अलवर. बाला किला बफर जोन में बीते तीन माह से बाघ, बाघिन और उनके शावकों की मूवमेंट की खबरें आ रही हैं. कई बार विचरण करते बाघ की तस्वीर और वीडियो भी सामने आए हैं. वहीं, शनिवार रात को शहर के करीब प्रतापगंज चौकी के पास एक बाघ गाय का शिकार करते नजर आया. इस दौरान वहां से गुजर रहे लोगों ने इस हंटिंग दृश्य को अपने मोबाइल में कैद कर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
सरिस्का में कुल 28 बाघ, बाघिन और उनके शावक हैं. जिसमें 14 बाघिन, 8 बाघ और 6 शावक शामिल हैं. जबकि बाला किला बफर जोन में बाघिन एसटी 18, बाघ एसटी 19 और दो शावक हैं. वहीं, शावकों में एक मेल और एक फीमेल है. सरिस्का का बफर जोन शहरी क्षेत्र से लगा हुआ है. इसमें बाला किला और उसके आसपास के क्षेत्र आते हैं. यहां छोटे-मोटे गांव भी बसे हैं. ऐसे में यहां लोगों की आवाजाही लगी रहती है.
इस क्षेत्र में बीते तीन माह से चार बाघ घूम रहे हैं. कई बार बाला किला रोड तो कई बार प्रतापगंज से दधिकर की ओर जाने वाले रास्ते पर बाघ आ जाता है. अनेकों बार सरिस्का प्रशासन ने रास्ते बंद किए. लेकिन ग्रामीणों के लिए ये ही रास्ता मुफीद पड़ता है. ऐसे में वन विभाग की परेशानियां बढ़ जाती है. वहीं, शुक्रवार को प्रतापगंज से आड़ा पाड़ा हनुमान मंदिर की तरफ जाने वाले मार्ग पर बाघ ने एक गाय का शिकार किया तो वहीं, शनिवार को उस शिकार को बाघ खाता नजर आया.
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एसीएफ शंकर सिंह ने बताया कि विभाग के अधिकारी हमेशा तैनात रहते हैं. बाघों की मॉनिटरिंग की जा रही है. आबादी के आसपास बाघों के आने के दौरान वन कर्मियों द्वारा पूरी सावधानी बरती जाती है. जरूरत पड़ने पर सड़क मार्ग को बंद भी किया जाता है.
बानसूर के काजीपुरा गांव में भालू का आतंक - अलवर के बानसूर क्षेत्र के कांजीपुरा गांव में मादा भालू के आने से ग्रामीणों में मचा हड़कंप मच गया. वन विभाग के अधिकारी लगातार मादा भालू को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इसी मई माह सरिस्का ताल वृक्ष रेंज में मादा भालू को छोड़ा गया था, लेकिन ये मादा भालू बार-बार जंगल की बजाय ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर जा रही है. इससे वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की नींद उड़ी हुई है और वो लगातार मादा भालू को पकड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं.