अलवर. अलवर के सरिस्का में बाघ के बढ़ते कुनबे के बीच बाघिन ST-12 के तीन शावकों का सोमवार को नामकरण हो गया. तीनों मेल बाघ है. तीनों की अलग-अलग टेरिटरी है. तीनों बाघ अपनी मां से अलग हो चुके हैं. ऐसे में सरिस्का प्रशासन ने इनको नया नाम दिया है.
सरिस्का में बाघिन ST12 के तीन शावकों का सोमवार को नामकरण हुआ. सरिस्का प्रशासन की तरफ से इनको बाग ST-23, ST- 24 और ST- 25 दिया गया है. ST- 23 सुकोला क्षेत्र में घूम रहा है. इसने सुकोला के जंगलों को अपना डेरा बनाया है. इसके अलावा ST- 24 और ST-25 अजबगढ़ रेंज में अलग-अलग जगहों पर घूम रहे हैं. तीनों ही बाघ ने अपना अलग-अलग क्षेत्र चुन लिया है व तीनों बाघ अपनी मां से अलग हो चुके हैं. इनकी उम्र 20 से 21 माह के आसपास है.
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सरिस्का क्षेत्र में अब तीन शावक बचे हैं. जिनका नामकरण होना है. यह शावक ST-14 के शावक हैं. सरिस्का प्रशासन की मानें तो सरिस्का के जंगलों में बाघों का कुनबा बढ़ेगा. यहां मेल नए शावकों की संख्या बढ़ रही है. युवा बाघ होने के कारण यह कुनबा बढ़ाने में मददगार होंगे. सरिस्का में अब 10 बाघिन, 10 बाघ व तीन शावक हैं. सरिस्का प्रशासन की तरफ से सभी बाघों की मॉनिटरिंग की जा रही है. जंगल क्षेत्र में बसे गांवों को भी विस्थापित किया जा रहा है. इसलिए लगातार यहां बाघों का कुनबा बढ़ रहा है.