किसी न किसी क्षेत्र में गया होगा. उस क्षेत्र में बाघ ने किसी वन्यजीव या मवेशी का शिकार भी किया गया होगा. लेकिन अभी तक किसी ग्रामीण की ओर से न तो किसी मवेशी के शिकार की शिकायत की गई और न ही वन्यजीव के शिकार के साक्ष्य मिले हैं. बाघ यदि किसी दूसरे वन क्षेत्र में गया तो रास्ते में मवेशी का शिकार या अन्य किसी को नुकसान पहुंचाने या दिखने की सूचना भी नहीं है. यदि बाघ के साथ कोई अनहोनी हुई है तो उसके भी कोई साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं.
सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने कहा कि बाघ की हर एंगल से तलाश हो रही है. लेकिन सभी तरफ से निराशा ही मिल पाई है. वनकर्मी सभी तरह की संभावनाओं को ध्यान में रख बाघ की खोज कर रहे हैं. लेकिन किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं मिल पाई है. सरिस्का प्रशासन ने पूर्व में बाघों के साथ हुई घटनाओं की हिस्ट्री खंगाल उसके आधार पर तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका.