बहरोड़ (अलवर). दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बावजूद अलवर जिले में अभी तक क्रेशर और प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों को बंद नहीं किया गया है. जिला प्रशासन की ओर से प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों और क्रेशरों का सर्वे करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों और क्रेशरों को बंद किया जाएगा. जबकि राज्य प्रदूषण मंडल ने अलवर और भरतपुर में क्रेशरों, कोयला और लोहे को गलाने साथ ही प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों को बंद करने के निर्देश जारी कर दिए है.
जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह का कहना है कि अभी कमेटी गठित की गई है जो रिपोर्ट देगी. उसके बाद ही कंपनियों को बंद करने की कार्रवाई की जाएगी. जिले में प्रशासन के इस ढुलमुल रैवेये की वजह से भिवाड़ी और अलवर जिले सहित दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण लगातर खरतनाक स्तर तक फैल रहा है.
देश की हवा जहरीली हो गई है
बता दें कि दिल्ली एनसीआर में शामिल दो दर्जन से अधिक शहरों में शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर 400 को पार कर चुका है. भिवाड़ी देश में सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप 5 में चल रहा है. राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड ने भी शुक्रवार को अलवर और भरतपुर जिले में 250 स्टोन क्रेशर और हॉट मिक्स प्लांट को बंद रखने के आदेश जारी किए हैं.
भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में भी कोयला और अन्य ईंधन के उपयोग से चलने वाली करीब 125 इंडस्ट्रीज बंद करने के आदेश अभी तक प्रभावी नहीं हो पाए हैं. गौरतलब है कि प्रदूषण को लेकर ईपीसीए की रिपोर्ट और पराली जलाने जैसे मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट 4 नवंबर को सुनवाई करेगा.
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इस दौरान अलवर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने बताया की राज्य प्रदूषण मंडल का पत्र मिला है. उसके बाद एक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद प्रदूषण फैलाने वाले संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी.